
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट

लखनऊ,जनवरी 12:-भारत में अब पर्यटक रिवर क्रूज का भी आनंद उठा सकते है। पीएम मोदी 13 जनवरी को वाराणसी में विश्व के सबसे लंबे रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ को हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। गंगा विलास रिवर क्रूज की यात्रा पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से शुरू होकर बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ में खत्म होगी। ये क्रूज 51 दिनों में लगभग 3,200 किलोमीटर की यात्रा तय करेगा। इस लेख में हम देश में रिवर क्रूज यात्रा की शुरुआत होने से पर्यटन क्षेत्र में आने वाले बदलाव और सरकार के सकारात्मक प्रयासों पर एक नजर डालेंगे।https://twitter.com/sarbanandsonwal/status/1612826461903409152
भारत में होगी नए युग की शुरुआत
एमवी गंगा विलास रिवर क्रूज दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है। विश्व में यूरोप रिवर क्रूज जहाजों के मामले में लगभग 60 प्रतिशत भागीदारी के साथ विकास कर रहा है। गंगा विलास रिवर क्रूज भारत को दुनिया के रिवर क्रूज मानचित्र में स्थान दिलाएगा। इसके लॉन्च होने के साथ रिवर क्रूज की विशाल अप्रयुक्त क्षमता के इस्तेमाल की शुरुआत होगी। इसकी सफलता से उद्यमियों को देश के अन्य हिस्सों में रिवर क्रूज का लाभ उठाने के लिए उत्साहित होने की संभावना है। यह रिवर क्रूज लगभग 50 दिनों में देश की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने और इसकी विविधता के खूबसूरत पहलुओं की खोज करने का एक अनूठा अवसर है। इस तरह के बड़े पैमाने के आयोजनों से भारत अपनी क्रूज क्षमता को हासिल करने में सक्षम होगा और देश वैश्विक क्रूज हब बन सकता है।
पानी में चलता फाइव स्टार होटल
गंगा विलास रिवर क्रूज पानी में चलता फिरता फाइव स्टार होटल है। गंगा विलास क्रूज आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण है। इसका इंटीरियर देश के कल्चर और हैरिटेज को देखकर डिजाइन किया है। यह क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा है और आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है। इसमें तीन डेक हैं। 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाओं से युक्त 18 सुइट हैं। यह क्रूज प्रदूषण मुक्त प्रणाली और शोर नियंत्रण तकनीकों से लैस है। यात्री गंगा विलास की वेबसाईट पर जाकर इस रिवर क्रूज टिकट बुक करवा सकतें है। इस क्रूज में 4 दिनों की यात्रा के 75 हजार रुपए लगेंगे तो वही 8 दिनों की यात्रा का खर्च 4 लाख रुपए से ज्यादा का होगा।
सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन
गंगा विलास क्रूज की यात्रा गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी पर जारी रहेगी। इस जहाज में यात्रा करने वाले पर्यटक इन दोनों नदियों के किनारों पर स्थित प्रसिद्ध शहरों और पर्यटन क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे। ये क्रूज 50 प्रमुख पर्यटन स्थलों का दौरा करेगा, जिसमें वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती जैसे विरासत स्थल और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान व सुंदरबन डेल्टा जैसे अभयारण्य शामिल हैं। यह मायोंग को भी कवर करेगा, जो अपनी तांत्रिक विद्या के लिए जाना जाता है। यात्री बिहार स्कूल ऑफ योग और विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी जाएंगे, जिससे उन्हें आध्यात्मिकता व ज्ञान से समृद्ध भारतीय विरासत से रूबरू होने का मौका मिलेगा। बांग्लादेश में ये क्रूज लगभग 1,100 किलोमीटर की यात्रा करेगा। भारत आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव मना रहा है, ऐसे में हम भारत की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक वैभव को प्रदर्शित करने के लिए नदी परिभ्रमण जैसे अभिनव पर्यटन उत्पाद प्रस्तुत कर रहे हैं।https://twitter.com/narendramodi/status/1613009925315391499

रोजगार के अवसर पैदा होंगे
देश में रिवर क्रूज पर्यटन के विकास से इस क्षेत्र में भीतरी इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सरकार देश में रिवर क्रूज पर्यटन की सफलता के लिए क्षमता निर्माण के लिए पूंजीगत व्यय कर रही है। देश में इस क्षेत्र के अधिकतम प्रदर्शन और तेजी से विकास के लिए नदी पर्यटन सर्किट को मौजूदा पर्यटन सर्किट के साथ विकसित और एकीकृत किया जाएगा। क्रूज में यात्रा कर रहे पर्यटक किनारों पर स्थित प्रसिद्ध शहरों और पर्यटन क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे जिससे वहां के दुकानदारों की बिक्री ज्यादा होने की संभावना है। वैश्विक रिवर क्रूज बाजार पिछले कुछ वर्षों में 5 प्रतिशत की दर से बढ़ा है और 2027 तक क्रूज बाजार के 37 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।
सरकार के सराहनीय प्रयास
पर्यटकों के लिए सभी सुविधाओं और सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया है। केंद्र सरकार देश में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में अनेक कदम उठा रही है, जिनमें बुनियादी ढांचे में सुधार, बंदरगाह शुल्क को युक्तिसंगत बनाना, बाहर निकलने के शुल्क को हटाना और ई-वीजा सुविधाओं का प्रावधान शामिल है। भारत का लक्ष्य क्रूज यात्री यातायात को वर्तमान के 0.4 मिलियन से बढ़ाकर 4 मिलियन करना है। आने वाले वर्षों में क्रूज पर्यटन के आर्थिक सामर्थ्य के 110 मिलियन डॉलर से बढ़कर 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने 100 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने का जिम्मा उठाया है, जिसका लक्ष्य कार्गो आवाजाही के अलावा इन जलमार्गों पर विश्व स्तरीय क्रूज जहाजों का परिचालन कराना है। भारत में क्रूज पोत परिवहन से संबंधित बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए 1,098 करोड़ रुपये की लागत वाली 12 परियोजनाओं की शुरुआत की है। इन परियोजनाओं में से अधिकांश के लिए, प्रमुख बंदरगाहों पर संबद्ध सुविधा के साथ बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है।
सागरमाला परियोजना
देश में लगभग 87% भारतीय माल ढुलाई के लिए सड़क या रेल का उपयोग किया जाता है। हालांकि, परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में जल-वाहित परिवहन अधिक सुरक्षित, सस्ता और स्वच्छ है। सागरमाला परियोजना मुख्य रूप से भीतरी इलाकों के लिए जलमार्ग कनेक्टिविटी में सुधार ताकि यात्री और कार्गो काफी हद तक जलमार्ग से आवाजाही कर सकें और रोडवेज पर भार कम कर सकें।