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आर पी डब्लू न्यूज़/धर्मेंद्र अदलखा
अलवर, 26 फरवरी:- मुख्यमंत्र चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के जिला पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ की ओर से शनिवार को मोती डूंगरी स्थित होटल स्वरूप विलास में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।जिला नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मुखय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. श्रीराम शर्मा ने कहा कि पीसीपीएनडीटी एकट के तहत पंजीकृत सभी संस्थाओं को पीसीपीएनडीटी एकट 1994 की अक्षरश: पालना करनी है। ऑनलाइन व ऑफ लाइन फार्म एफ भरते समय सावधानी बरतें एवं गलतियां नहीं करें। फार्म एफ ऑन लाइन एंट्री के लिए प्रशिक्षित स्टाफ ही रखें, नये स्टाफ से ऑन लाइन की एन्ट्रियां नहीं कराएं।उप मुखय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. महेश कुमार बैरवा ने कहा कि अलवर जिला सीमावर्ती जिला है, इसलिए पडौसी राज्य से आने वाले मरीजों की सोनोग्राफी करते समय अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिना डॉकटर की प्रिस्क्रिप्शन के गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी नहीं करें एवं सभी प्रकार के रिकॉर्ड का व्यवस्थित रूप से संधारण करें। कार्यशाला में वरिष्ठ विधि अधिकारी प्रिंस जैमन ने कहा कि पीसीपीएनडीटी एकट 1994 व नियम 1996 के तहत अपराध करने पर तीन से पांच साल की सजा व दस हजार से एक लाख रूपए तक का जुर्माना है, इसलिए एकट का अध्ययन करें एवं गलतियां नहीं करें।इस दौरान जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक गफूर खान ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि पीसीपीएनडीटी एकट के तहत जिले के कुल 106 कार्यशील संस्थान पंजीकृत हैं, इनमें सोनोग्राफी सेंटर, कार्डिक सेंटर एवं एमआरआई सेंटर शामिल हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. कपिल भारद्वाज ने सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यशाला में डॉ. विजय गुप्ता, डॉ. प्रमोद रावत, डॉ. मुकेश गुप्ता, डॉ. हनि निश्चल, डॉ. देवयानी राणावत, डॉ. राजेश चौधरी, डॉ. सुशील सहारण, डॉ. श्याम मोहन गोयल, डॉ. सुमित बंसल, डॉ. पायल गुप्ता, डॉ. विनोद गुप्ता, डॉ. विपिन जैन व डॉ. प्रीति कुमारी सहित सभी पंजीकृत संस्थाओं के मालिक व डॉकटर उपस्थित थे।