![Screenshot_2023-03-28-19-42-33-394_com.google.android.apps.photos[1]](https://rpwnews.in/wp-content/uploads/2023/03/Screenshot_2023-03-28-19-42-33-394_com.google.android.apps_.photos1-e1680012929110.jpg)
आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता

यमुनानगर,28 मार्च:- आज दोपहर 12:30 बजे कई निजी स्कूलों से के.जी. क्लास पास हुए बच्चे अपने अभिभावकों के साध भारी संख्या में दशहरा ग्राउंड में एकत्रित होकर जिला शिक्षा सदन तक पद यात्रा करते हुए पहुँचे । बच्चो के अभिभावकों का इतनी अधिक संख्या में जुटने का अनुमान न था।समस्या साढे पाँच साल और छ साल के के.जी. कक्षा में पास बच्चो के पास होने के बावजूद दोबारा के. जी. में बैठाए जाने का खतरा मंडरा रहा था ।जिन्हे लेकर घमासान भी होने का अन्देशा था मौके पर सी टी थाने से पुलिस अधिकारी अनिल कुमार भी दल-बल के साथ भेजे गये। परन्तु अभिभावक संभ्रांत परिवारों से थे उन्होंने शांतिपूर्ण मार्च किया व कई स्कूली बच्चों का कल रिजल्ट आना है , उनके पास होने के बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।कि उन्हें कौन सी क्लास में बैठना पडेगा। अभिभावकों ने बताया कि कुछ स्कूलों ने यहाँ तक कहा कि आप जब तक केस नहीं जीतते तब तक पहली कक्षा में ही बच्चो को भेंजे। केस हार गये तो के. जी. दोबारा करनी ही होगी।जिला शिक्षा अधिकारी ने अभिभावकों को खुश खबरी देते हुए कहा कि आप लोगों के संघर्ष की दास्ताँ शिक्षा मन्त्री तक पहुंचा दी गई है ।और नियम में कुछ संशोधन हैं जिसके तहत इस साल जो बच्चे के जी कक्षा में पास हो गयें हैं वे अब पहली कक्षा में ही जाऐंगे। इसकी अधिकारिक सूचना जल्द ही आ जाऐगी।ये सुनते ही वहाँ पहुँचे अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ गई। सबने एक दूसरे का धन्यवाद किया और सभी पेरेन्टस ने अभिभावक सेवा मंच के पदाधिकारियों का पाँच मिन्ट तक करतल ध्वनि से शुकिया किया।मंच के अध्यक्ष महेन्द्र मित्तल व कार्यकारी अध्यक्ष संजय मित्तल ने इसे अभिभावकों के संघर्ष का सुखद परिणाम बताया।गौर करने वाली बात है कि लगातार दो महीने से विपिन गुप्ता, सुमन बाल्मीकि, पवन कुमार, संदीप गांधी, सजंय शर्मा, संजय मित्तल, ममता शर्मा, विशाल गुप्ता, विशाल बंसल, आदि पदाधिकारी दिन रात एक कर अभिभावकों व बच्चो पर मंडराने वाले खतरे को दूर करने का अथक प्रयास कर रहे थे।

इससे पहले अभिभावक कई बार हल निकालने के लिए अधिकारियों से मिल चुके थे । अन्य छोटे-मोटे संगठनों ने बहुत उछल-कूद की परन्तु हल नहीं हुआ। केवल आश्वासन ही मिलते रहे। निजी स्कूल जबरन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने के दबाव बनाते रहे ।कई अभिभावकों को डरा धमका कर उनसे एफिडेविट भी ले लिए गये।संदीप गांधी ने पिछले साल हुई 58 स्कूलों की जाँच रिपोर्ट के लिए कभी शिक्षा अधिकारी से, शिक्षा मन्त्री से, शिक्षा निदेशक से कई बार मुलाकात की, फरवरी में आर.टी.आई. लगाई पर जांच किसी सूरत में सार्वजनिक नहीं हुई। महेन्द्र मित्तल ने कहा सरकार अभिभावकों को लूटने वालों का पर्दाफाश करें और जनता को राहत प्रदान करे अन्यथा प्रदेश भर में बढ़ा आन्दोलन खडा कर मौजूदा सरकार की खाट खड़ी की जाएगी।मौके पर अभिभावकों की ओर से बावा, कोमल,अनु,सुमन, गुडिया, नेहा, परमजीत कौर , जीतने, प्रीति, आरती,गोविन्द, नेहा,दीपक, पुष्पेन्दर, उमेश, पवन, वन्दना, अतुल, रजनी, रूपेन्दर, पीयूष अंशिका, पवन, मीनू व विशाल छोटे छोटे बच्चों के साथ मौजूद थे।