
आर पी डब्लू न्यूज़/धर्मेंद्र अदलखा

अलवर, जनवरी 27:-अलवर 3 घंटे पहले सॉबिटोल के ड्रम नष्ट कराती टीम ने अलवर से करीब 90 KM दूर बानसूर के तुराना गांव में नकली दूध बनाने में काम लिए जा रहे सोर्बिटोल की बड़ी खेंप पकड़ी। इतनी दूर सरस व खाद्य निरीक्षक की टीम ने सुबह 6 बजे पहुंच गई। साहबी नदी में सरसों के खेत में टीम ने घास-फूस के नीचे 10 बड़े ड्रम साेर्बिटोल के पकड़े।जिनको मौके पर नष्ट करा दिया गया। टीम अलवर से तड़क साढ़े 4 बजे निकली। मौके पर थोड़ा जल्दी पहुंचने के कारण दूध बनाने का काम शुरू नहीं मिला। हालांकि वहीं 100 मीटर दूरी पर एक मकान में दूध के करीब 50 ड्रम खाली मिले।जिससे साबित हो रहा है कि यहां रोजाना करीब डेढ़ से 2 हजार लीटर नकली दूध बनता है। 5 दिन पहले इसी टीम ने बहरोड़ में बड़ा छापा मारा था।करीब 9 लाख रुपए कीमतसरस डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने बताया कि 10 ड्रम में करीब 9 लाख रुपए की कीमत का सोर्बिटोल मिला है। जिसे तुरंत नष्ट करा दिया गया। पूरा अनुमान है कि इसे दूध बनाने में काम लेते हैं। पास में ही एक निजी डेयरी का संग्रहण केंद्र मिला है।

जिस पर 50 खाली दूध के ड्रम मिले हैं।छापा पड़ने के कारण यहां एक ड्रम भी दूध नहीं आया। वैसे खाली 50 ड्रम मिले हैं। मौके पर किसी ने भी ड्रम खुद को होना नहीं बताया। जानकारों ने बताया कि हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर की तरफ सोर्बिटोल को काम लेकर नकली दूध बनता पकड़ा जाता रहा है।उसी तरह यहां भी साेर्बिटोल को नकली दूध बनाने में काम लेने लगे हैं। जहां ड्रम मिले उसके 100 मीटर दूरी पर मकान है। जहां खाली ड्रम मिले हैं। अब मकान मालिक ने ड्रम खुद के नहीं बताए। इसलिए टीम ने उनको नष्ट करा दिया। कोई केस नहीं बनाया।डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर की मौजूदगी में सैंपल भी लिया गया।डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर की मौजूदगी में सैंपल भी लिया गया।कैसे सोर्बिटोल से नकली को असली बना रहेसरस डेयरी के एक्सपर्ट एचएस थेनवा ने बताया कि सोबिटोल ऑयल – केमिकल, रिफाइंड को नकली दूध बनाने में काम लेते हैं। असल में पाउडर से एसएनएफ बढ़ाया जाता है।रिफाइंड ऑयल से फैट बढ़ती है। इसके अलावा सोर्बिटोल से आरएम बीआरओ को मैनेज किया जाता है। सोर्बिटोल से आरएम व बीआर सही हो जाता है।ऑयल मिलाने आरएम व बीआर 55 पहुंच जाता है। लेकिन सोर्बिटोल मिलाने से आरएम 22 तक आता है। जो जांच में पास हो जाता है। बीआर 40 से 42 के आसपास रह जाती है। इस तरह बनाया हुआ दूध निजी डेयरी में पास करा लिया जाता है।सुबह 6 बजे ही टीम अलवर से करीब 90 किलोमीटर दूर पहुंच गई।किडनी के लिए खतरनाकडॉक्टर का कहना कि सोर्बिटोल का उपयोग किडनी सहित मानव शरीर के कई अंगों के लिए खतरनाक है। वैसे यह दवा के रूप में काम लिया जाता है। लेकिन दूध बनाने में अधिक मात्रा में काम लेने से किडनी सहित कई अंगों के लिए घातक है।

बच्चों के लिए भी खतरा है।अलवर के जिला अस्पताल में नाक, कान, गले और आंख के मरीजों को और बेहतर इलाज मिल सकेगा। यही नहीं जिला अस्पताल से जनाना अस्पताल में बिना रोड को क्रॉस करे मरीज आ जा सकेंगे। इसके अलावा जिला अस्पताल के विकास को लेकर शुक्रवार को राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी अलवर की बैठक में कई निर्णय किए गए। जिला कलक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी व शहर विधायक संजय शर्मा की मौजूदगी में विचार-विमर्श कर निर्ण किए52 लाख के उपकरण खरीदे जाएंगेPMO डॉ सुनील चौहान ने बताया कि जिला अस्पताल में ENT के 25 लाख और नेत्र विभाग के लिए 27 लाख रुपए के नए उपकरण खरीदे जाएंगे। ताकि आमजन का और आधुनिक बेहतर इलाज हो सकेगा। इसके अलावा करीब 7 करोड़ रुपए में जिला अस्पताल व जनाना अस्पताल के बीच अंडरपास बनाया जाएगा। ताकि आमजन बिना रोड को क्रोस किए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में आ-जा सकेंगे। यह सुविधा मिलने के बाद कई अन्य तरह के विकास के कार्य भी होंगे।सोनोग्राफी के लिए डॉक्टर लगाने की जरूरतपीएमओ ने कहा कि अस्पतालमें सोनोग्राफी के लिए दो ही डॉक्टर हैं। यह सही है कि बीच-बीच में सोनोग्राफी नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को भी परेशानी होती है। इसके समाधान के प्रयास जारी है। सरकार के स्तर से डॉक्टर नहीं लगाया गया तो जल्दी हायर किया जाएगा। ताकि आमजन की समस्या का समाधान हो सके।