
आर पी डब्लू न्यूज़/पी के सिंह
चंडीगढ़/इंडिया जनवरी 3:-देश की आजादी से करीब 2 साल बाद 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना की कमान भारतीय फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर ने सौंपी। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य कमांडर बने। यह भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसलिए 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन भारतीय सेना द्वारा अदम्य साहस, वीरता, उनके शौर्य और कुर्बानियों को याद करने के लिए नई दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों पर सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आर्मी डे को सेलिब्रेट करने का एक मकसद उन सभी शहीदों को सलाम करना भी है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण त्याग दिए और उन सैनिकों को भी सलाम करना है जो देश की सेवा में लगे हुए हैं।
नागरिकों की भागीदारी बढ़ा रहे सशस्त्र बल
भारत के सैन्य क्षमता को व्यापक रूप से दिखाने और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के बाहर राष्ट्रीय महत्व के ऐसे आयोजनों को आयोजित करने के निर्णय के अनुरूप 15 जनवरी, 2023 को बेंगलुरु सेना दिवस परेड की मेजबानी करेगा। बेंगलुरु में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन भारत के लिए दक्षिणी राज्यों के लोगों की वीरता, बलिदान और सेवाओं की पहचान है। यह फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा को एक उपयुक्त श्रद्धांजलि भी है। भारतीय सेना के जवान खेल सुविधाओं का भी निर्माण करेंगे और युवाओं और छात्रों के साथ मैत्रीपूर्ण मैच आयोजित करेंगे। वे स्थानीय लोगों के साथ भोजन साझा कर ‘एकता’ का संदेश फैलाएंगे।