
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
दिल्ली, जनवरी 13:-देश के नागरिकों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। अब केंद्र सरकार प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत केवल सस्ती जेनरिक दवाएं ही नहीं बल्कि स्वरोजगार का अवसर भी दे रही है। इसके लिए सरकार ने विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 651 जिलों में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है।
सरकार का लक्ष्य
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत देश भर में पहले से ही 9000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं। सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य तय किया है। सरकार ने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही 651 जिलों में जन औषधि केंद्र खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।2015 में शुरू हुई योजनाकेंद्र सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों को ध्यान में रखते हुए सस्ती दवा मुहैया कराने के लिए साल 2015 में ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत, जनता को सस्ती दरों पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJK) खोले गए हैं। जन औषधि दवाओं की कीमतें आम तौर पर ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50%-90% कम होतीं हैं। जेनेरिक दवाएं उन दवाओं को कहा जाता है जिनका कोई अपना ब्रांड नेम नहीं होता है, वह अपने सॉल्ट नेम से बाजार में जानी-पहचानी जाती है।
कौन-कौन सी दवाएं मिलती हैं
PMBJP के उत्पाद संग्रह में 1759 दवाएं और 280 सर्जिकल उत्पाद शामिल हैं। मार्च 2025 तक 2000 दवाओं और 300 सर्जिकल उत्पादों को और शामिल करके का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों पर सभी आवश्यक दवाएं, जैसे – एंटी-डायबिटिक, कार्डियोवास्कुलर ड्रग्स, एंटी-कैंसर, एनाल्जेसिक और एंटीपायरेटिक्स, एंटी एलर्जी, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल एजेंट , विटामिन, मिनरल्स, च्यवनप्राश और फूड सप्लीमेंट आदि मिलते हैं। देशभर में सभी महिलाओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य सेवाओं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, ‘जन औषधि सुविधा ऑक्सी-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन’ देश भर के सभी प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध हैं। यहां मिलने वाले सेनेटरी नैपकिन की कीमत 1 रुपए प्रति सैनिटरी पैड है। नवंबर, 2022 तक 31 करोड़ से अधिक पैड बेचे जा चुके हैं।
वित्तीय प्रोत्साहन भी मिलेगा
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना स्थायी और नियमित आय के साथ स्वरोजगार का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है। PMBJP के अंतर्गत जन औषधि केंद्रों को वित्तीय सहायता के रूप में 5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी क्षेत्रों, द्वीप क्षेत्रों तथा नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में चिन्हित पिछड़े क्षेत्रों, महिला उद्यमी, पूर्व सैनिक, दिव्यांग जनों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति द्वारा खोले गए जन औषधि केंद्रों को 2 लाख रूपये का एकमुश्त अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
कोरोना के खिलाफ जंग में दी मजबूती
कोविड-19 महामारी के दौरान मई 2021 में देश में 7,733 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJK) थे। कोरोना काल में इन सभी केंद्रों पर आवश्यक दवाएं, फेस मास्क और सैनिटाइजर आसानी से उपलब्ध थे। जनऔषधि केंद्रों पर सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले एन-95 फेसमास्क केवल 25 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध था। केंद्रों पर फेस मास्क, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पैरासिटामोल और एजिथ्रोमाइसिन जैसी भारी मांग वाली दवाओं का पर्याप्त स्टॉक निरंतर बनाए रखा। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से वित्त वर्ष 2020-21 में लगभग 25 लाख फेस मास्क, 1.25 लाख सैनिटाइजर बोतलें, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 137 लाख टैबलेट और पैरासिटामोल की 323 लाख टैबलेट की बिक्री सस्ते दामों पर की गई।
18,000 करोड़ रुपये की बचत
जन औषधि केंद्रों पर मिलने वाली जेनरिक दवाएं सस्ती होने के साथ-साथ कारगर भी हैं। हर साल केंद्र सरकार के इन जन औषधि केंद्रों के जरिए देशभर में लाखों गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों को लाभ हो रहा है। फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) ने वित्त वर्ष 2022-23 में 30 नवंबर 2022 तक, 758 करोड़ रुपये की बिक्री की थी, जिससे जनता को लगभग 4500 करोड़ रुपये की बचत हुई। इस प्रकार, इस परियोजना से पिछले 7 वर्षों में आम जनता को लगभग 18,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।