
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट

रतिया, 6 फरवरी:- बागवानी विभाग की ओर से गांव हसंगा में किसान फील्ड डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से 60 किसानों ने भाग लिया। फील्ड डे कार्यक्रम में जिला उद्यान अधिकारी डॉ. श्रवण कुमार कहा कि किसानों को फसल विविधिकरण करके बागवानी फसलें अपनाने पर विशेष लाभ दिया जा रहा है। इसके अन्तर्गत जो किसान धान की खेती को छोडक़र उस जमीन पर बागवानी फसलें करता है तो बाग लगाने के लिये 6&6 मीटर या उससे कम दूरी पर बाग लगाने के लिये विभाग 50000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता दी जा रही है। इसमें प्रथम वर्ष 30000 रुपये, द्वितीय व तृतीय वर्ष में बागों के रख-रखाव के लिये दस-दस रुपये प्रति वर्ष दिए जाएंगे।इसके अलावा जो किसान अन्य फसलों से फसल विविधिकरण अपनाता है तो उसे 43000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी जाएगी इसमें प्रथम वर्ष 23000 रुपये और दूसरेव तीसरे वर्ष दस-दस रुपये अनुदान राशि दी जाएगी। इस स्कीम के अंतर्गत फतेहाबाद के किसानों को अमरूद, किन्नु, मौसमी, माल्टा, नींबू, टिशुकल्चर अनार व आडू फसलों हेतू अनुदान राशि देने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त यदि किसान खजूर के टिशुकल्चर पौधों से बाग लगाने पर 140000 रुपये प्रति एकड़ सहायता दी जाएगी। सब्जियों की काश्त करने वाले किसानों को हाईब्रिड सब्जी लगाने हेतु 15000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि किसानों को दी जाती है। सामुदायिक टैंक पर उपरोक्त साइज 100 प्रतिशत अनुदान राशि 225000 से 1000000 रुपये तक दिये जाने का प्रावधान है।उन्होंने कहा कि बागवानी किसानों के जोखिम को कम करने के लिये सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना शुरू की गई है, जिसमें बागों व सब्जियों की फसलों का बीमा किया जाएगा। इस योजना के तहत सब्जियों की 14 फसलों जैसे टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घिया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, मूली व फल की 5 फसलें जैसे आम, किन्नु, बेर, अमरूद, लीची व मसाले की 2 फसलें जैसे हल्दी व लहुसन को शामिल किया गया है। इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक (बाढ़, बादल फटना, नहर/ड्रैन का टूटना, जलभराव), आंधी, तुफान व आग से होने वाले नुकसान की भरपाई हेतू लागू किया गया है।

इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ प्रीमीयम राशि 2.5 प्रतिशत के बाद देना होगा जिसके अन्तर्गत सब्जियों व मसालों के लिए 750 रुपये प्रति एकड़ व फलों के लिये 1000 रुपये प्रति एकड़ देना होगा। प्रीमियम की राशि देने के 72 घण्टे के बाद बीमा पोलिसी लागू होगी तथा उसके उपरान्त ही फसल में हुये नुकसान का मूल्यांकन किया जायेगा। जिसका मूल्यांकन मौके पर किसान द्वारा नुकसान की सूचना देने उपरान्त निरीक्षण करके प्रति एकड़ हुये नुकसान के आधार पर किया जायेगा। जिसके तहत किसानों को सब्जियों में अधिकतम राशि 30000 रुपये व फलों में अधिकतम राशि 40000 रुपये मिलने का प्रावधान है।कार्यक्रम के दौरान उद्यान विकास अधिकारी रवि गौतम ने किसानों को बताया कि एससीएसपी स्कीम के तहत सिर्फ अनुसूचित किसानों को बांस के सहारे सब्जी की खेती, मशरूम उत्पाद में 85 प्रतिशत तक अनुदान राशि दी जाती है। आईएचडी स्कीम के तहत, मशरूम, बांस के सहारे सब्जी की खेती, प्लास्टिक टनल व मल्चिंग, सोलर एलईडी फरोमैन ट्रैप व मधुमक्खी कॉलोनी व व्यक्तिगत तालाब पर किसानों को 50 से 85 प्रतिशत तक अनुदान राशि प्रदान की जाती है। उपरोक्त स्कीमों के बारे में पूर्ण जानकारी हेतू किसान उद्यान विकास अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।