जम्मू-कश्मीर: बाग-ए-बहू में देखने को मिलेगी लोक-संस्कृति की झलक

आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
श्री नगर, फरवरी 4:- जम्मू में पहली बार बहु-आयामी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। दरअसल, 4 फरवरी से 14 फरवरी तक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर अपना पहला सरस मेला 2023 जम्मू के बाग-ए-बहू का आयोजन कर रहा है। इस मेले में देश भर से 25 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं, जो अपने यहां की कला, खानपान और संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे जेकेआरएलएम और पर्यटन विभाग के सहयोग से करवाए जा रहे इस उत्सव में देशभर के 25 राज्यों की भागीदारी हो रही है।
ओपन एयर सिनेमा की शुरुआत मेले की शुरुआत
Acuplex Musical Water Fountain के साथ ओपन एयर सिनेमा से होगी। जिसमें 60 बाई 40 फीट की स्क्रीन पर फिल्मों को दिखाया जाएगा और दिखाए जाने वाले सिनेमा में क्षेत्रीय भाषा डोगरी को प्रमुखता दी जाएगी। ओपन एयर सिनेमा के जरिये पर्यटकों और स्थानीय लोगों को खुले में पहली बार बड़ी स्क्रीन पर फिल्म देखने का मौका मिलेगा। ओपन एयर थियेटर के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये की टिकट है। पर्यटक और स्थानीय लोग इस टिकट को एक समर्पित ऐप के माध्यम से ले सकते हैं। इसके अलावा काउंटर पर भी टिकट की व्यवस्था की गई है।
देश की झलकेगी कला-संस्कृति
पहली बार देश में इस तरह के मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में देशभर के 25 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं जो जम्मू में अपने अपने राज्यों की कला व संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे। इस मेले की खास बात यह है कि इस मेले का जम्मू-कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन (जेकेआरएलएम) द्वारा किया जा रहा है, ऐसे में लोगों को न केवल अलग अलग राज्यों के उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे बल्कि वहां के खानपान से भी परिचित हो सकेंगे। इस मेले में 75 स्टॉल देखने को मिलेंगे जिसमें मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, झारखंड समेत 25 राज्यों हैं जो अपने अपने राज्यों की संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे।
पीपीपी मॉडल की तर्ज पर कार्यक्रम का आयोजन
पीपीपी मॉडल की तर्ज पर म्यूजिकल वाटर फाउंटेन पर पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने पर ज़ोर दिया जायेगा। एक हजार से ज्यादा लोग ओपन एयर सिनेमा आनंद उठा सकते हैं। इस ओपन एयर थियेटर के जरिए स्थानीय स्टार्ट अप, फिल्म निर्माताओं, फिल्म पर्यटन, बॉलीवुड के लिए शूटिंग स्थलों आदि का नया मौका प्राप्त होगा। इस मेले में पर्यटकों के लिए स्थानीय व्यंजनों (शाकाहारी) को भी परोसा जाएगा ताकि जम्मू का स्वाद देश के कोने-कोने तक पहुंच सके। इसके अलवा इस मेले का उद्देश्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना भी है।
पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी
उम्मीद जताई जा रही है कि बाग-ए-बाहू के आयोजन से राज्य में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। पर्यटन विभाग की ओर बड़े स्तर पर तैयारियां की गईं है। पर्यटकों का नाइट स्टे बढ़ाने के लिए रात्रि पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा देने के लिए विशेष इंतजाम किये गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों की महिला को मिलेगा मंच
जम्मू कश्मीर में आयोजित सरस आजीविका मेला से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का बेहतर मंच प्राप्त होगा। इन मंचों के जरिये भारत की ग्रामीण महिलाओं को आय सृजित करने के अवसर प्राप्त होंगे और वह पूर्ण रूप से सशक्त होंगी।
जानिए सरस मेले के बारे में
सरस मेले के जरिए ग्रामीण और सीमांत उत्पादक अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय के नेतृत्व में आयोजित किया जाता है। सरस मेला राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के हिस्से के रूप में केंद्र-राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है जहां देश भर के उद्यमियों को एक साथ एक मंच पर लाया जाता है ।
परम्परा से जुड़ने की अनूठी पहल
बाग-ए-बहू को वास्तव में भारत की परम्परा से जुड़ने के तौर पर देखा जा रहा है, इस मेले में 25 राज्यों के लोग अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे ऐसे में राज्यों के पास मौका है एक दूसरे की संस्कृति को जानने और समझने का। इसके साथ ही इस मेले में बच्चों को नानी-दादी के जमाने वाले मनोरंजन से भी परिचित कराया जायेगा। यहां मटके बनाना, ब्लॉक निर्माण, पेंटिंग, हार बनाने समेत कई प्रकार की कलात्मक चीजों बनाना सिखाया जायेगा।