
आर पी डब्लू न्यूज़/ऋतु रहनुमा
दिल्ली जनवरी 7:-देश के विकास में भारतवंशियों के योगदान पर गौरवान्वित होने के लिए हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। इस बार 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में होने जा रहा है। वहीं 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन भी मध्य प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में 8 से 10 जनवरी तक इंदौर में ही आयोजित किया जा रहा है। इस लेख में हम प्रवासी भारतीय दिवस से जुड़ी जानकारियों के अलावा प्रवासियों को देश से जोड़ने में पीएम मोदी की भूमिका पर भी नजर डालेंगे।
प्रवासी भारतीय दिवस
सबसे पहले प्रवासी भारतीय दिवस वर्ष 2003 में मनाया गया था। वर्ष 1915 में 9 जनवरी को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे। इसलिए 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का निर्णय एलएम सिंघवी की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार लिया गया था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी ने 8 जनवरी 2002 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक सार्वजनिक समारोह में 9 जनवरी प्रवासी भारतीय दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने की घोषणा की।
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित करने का प्रमुख उद्देश्य प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धियों को दुनिया के सामने लाना है, जिससे दुनिया को उनकी ताकत का अहसास हो सके। देश के विकास में भारतवंशियों का योगदान अविस्मरणीय है। वर्ष 2015 के बाद से हर दो साल में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इस आयोजन ने प्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच को सही मायनों में बदलने का काम किया है। साथ ही इसने प्रवासी भारतीयों को देशवासियों से जुड़ने का एक अवसर उपलब्ध करवाया है।
विश्वभर में फैला है प्रवासी भारतीयों का नेटवर्क
प्रवासी भारतीयों का नेटवर्क दुनिया भर में फैला है। प्रवासी भारतीय दिवस के माध्यम से दुनिया भर में फैले प्रवासी भारतीयों का बड़ा नेटवर्क बनाने में भी मदद मिली है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी एक गति मिली है। हमारे देश की युवा पीढ़ी को भी जहां इसके माध्यम से विदेशों में बसे प्रवासियों से जुड़ने में मदद मिलती है वहीं विदेशों में रह रहे प्रवासियों के माध्यम से देश में निवेश के अवसरों को बढ़ाने में सहयोग मिल रहा है।
केंद्र सरकार के प्रयास
विश्व में विदेशों में जाने वाले प्रवासियों की संख्या के संदर्भ में भारत शीर्ष पर है। केंद्र सरकार ‘ब्रेन-ड्रेन’ को ‘ब्रेन-गेन’ में बदलने के लिये तत्परता के साथ काम कर रही है। आर्थिक अवसरों की तलाश के लिये सरकार इनको अपने देश की जड़ों से जोड़ने का प्रयास कर रही है। भारतीय प्रवासियों की तादाद दुनिया भर में फैली है। आज दुनिया के कई देशों में भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं जो विभिन्न कार्यों में संलग्न हैं। यदि भारत सरकार और प्रवासी भारतीयों के बीच आपसी समन्वय और विश्वास और अधिक बढ़ सके तो इससे दोनों को लाभ होगा। भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीय भी हमारे साथ हैं।
प्रवासियों को देश से जोड़ने में पीएम मोदी की अहम भूमिका
प्रवासी भारतीय समुदाय को भारत से जोड़ने में पीएम मोदी की भूमिका उल्लेखनीय रही है। वह अपने विदेशी दौरों में जिस भी देश में जाते हैं, वहां के प्रवासी भारतीयों के बीच भारत की एक अलग पहचान लेकर जाते हैं। इससे उनमें अपनेपन की भावना का अहसास होता है और प्रवासी भारतीय भारत की ओर आकर्षित होते हैं। पीएम मोदी के संबोधन में प्रवासी जिस उत्साह के साथ जुटते हैं वह इस बात को साबित करता है कि प्रवासी प्रधानमंत्री के नेतृत्व को उम्मीदों भरी नज़रों से देखते हैं और उनसे उनको बड़ी उम्मीदें हैं।
इंदौर में होगा प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
इस वर्ष 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन देश के सबसे साफ शहर इंदौर में हो रहा है। सम्मेलन को सफल बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार विभिन्न देशों के भारतवंशियों, फ्रेंड्स ऑफ एमपी के सदस्य और उद्योग व्यापार से जुड़े दिग्गज भारतीयों से सहयोग ले रही है। पीएम मोदी 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। PBD सम्मेलन में गुयाना सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली मुख्य अतिथि और सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करेंगे। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगी।