
आर पी डब्लू न्यूज/राजीव मेहता
यमुनानगर 24 दिसंबर, 2022:- स्थानीय मुकन्द लाल नेशनल कॉलेज, यमुनानगर की आई0क्यू0ए0सी0 के द्वारा 23 दिसंबर, 2022 को लिंग संवेदीकरण विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग, हरियाणा द्वारा प्रायोजित इस कार्यशाला में हरियाणा के विभिन्न महाविद्यालयों से आए 130 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला का शुभारंभ प्रबंधक समिति के सदस्य डॉ0 अजय शर्मा द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। डॉ0 ऋतु कुमार, (आई0क्यू0ए0सी0 सदस्य) एवं डॉ0 रचना अग्रवाल, (आई0क्यू0ए0सी0 संयोजक) संयुक्त रूप से इस कार्यशाला की संयोजक रही। कार्यशाला के आरंभ में डॉ0 ऋतु कुमार ने लिंग संवेदीकरण विषय पर प्रकाश डाला।
प्रथम सत्र में डॉ0 नीरा वर्मा, चेयरपर्सन, अर्थशास्त्र विभाग, गुरूग्राम विश्वविद्यालय, मुख्य वक्ता रही। उन्होंने ‘कमला भसीन’ के माध्यम से बताया कि लैंगिक असमानता कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है एवं इंदिरा नुई, फोगाट बहनें, साईना नेहवाल के उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि हम अपना मानसिक स्तर बढ़ाएं। उन्होंने बताया कि चर्चा बस सभागार तक सीमित न रहे अपितु उसे व्यवहार में भी लाया जाए। किसी के साथ भी कोई लैंगिक असमानता हो रही है उसे ध्यान से सुनना चाहिए। समाधान जानने की कोशिश की जानी चाहिए। स्त्रियों को स्वावलंबी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भी स्त्रियां कमाने के बावजूद स्वेच्छा से उसे खर्च नहीं कर सकती।
दूसरे सत्र की मुख्य वक्ता श्रीमती राजेश गिल, ऐडवोकेट, बार काउंसिल रहीं, इन्होंने कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्त्रियों को मोबाइल होना चाहिए ताकि वे अपना हर काम स्वंय करें, चाहे वह अपने आर्थिक हों या स्वास्थ्य संबंधी हों। महिलाओं को हर कार्य में माहिर होना चाहिए। ये जरूरी नहीं कि किसी भी काम को लिंग के अनुसार बांटा जाए। उन्होंने कहा कि अन्याय होता देखकर भी आप चुप रहे तो आप भी अपराधी हैं।
तीसरे सत्र का विषय ‘वर्क लाइफ बैलेंस’ रहा। इसकी मुख्य वक्ता प्रो0 अनिता दुआ (इंस्टीट्यूट ऑफ इनटेग्रेटड ऑनर्स स्टडीज, कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरूक्षेत्र) रहीं। उन्होंने कहा कि आज का युग स्पर्धा का युग है। स्पर्धाएं बढ़ने के कारण मानसिक तनाव बढ़ रहा है। इस तनाव को कम करने के लिए हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस अत्याधिक आवश्यक है क्योंकि कार्यक्षेत्र एवं घर दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए दोनों के बीच तालमेल बिठाना आवश्यक है। स्त्री व पुरूष को हर कार्य आपसी सामंजस्य से करना चाहिए। इससे आप अपने कार्य एवं पारिवारिक जीवन दोनों को बेहतर बना सकते हैं।
मंच का संचालन प्रो0 सुनीता सीकरी (सहसंयोजक) तथा प्रो0 भावना सेठी ने किया। डॉ0 राहुल सिंह तथा डॉ0 रामेश्वर ग्रोच कार्यशाला के आयोजक सचिव रहे। इस कार्यशाला के अंत में डॉ0 रचना अग्रवाल ;संयोजकद्ध ने कार्यशाला को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ0 मनोहर गोयल, डॉ0 श्री प्रकाश, डॉ0 ममता ओबरॉय, डॉ0 सविता गर्ग, डॉ0 दीपमाला, डॉ0 वकील सिंह, प्रो0 दलबीर सिंह, डॉ0 नीति दरयाल व कॉलेज एवं बाहर के महाविद्यालयों से आए शिक्षकगण उपस्थित रहे।