
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट

फतेहाबाद, 24 जनवरी:-राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निर्माणाधीन नागरिक अस्पताल में जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. अरुण कुमार के आदेशानुसार जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर कपिल कुमार व सुशील कुमार द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा उपस्थित मजदूरों को बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना चाहती है। उन्होंने बताया कि जन-जन तक टीबी की बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव व उपचार की जानकारी पहुंचाई जा रही है।कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या खांसी में बलगम या बलगम में खून आना, लगातार वजन कम होना, भूख ना लगना, दोपहर बाद बुखार आना तथा रात को पसीना आना इत्यादि टीबी के कारण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण वाले मरीज को टीबी जांच हेतू नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाना चाहिए, ताकि मरीज समय पर डायग्नोज हो जाए व ईलाज शुरूवा सके।उन्होंने कहा कि समय रहते टीबी का ईलाज लेने से टीबी की बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। मरीज को डॉक्टर की सलाह अनुसार टीबी का ईलाज लेना चाहिए। टीबी का ईलाज कम से कम 6 माह तक चलता है। उन्होंने बताया कि जिस मरीज की टीबी की दवाई चलती है उसे सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह मिलते हैं। यदि कोई मरीज प्राइवेट संस्था से टीबी का ईलाज लेता है तो उसे भी सरकार की ओर से 500 रुपये प्रति माह मिलते हैं। निक्षय पोषण योजना का लाभ लेने के लिए मरीज को अपना बैंक खाते व आधार कार्ड की फोटोकॉपी दवा खिलाने वाली संस्था में जमा करवानी होगी।टीबी की बीमारी को फैलने से रोकने के लिए मरीज को इधर उधर खुले में नहीं थूकना चाहिए। खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा या रूमाल रखना चाहिए। यदि कपड़ा या रूमाल नही है तो बाजू का ऊपरी हिस्सा प्रयोग करना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सदस्यों को टीबी मुक्त भारत की शपथ दिलाई गई व टीबी हारेगा देश जीतेगा नारा लगाया गया।