
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
इंडिया जनवरी 2 :- पिछले कुछ वर्षों में भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक बेहतरीन उछाल देखने को मिला है। भारत में पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या वर्ष 2016 में 452 से बढ़कर दिसंबर 2022 में 84,012 हो गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप परितंत्र है और क्लाउड सेवाओं के लिये भारत दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है।
स्टार्टअप और यूनिकॉर्न क्या है ?
स्टार्टअप एक ऐसी कंपनी होती है जिसने अभी कामकाज शुरू किया है। आप अकेले या कुछ लोगों के साथ मिलकर कंपनी की नींव रखते हैं, जिसे इनक्युबेशन कहते हैं। यहां पर लोग अपनी-अपनी कुशलता और विशेषज्ञता लेकर आते हैं। नए कारोबारी आइडिया पर मिलकर काम करते हैं। इस तरह की कंपनी के जरिए ग्राहकों को एक यूनिक प्रोडक्ट या सर्विस दी जाती है। स्टार्टअप सफल होने के बाद एक बड़ी कंपनी के तौर पर अपनी पहचान बना लेते हैं। जबकि एक यूनिकॉर्न किसी भी निजी स्वामित्व वाली फर्म है जिसका बाजार पूंजीकरण 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। यह अन्य उत्पादों/सेवाओं के अलावा रचनात्मक समाधान और नए व्यापार मॉडल पेश करने के लिये समर्पित नई संस्थाओं की उपिस्थिति को दर्शाता है। फिनटेक, एडटेक, बिजनेस-टू-बिजनेस (B-2-B) कंपनियाँ आदि इसकी कई श्रेणियाँ हैं। स्टॉर्टअप के मामले में मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु का दबदबा2022 में महाराष्ट्र में स्टार्टअप ने लगभग 163,451 लोगों को रोजगार दिया जो देश में सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में सबसे अधिक स्टार्टअप खुले हैं। देश में सभी सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स में से लगभग 58 प्रतिशत सिर्फ पांच राज्यों में है। महाराष्ट्र 15,571 सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के साथ टॉप पर है। कर्नाटक में 9,904, दिल्ली में 9,588, उत्तर प्रदेश में 7,719 और गुजरात में 5,877 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं।
भारत में स्टार्टअप्स की स्थिति
भारत सितंबर 2022 तक 107 यूनिकॉर्न की मेजबानी कर रहा है, जिसकी कुल कीमत 340.79 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। बेन एंड कंपनी (Bain and Company) द्वारा प्रकाशित इंडिया वेंचर कैपिटल/उद्यम पूंजी रिपोर्ट 2021 के अनुसार, संचयी स्टार्टअप की संख्या 2012 से 17% की CGAR से बढ़ी है और 1,12,000 के आँकड़े को पार कर गई है। भारत स्टार्टअप्स के लिये ‘हॉटस्पॉट’ के रूप में उभरा है। केवल वर्ष 2021 में ही भारतीय स्टार्टअप ने 23 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं, 1,000 से अधिक सौदों में उनकी संलग्नता है और 33 भारतीय स्टार्टअप प्रतिष्ठित ‘यूनिकॉर्न क्लब’ में प्रवेश कर चुके है। वर्ष 2022 में अब तक 13 और स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में जुड़ चुके हैं।

स्टार्टअप इंडिया’ भारत सरकार की एक प्रमुख पहल
स्टार्टअप इंडिया पहल की घोषणा 15 अगस्त, 2015 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। इस प्रमुख पहल का उद्देश्य देश में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करना है जो सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा। इसके अलावा, 16 जनवरी, 2016 को भारत के प्रधान मंत्री द्वारा स्टार्टअप इंडिया के लिए एक कार्य योजना का शुभारंभ किया गया था। इस कार्य योजना में “सरलीकरण और हैंडहोल्डिंग”, “निधियन सहायता और प्रोत्साहन” और “उद्योग शैक्षणिक भागीदारी और इन्क्युवेशन” जैसे क्षेत्रों में फैले 19 कार्य मदें शामिल हैं।भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया पहल के विजन को वास्तव में साकार करने की दिशा में तेजी से प्रयास किए हैं। स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत पर्याप्त प्रगति की गई है, जिसने पूरे देश में उद्यमशीलता की भावना को जगाया है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) का अन्य सरकारी विभागों के साथ स्टार्टअप इंडिया पहल के कार्यान्वयन का समन्वय अनिवार्य है।डीपीआईआईटी के अतिरिक्त, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत पहलें मुख्य रूप से पांच सरकारी विभागों अर्थात विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), श्रम एवं रोजगार मंत्रालय तथा कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) और नीति आयोग संचालित होते हैं।
स्टार्टअप संबंधी सरकार की पहलें
सरकार की प्रगतिशील पहलों के द्वारा आज भारत में स्टार्टअप्स का एक महत्वपूर्ण और विकसित इकोसिस्टम तैयार हुआ है जिसकी वजह से जहां एक ओर स्टार्टअप शुरू करना पहले की तुलना में सरल हुआ है तो वहीं स्टार्टअप्स के सफल होने की दर भी बड़ी है।