
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट

दिल्ली, जनवरी 12:-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की लोकप्रियता देशभर में बढ़ रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण की दिशा में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की थी, बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिसमें बाड़मेर के किसानों को खरीफ 2021 के लंबित दावों का पूर्ण भुगतान किये जाने का निर्णय भी शामिल था। समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के उपरांत बीमा कम्पनी 229 करोड़ रुपये की अतिरिक्त क्लेम राशि के भुगतान किसानों को करेगी। वहीं बाड़मेर के पात्र किसानों को कुल 540 करोड़ रुपये के क्लेम भुगतान तुरंत किया जायेगा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में निर्णय लेकर फसल बीमा लेते समय किसानों को कोई समस्या न हो इसके लिए अधिक सुगमता लाने की कोशिश की जा रही है।
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ?
इस योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी। इस योजना के जरिए किसानों को प्राकृतिक आपदाओं या किसी भी तरह से फसल के खराब होने की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर दिया जाता है ताकि किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिल सके। इसके अलावा किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिये भी प्रोत्साहित किया जाता है।
किसानों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिली
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने फसल नुकसान की स्थिति में करोड़ों किसानों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा कवच देने का काम किया है। PMFBY के तहत 36 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा किया गया है। और अब तक इस योजना के तहत 1,28,522 लाख करोड़ रु. क्लेम के रूप में किसानों के नुकसान की भरपाई की गई है।2016 में अपनी शुरूआत के बाद से ही योजना में गैर-कर्जदार किसानों, सीमांत किसानों और छोटे किसानों की संख्या में 282 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

स्वैच्छिक भागीदारी को आसान बनाया
इस योजना ने किसानों की स्वैच्छिक भागीदारी को आसान बनाने में मदद की है। आज किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठा कर खेती शुरू कर रहा है जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। आज इस योजना के जरिए लाखों किसानों की आय दोगुनी से आगे बढक़र पांच से दस गुना तक हो चुकी है। इसके अलावा केंद्र सरकार किसानों की स्वैच्छिक भागीदारी को आसान बनाने की दिशा में कई अभियान चला रही है जिसमें डोर-टू-डोर वितरण अभियान,मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’ जैसे अभियान है ताकि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित कर सकें कि सभी किसान पीएमएफबीवाई के तहत अपनी नीतियों, भूमि अभिलेखों, दावे की प्रक्रिया और शिकायत निवारण के बारे में संपूर्ण जानकारी से अच्छी तरह अवगत है।
जैविक कृषि उत्पादन व निर्यात पर विशेष जोर
भारत में जैविक कृषि उत्पादन व निर्यात लगातार बढ़ रहा है। जैविक उत्पादों के दाम भी किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से भी जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिए किसान जैविक कृषि के उपयोग होने वाले आधुनिक उपकरण और टेक्नालाजी तक अपनी पहुंच सुनिश्चित कर पा रहे हैं।
केंद्र सरकार की कृषि क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धता
2015 में पीएम मोदी ने किसानों की आमदनी दोगुनी होने पर जोर दिया था, जो कृषि क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। केंद्र सरकार ने खेती के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर जुटाने को सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का एग्री इन्फ्रा फंड बनाया है। इसके सहित डेढ़ लाख करोड़ रुपये के पैकेजों की व्यवस्था गांवों में कृषि व सम्बद्ध कार्यों के लिए की गई है। इसके अलावा हमारे देश में 86 फीसदी छोटे किसान हैं जिनकी ताकत बढ़ाने के लिए 10 हजार नए एफपीओ बनाने की दिशा में काम चल रहा है। इसके अलावा डिजिटल कृषि पर काम चल रहा है जिससे कृषि क्षेत्र में असंतुलन खत्म होगा, पारदर्शिता आएगी ।