
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट

दिल्ली जनवरी 18:-आज हर कार्यक्षेत्र में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है। हर परिवर्तन अपने साथ कुछ चुनौतियां लेकर आता है। उसी प्रकार महिलाओं के लिए घर से बाहर निकल कर घर के साथ-साथ बाहर भी काम करना एक चुनौती है। महिलाओं को संरक्षित और सुगम वातावरण प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा बहुत से महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी गवर्नेंस सुधार के क्षेत्र में बहुत सारे कदम उठाए गए हैं, जो कामकाजी महिलाओं के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान कर रहे हैं। यह बात केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री, पृथ्वी विज्ञान मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने कही।डॉ सिंह ने बताया कि कार्मिक प्रशिक्षण विभाग केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें पारिवारिक जीवन तथा पेशे के बीच संतुलन रखने में मदद कर रहा है।
सीसीएल की अनिवार्य न्यूनतम अवधि हटी
730 दिनों के सीसीएल मंजूरी को जारी रखते हुए कुछ नए उपाय भी किए गए हैं। जैसे बाल देखभाल अवकाश पर गए कर्मचारी को उचित सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति से मुख्यालय छोड़ने की अनुमति दी जा सकती है, जब कर्मचारी सीसीएल पर है तो अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) का लाभ उठाया जा सकता है और वह विदेश यात्रा पर भी जा सकता है। इसके लिए पहले से उचित सक्षम अधिकारियों से मंजूरी लेनी होगी। इसके अतिरिक्त सीसीएस(अवकाश) नियम-1972 के नियम 43सी के प्रावधानों के अंतर्गत बाल देखभाल अवकाश के लिए न्यूनतम अवधि को अनिवार्य 15 दिन से घटाकर 5 दिन कर दिया गया है। बाल देखभाल अवकाश का लाभ उठाने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए दिव्यांग बच्चे के मामले में 22 वर्ष की सीमा को समाप्त कर दिया गया है।
संवेदनात्मक निर्णय
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया 1 जुलाई, 2022 से बाल देखभाल के लिए दिव्यांग महिला कर्मचारियों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से विशेष भत्ता प्रदान किया गया है, जिसमें डीए में 50 फीसदी की वृद्धि पर 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न की जांच से संबंधित विशेष अवकाश का प्रावधान किया गया है तथा पीड़ित महिला कर्मचारी 90 दिनों की छुट्टी प्राप्त कर सकती है। यह छुट्टी जांच लंबित रहने के दौरान दी जाएगी और इस नियम के अंतर्गत पीड़ित महिला सरकारी कर्मचारी को दी गई छुट्टी को अवकाश खाते से नहीं हटाया जाएगा।मृत-जन्म या जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मृत्यु के कारण आघात को ध्यान में रखते हुए, जिसका मां के जीवन पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है, अब केंद्र सरकार ने ऐसी स्थिति में महिला कर्मचारी को 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया गया है।
पेंशनभोगी कल्याण विभाग में महिला केंद्रित सुधार
1. एक तलाकशुदा बेटी जिसके मामले में उसके माता-पिता की मृत्यु के बाद तलाक की डिक्री जारी की गई थी, पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होगी, यदि तलाक की याचिका माता-पिता की मृत्यु से पहले दायर की गई हो।
2. एनपीएस के अंतर्गत कवर किए गए लापता कर्मचारियों के परिवार अब एफआईआर दर्ज करने के 6 महीने के भीतर पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
3. सरकारी कर्मचारी की मृत्यु 7 वर्ष की सेवा पूरी करने से पहले होने के मामले में परिवार को पहले 10 वर्षों के लिए अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत की बढ़ी हुई दर पर और उसके बाद अंतिम वेतन के 30 प्रतिशत की दर से पारिवारिक पेंशन देय होगी।