
आर पी डब्लू न्यूज़/रीतू रहनुमा
दिल्ली, जनवरी 11:-देश के पूर्वोत्तर इलाकों में शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में कई कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम में स्फूर्ति योजना के तहत पश्चिम त्रिपुरा बांस चटाई क्लस्टर और नए केवीआईसी भवन का उद्घाटन भी किया गया। इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग के विकास के उद्देश्य से केवीआई कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हमारी प्राथमिकता पीएम मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से देश में और भी ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित करने की है।
क्या है स्फूर्ति योजना ?
इसका पूरा नाम Scheme of Fund for Regeneration of Traditional Industries (SFURTI) है। इस योजना का उद्देश्य खादी, जूट का सामान और ग्रामोद्योग जैसे पारंपरिक उद्योगों के समूह की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के जरिए पारंपरिक उद्योगों को और ज्यादा उत्पादक, लाभप्रद एवं सतत रोजगार अवसरों को सृजित करने में सक्षम बनाने के लिए क्लस्टर आधारित विकास को सुविधाजनक बनाना है।

पूर्वोत्तर इलाकों में खादी और ग्रामोद्योग गतिविधियों पर जोर
केंद्र सरकार की प्राथमिकता पूर्वोत्तर इलाकों में खादी और ग्रामोद्योग गतिविधियों पर जोर देना है। आज पूर्वोत्तर के कई लोग सूत कातने और बुनकर के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं जिन्हे विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की जरूरत है। केंद्र सरकार खादी और ग्रामोद्योग गतिविधियों को पूर्वोत्तर इलाकों में बेहतर तरीके से लागू करने का हर संभव प्रयास कर रही है। पीएम मोदी ने भी जोर देते हुए कहा था कि पूर्वोत्तर इलाकों के स्वप्न को साकार करने के लिए हमें अपना पूरा योगदान देना होगा, ताकि इस क्षेत्र से जुड़े अधिक से अधिक कारीगर, सूत कातने वाले लोग और बुनकर आदि सम्मान के साथ अपना पारिश्रमिक अर्जित कर सकें। आज पूर्वोत्तर क्षेत्र में 2021-22 के दौरान खादी का उत्पादन 13 करोड़ 11 लाख रुपये और बिक्री 15 करोड़ 55 लाख रुपये हुई, जिससे क्षेत्र के 5,827 लोगों को रोजगार मिला है।
खादी के इस्तेमाल पर विशेष जोर
केंद्र सरकार ने पिछले 8 वर्षों में, यानी 2014-15 से 2021-22 में खादी क्षेत्र में उत्पादन में 191 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि खादी की बिक्री में 332 प्रतिशत की तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्र सरकार ने लोगों को खादी को प्राथमिकता देने पर विशेष जोर दिया है। ‘Khadi for Nation, Khadi for Fashion and Khadi for Transformation’ के आदर्श वाक्य ‘खादी’ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं। पीएम मोदी के आह्वान “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” से आज खादी लोगों की पहली पसंद बन गया है।
खादी बिक्री में वृद्धि
केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2021-22 में खादी और ग्रामोद्योग की बिक्री एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये को पार कर गई है। इसी साल 2 अक्टूबर को दिल्ली के खादी भवन में एक दिन में सबसे ज्यादा 1 करोड़ 36 लाख रुपए की रिकॉर्ड बिक्री हुई थी और नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवंबर से आयोजित हुए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के दौरान खादी पवेलियन ने 200 से अधिक स्टालों के माध्यम से 12 करोड़ रुपये की बिक्री हुई की थी। इसके साथ ही नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में अपने प्रमुख स्टोर पर खादी की एकल-दिन की बिक्री भी 30 अक्टूबर 2021 को 1.29 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
रोजगार के अवसर बढ़े

खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने देश में लोगों को किसान, महिलाएं, आदिवासी और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं जिसमें हनी मिशन है जिसने लोगों को स्थायी रोजगार दिया है। पिछले 3 वर्षों में 346 खादी कारीगरों के लिए वर्कशेड बनाए गए हैं और मधुमक्खी पालन के लिए 15710 मधुमक्खी कालोनियों का वितरण किया गया। इसके अलावा अनुपयोगी और बंजर जमीन पर बांस के पौधे लगाने के उद्देश्य से एक और योजना शुरू की गई। तो वहीं कुम्हारों को सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार ने कुम्हार सशक्तिकरण योजना’ कार्यक्रम की शुरुआत की, इस योजना के अंतर्गत 1020 कुम्हारों को इलेक्ट्रॉनिक पॉटर चाक वितरित किए गए।