
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
इंडिया जनवरी 7:-भारत द्वारा G20 की अध्यक्षता संभालने के बाद से देश में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इसके लिए देशभर में अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं। देशभर में आयोजित हुए कार्यक्रम के क्रम में 31 जनवरी को G20 से जुड़ी पहली बैठक पुडुचेरी में आयोजित होने वाली है। भारत की G20 अध्यक्षता को उसके इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा जाता है। यह विश्व को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की एक झलक और अनुभव प्रदान करने का सुनहरा अवसर है।
पुडुचेरी की उपराज्यपाल ने दी जानकारी
पुडुचेरी की उपराज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन ने जानकारी देते हुए कहा कि G20 की पहली बैठक 31 जनवरी को पुडुचेरी में होगी। उन्होंने एक कार्यक्रम में G20 बैठक का लोगो जारी किया। लोगो जारी करते समय उन्होंने सभी राज्यों में G20 की बैठकें आयोजित करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने बताया कि विभिन्न देशों के प्रतिनिधि बैठक में भाग लेंगे और इस दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। उपराज्यपाल के प्रतिनिधित्व में आयोजित कार्यक्रम में पुडुचेरी में होने वाले बैठक के लिए स्टिकर, पोस्टर और बैज जारी किए गए। इसके साथ ही एक सेल्फी बूथ की भी शुरुआत की गई।
भारत G20 से सेट कर रहा वैश्विक एजेंडा
भारत G20 ग्रुप की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ ही दुनिया के सरोकार लिए एक एजेंडा भी तय कर रहा है। भारत अपनी G20 प्राथमिकताओं में सबको साथ लेकर चलने की भाव से आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा भारत अपनी प्रेसिडेंसी के माध्यम से समावेशी, न्यायसंगत और सतत विकास पर ध्यान देने के साथ एक रास्ता दिखा रहा है। महिला सशक्तिकरण और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और तकनीक-सक्षम विकास के अलावा, भारत स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा से संबंधित मुद्दों को भी सामने लाने की कोशिश कर रहा है।
G20 अध्यक्षता भारत के लिए ऐतिहासिक
भारत व्यावहारिक वैश्विक समाधान ढूंढकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है, इसलिए यह प्रेसिडेंसी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही भारत दुनिया को शांति, प्रगति और सद्भाव के रास्ते पर ले जाने का पुरजोर प्रयास भी कर रहा है। इन प्रयासों को और तेजी से आगे बढ़ाने के लिए G20 ग्रुप की अध्यक्षता में भारत संस्कृति और पर्यटन के अलावा जलवायु वित्तपोषण, सर्कुलर इकोनॉमी और वैश्विक खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
पूरे देश की हो रही जनभागीदारी
G20 प्रेसीडेंसी थीम से प्रेरणा लेते हुए भारत 32 विभिन्न कार्यक्षेत्रों में 50 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी करेगा। यह G20 प्रतिनिधियों और मेहमानों को देश की बहुमूल्य संस्कृति को दिखने का अवसर होगा। भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में भारत की G20 अध्यक्षता में सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो सके इसके लिए पूरे देश में अलग-अलग स्थानों में G20 की लगभग 200 से अधिक बैठकें आयोजित करने का एक मकसद भारत की अमूल्य संस्कृति और धरोहर से भी विश्व को अवगत करना है। वहीं भारत को एक पर्यटन बाजार के रूप में विकसित करने के लिए भी ये पूरा कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण शामिल होगा। पर्यटन को बढ़ावा देने और उन स्थानों की स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने की क्षमता पर ध्यान देने के लिए अलग-अलग G20 बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
G20 अध्यक्षता में शामिल हैं ये देश
G20 एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समूह है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय संघ को एक साथ लाता है। ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं। G20 सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है। भारत G20 की स्थापना के समय वर्ष 1999 से ही इसका सदस्य है।