
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
इंडिया जनवरी 5:-एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का का सामान्यतया प्रयोग मनुष्य पशु और वनस्पति को संक्रमण से बचाने के लिए और संक्रमण होने के बाद की स्थिति में उससे उपचार में किया जाता है। जैसे-जैसे समय बदलता है विषाणु रोगाणु कवक और परजीवी अपने में परिवर्तन ले आते हैं, ऐसे में पहले से चल रही एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का असर होना बंद हो जाता है। “एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध” इसी स्थिति को कहते हैं। ऐसी स्थिति में उपचार और रोकथाम दोनों ही बड़ी चुनौती बन जाते हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए शीर्ष 10 खतरो में स्थान दिया है। विभिन्न देश के अपने-अपने स्तर पर इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। भारत और हालैंड भी साथ आए हैं। भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित- सेंटर फॉर सेल्युलर ऐंड मॉलेक्यूलर प्लेटफॉर्म्स (C-CAMP) और नीदरलैंड्स के संस्थान एनएडीपी (नीदरलैंड्स एंटीबायोटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म्स) तथा एएमआर ग्लोबल के बीच द्विपक्षीय साझेदारी के अंतर्गत, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance) की चुनौती से निपटने के लिए साझा प्रयास करने पर सहमति बनी है।
डब्ल्यूएएच! एक्सेलरेटर
इस संयुक्त कार्यक्रम डब्ल्यूएएच! एक्सेलरेटर के अंतर्गत, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध के विरुद्ध ‘वन हेल्थ’ के दृष्टिकोण से जल, कृषि, पशु और मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों के विकास और सह-निर्माण के लिए संयुक्त प्रयास होंगे।’डब्ल्यूएएच ! एक्सेलरेटर’ कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन पिछले दिनों भारत में नीदरलैंड्स के राजदूत मार्टिन वैन डेन बर्ग द्वारा नई दिल्ली में किया गया। इस साझा कार्यक्रम की शुरुआत, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध के विरुद्ध एक साझा-मंच बनाने के उद्देश्य को लेकर दोनों देशों के बीच विगत 02 वर्षों की परस्पर साझेदारी का परिणाम है।
वन हेल्थ” एक समेकित अवधारणा
वन हेल्थ’ एक समेकित अवधारणा है, जो मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, मिट्टी, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तंत्र जैसे विभिन्न विषयों के ज्ञान को कई स्तरों पर साझा करने के विचार पर आधारित है, जो सभी प्रजातियों के स्वास्थ्य में सुधार, रक्षा और बचाव के लिए आवश्यक है।
डब्ल्यूएएच एक्सेलरेटर : अनूठी साझेदारी
भारत में नीदरलैंड्स के राजदूत मार्टन वैन डेन बर्ग कहते हैं – “डब्ल्यूएएच ! एक्सेलरेटर भारत और नीदरलैंड के बीच एक अनूठी साझेदारी है, जिसका उद्देश्य मूल्य-श्रृंखला में वन हेल्थ और एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से संबंधित चुनौतियों का मुकाबला करना है। साझेदारी की परिकल्पना 2019 में राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी, और आज यह डब्ल्यूएएच ! के रूप में आकार ले चुकी है। इसे भारत में नीदरलैंड्स इकोनॉमिक नेटवर्क के साथ-साथ नीदरलैंड्स की सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है।
“नेटवर्किंग/मैच-मेकिंग इवेंट
सी-कैंप, बेंगलूरु में लॉन्च से एक दिन पहले, नेटवर्किंग/मैच-मेकिंग इवेंट में सहयोगी प्रौद्योगिकियों में काम करने वाले नवप्रवर्तकों के बीच संवाद शुरू करने, परस्पर सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने, एक-दूसरे के नियामक वातावरण और एक-दूसरे के शैक्षणिक और औद्योगिक शोध एवं विकास इको-सिस्टम को समझने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में भारत और नीदरलैंड्स के कुल मिलाकर लगभग 50 प्रतिभागियों शामिल हुए।