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आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता

यमुनानगर,12 मार्च:- हथिनी कुंड बैराज से हरियाणा के कई जिलों से होकर निकलती यमुना नदी जब दिल्ली पहुंचती है तो दिल्लीवासियों की प्यास बुझाने का काम भी करती है, लेकिन वहीं पर कई बार आफत बनते भी दिखी, लेकिन अब वंही पर विवादों का मुद्दा बनते दिख रही है, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज के ब्यानो को नाकारा नहीं जा सकता, क्योंकि कुछ समय पहले तक यमुना की जल धारा के प्रवाह को रोककर माइनिंग होती दिखाई दी, लेकिन फिलहाल एनजीटी के आदेशो ने इस पर कड़ी रोक लगा दी । सौरभ भारद्वाज के इन बयानों को नकारा भी नहीं जा सकता कि ” यमुना में जल का स्तर बेहद निचले पायदान पर है और इसकी सबसे बड़ी वजह है खनन माफिया क्योंकि खनन माफियाओं की वजह से यमुना के पानी को रोककर खनन का कारोबार किया जा रहा है लिहाजा यमुना में जितना पानी आना चाहिए उतना नहीं आ पा रहा यही वजह है कि दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है “। ( सौरभ भारद्वाज का बयान ) जहां दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज के बयान को नकारा नहीं जा सकता तो वहीं पर यमुनानगर के सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मियों के दिनों में पानी की मात्रा कम हो जाती है जिसकी वजह से बैराज पर ऊपर से जो भी पानी आता है उत्तर प्रदेश व मूनक हैड की तरफ छोड़ने के बाद जितना पानी बचता है यमुना रिवर में छोड़ दिया जाता है।

वहीं पर उन्होंने कहा कि हथिनी कुंड बैराज पर पानी स्टोरेज नहीं होता, यहां पर जो भी पीछे से पानी आता है वह डाइवर्ट करके छोड़ दिया जाता है। दिल्ली के लिए पानी की बात मुनक हैंड से पता चल पायेगी ।वहीं पर यमुना नदी पर हो रही अवैध माइनिंग व जल धरा के प्रवाह को रोकने को लेकर एंटी करप्शन सोसाइटी के चेयरमैन वरयाम सिंह ने कई बार ऐसे मुद्दे उठाए और आज भी उन्होंने कहा कि जिस तरह से यमुना के पानी के प्रवाह को रोक कर खनन एजंसिया अवैध माइनिंग कर रही है वो कहीं ना कहीं दिल्ली के लिए आने वाले समय में पानी का संकट बन सकती हैं।