
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
इंडिया जनवरी 3:-G20 या ग्रुप 20 की अध्यक्षता वर्तमान में भारत के पास है। पिछले वर्ष दिसंबर में औपचारिक रूप से भारत ने G20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी उसके बाद पहली शेरपा बैठक (जी-20 सम्मेलन में किसी देश की ओर से शामिल होने वाले व्यक्तिगत प्रतिनिधि को शेरपा कहा जाता है।), पहली वित्त और केन्द्रीय बैंक के प्रतिनिधियों की बैठक,G20 विकास समूह की पहली बैठक और संयुक्त वित्त और स्वास्थ्य टास्क फोर्स की बैठक भारत के अलग-अलग शहरों में हो चुकी है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता करेगा जिसके अंतर्गत भारत के 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएंगी।11 सहभागी समूहों के साथ व्यापक विमर्शभारत की अध्यक्षता में अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित 11 सहभागी समूहों के साथ व्यापक विचार-विमर्श आयोजित किये जायेगें। सहभागी समूह, जिसमें प्रत्येक G20 सदस्य देश के गैर-सरकारी प्रतिभागी शामिल होते हैं, G20 नेताओं को सिफारिशें प्रस्तुत करते हैं और नीति-निर्माण प्रक्रिया में योगदान देते हैं।ये सहभागी समूह निम्न हैं।

(1) बिजनेस20 या B20 वैश्विक व्यापार समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाला आधिकारिक G20 संवाद मंच है। 2010 में स्थापित, B20 G20 में सबसे प्रमुख समूहों में से एक है, जिसमें कंपनियां और व्यावसायिक संगठन भागीदार हैं। B20 वैश्विक व्यापार जगत के नेताओं को वैश्विक आर्थिक और व्यापार शासन के मुद्दों पर उनके विचारों के लिए प्रेरित करने की प्रक्रिया का नेतृत्व करता है और पूरे G20 व्यापार समुदाय के लिए एक स्वर में बोलता है।भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) को भारत के G20 प्रेसीडेंसी के लिए बिजनेस 20 (B20) सचिवालय के रूप में नामित किया गया है। B20 इंडिया पूरे भारत में चर्चाओं और नीति समर्थन मंचों की एक श्रृंखला की मेजबानी करेगा, जिसमें पहचानी गई उद्योग प्राथमिकताओं को शामिल किया जाएगा, जिसका उद्देश्य B20 रणनीतिक दृष्टि को साकार करना और इसे ठोस और कार्रवाई योग्य नीतिगत सिफारिशों में बदलना है।
(2) सिविल20 या सी20 सहभागी समूह को 2013 में एक आधिकारिक G20 सिविल समूह के रूप में आरम्भ किया गया था, हालांकि G20 सदस्य देशों के बीच सिविल सोसाइटी सहभागिता 2010 में शुरू हो गई थी। सी20 गैर-सरकारी और गैर-व्यावसायिक पक्ष की आवाज को G20 के समक्ष लाने के लिए पूरे विश्व के सिविल सोसाइटी संगठनों को एक मंच प्रदान करता है। यह वह स्थान उपलब्ध कराता है जिसके माध्यम से वैश्विक सिविल सोसाइटी संगठन G20 में व्यवस्थित और स्थायी रूप से योगदान कर सकते हैं।
(3) श्रम20 या एल20 शिखर सम्मेलन पहली बार 2011 में फ्रांस की अध्यक्षता के दौरान औपचारिक रूप से संपन्न हुआ। एल20,G20 देशों की श्रमिक संघों के नेताओं को बुलाता है और श्रम संबंधी मुद्दों पर कार्रवाई करने के उद्देश्य से विश्लेषण और नीतिगत सिफारिशें प्रस्तुत करता है।
(4) संसद20 या पी20 सहभागी समूह, जो 2010 में कनाडा की अध्यक्षता में शुरू हुआ था, G20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के नेतृत्व में कार्य करता है। चूंकि सांसद संबंधित सरकारों को मार्गदर्शन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, अतः पी20 की बैठकों का उद्देश्य वैश्विक व्यवस्था को एक संसदीय आयाम प्रदान करना, जागरूकता बढ़ाना, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के लिए राजनीतिक समर्थन तैयार करना और यह सुनिश्चित करना है कि इन्हें प्रभावी रूप से राष्ट्रीय वास्तविकताओं में रूपांतरित किया जाए।
(5) विज्ञान2 या G20 के विज्ञान20 या एस20 सहभागी समूह का नेतृत्व G20 राष्ट्रों की राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियों द्वारा किया जाता है। जबकि G20 की शुरुआत 1999 में हुई थी, एस20 की स्थापना 2017 में जर्मनी की अध्यक्षता में की गई थी। एस20 सबसे युवा सहभागी समूहों में से एक है जो वैज्ञानिक सलाह और विशेषज्ञता प्रदान करके तथा विश्व स्तर पर प्रासंगिक वैज्ञानिक विषय के संबंध में एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी करके G20 को सहयोग प्रदान करता है।
(6) एसएआई20 सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस20 या एसएआई20 2022 में इंडोनेशिया की अध्यक्षता में शुरू किया गया एक सहभागी समूह है। यह पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने तथा G20 सदस्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के संबंध में विश्व स्तर पर एसएआई द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है।
(7) स्टार्टअप20 स्टार्टअप आर्थिक प्रगति और विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं। वे सहयोग को बढ़ावा देने के लिए मंच और उपकरण प्रदान करते हैं तथा पूरे विश्व में नवाचार को बढ़ावा देते हैं और एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने में अर्थव्यवस्थाओं को सहायता प्रदान करते हैं। स्टार्टअप 20 सहभागी समूह को भारत की अध्यक्षता में प्रस्तावित किया गया है। यह विकास संबंधी चुनौतियों और अन्य बाधाओं को दूर करने के लिए G20 देशों के नेताओं के लिए कार्रवाई की अनुशंसा करेगा।
(8) थिंक20 या टी20 एक आधिकारिक G20 सहभागी समूह के रूप में 2012 में मैक्सिको की अध्यक्षता में शुरू किया गया था। यह प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रबुद्ध मंडलों और उच्च-स्तरीय विशेषज्ञों को एक साथ लाकर G20 के लिए ‘आइडिया बैंक’ के रूप में कार्य करता है। टी20 सिफारिशों को नीतिगत संक्षिप्त रूपों में एकीकृत किया जाता है और G20 कार्य समूहों, मंत्रिस्तरीय बैठकों और नेताओं के शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत किया जाता है ताकि ठोस नीतिगत उपाय प्रस्तुत करने में G20 को सहायता प्रदान की जा सके।
(9) अर्बन20 की स्थापना दिसंबर 2017 में पेरिस में वन प्लैनेट शिखर सम्मेलन के दौरान अर्जेंटीना की अध्यक्षता में की गई थी। यह शहरीकरण संबंधी मुद्दों, एसडीजी लक्ष्यों और शहरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के संबंध में संयुक्त रूप से चर्चा करने के लिए शहरी नेताओं का एक औपचारिक सहभागी समूह है।(10) वुमन20 या डब्ल्यू20 एक सहभागी समूह है जिसे 2015 में तुर्की की अध्यक्षता के दौरान आरंभ किया गया था। डब्ल्यू20 का प्राथमिक उद्देश्य 2014 में ब्रिस्बेन शिखर सम्मेलन में अपनाई गई ’25×25′ प्रतिबद्धता को कार्यान्वित करना है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2025 तक श्रम बल की भागीदारी में लैंगिक अंतर को 25% तक कम करना है। डब्ल्यू20 लिंग समावेशी आर्थिक विकास’पर ध्यान केंद्रित करता है तथा निम्नलिखित तीन स्तंभ इसके समर्थन के मुख्य क्षेत्र माने जाते हैं: श्रम समावेशन, वित्तीय समावेशन और डिजिटल समावेशन।
(11) यूथ20 या वाई20, 2010 में आयोजित अपने पहले वाई20 सम्मेलन के साथ एक ऐसा मंच प्रदान करता है जो युवाओं को G20 प्राथमिकताओं पर अपने दृष्टिकोण और विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता देता है तथा अनेक सिफारिशों को सामने लाता है जो G20 देशों के नेताओं को प्रस्तुत की जाती हैं।ये देश और संगठन रहेंगे आमंत्रितभारत की अध्यक्षता में G20 सदस्य देशों के अलावा कई अन्य अतिथि देश और संगठन भी आमंत्रित रहेंगे जिनमें बांग्लादेश,ईजिप्ट,मॉरिशस,नीदरलैंड,नाइजीरिया,ओमान,सिंगापुर,स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं इसके अलावा नियमित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) की पीठों के अतिरिक्त G20 के अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया गया है।क्या है ग्लोबल साउथ?ग्लोबल साउथ एक ऐसी शब्दावली है जिसका इस्तेमाल विकासशील और कम विकसित लैटिन अमेरिकी, एशियाई, अफ्रीकी और ओसिनिया क्षेत्र के देशों के लिए होता है। इनमें से ज्यादातर देश अपने औपनिवेशिक शासन से आजाद हुए हैं। ग्लोबल साऊथ अंतर क्षेत्रीय और बहुपक्षीय गठबंधन का पक्षधर है जो 1955 के बांडुंग सम्मेलन, गुट निरपेक्ष आंदोलन और संयुक्त राष्ट्र के जी-77 पर आधारित है। यह मंच राष्ट्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। इसके अलावा यह नव उपनिवेशवाद के खिलाफ प्रतिरोध का एक मंच प्रदान करता है। साउथ शब्द का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र ने 1960 के दशक में पहली बार किया था. शीतयुद्ध के बाद इसमें ‘ग्लोबल’ शब्द और जुड़ गया।भारत द्वारा G20 की अध्यक्षता ‘ग्लोबल साउथ’ के उद्देश्य को समर्थन देने के साथ-साथ नई महत्वाकांक्षा लेकर आई है। इसके साथ ही इसने ‘थर्ड वर्ल्ड’ की एकजुटता पर नए विचारों और उद्देश्यों को सामने ला दिया है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस साल न्यूयॉर्क में 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की यात्रा के बाद इस तात्कालिक मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि आज हम व्यापक रूप से ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में जाने जाते हैं। विश्व अर्थव्यवस्था में इस समय एक बहुत बड़ा संकट है, जहां भोजन की लागत, ईंधन की लागत और उर्वरकों को लेकर चिंता है। उन्होंने इस विषय पर चिंता जाहिर करते हुए आगे बताया कि यह बड़ी निराशा की बात है कि इन मुद्दों को नहीं सुना जा रहा है।अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और संस्थाओं की नजर में भारत की अध्यक्षता में जी20