
आर पी डब्लू न्यूज़/अभिषेक ठाकुर
-मलेरिया वर्किंग कमेटी की समीक्षा बैठक में सीईओ जिला परिषद मनोज दलाल ने दिए निर्देश
-लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में आयोजित हुई समीक्षा बैठक

भिवानी, 11 अप्रैल:- अतिरिक्त उपायुक्त लिंक ऑफिसर एवं जिला परिषद सीईओ मनोज दलाल की अध्यक्षता में मंगलवार को स्थानीय लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। श्री दलाल ने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे लोगों को मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जागरूक करें। उन्होंंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में शुक्रवार को तथा आमजन रविवार को ड्राई-डे के रूप में मनाएं। नागरिक अपने घरों में कूलर व गमलों को साफ करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नागरिक सुबह-शाम ऐसे कपड़े पहनें ताकि मच्छर काट न सकें।उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायतें स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर मच्छर मारने की दवाई लेकर गांव में छिडक़ाव करें। इसी प्रकार से उन्होंने शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारियों को भी मच्छर मारने की दवाई लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घरों के साथ-साथ सार्वजनिक भवनों में दवा का छिडक़ाव किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए कि वे मलेरिया, चिकनगुनिया व डेंगू से बचाव को लेकर आमजन के साथ-साथ विद्यार्थियों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में फोगिंग मशीन नहीं हैं, वहां पर पंचायत विभाग के माध्यम से फोगिंग मशीन खरीदी जाएं तथा शैड्यूल बनाकर फोगिंग का कार्य करवाया जाए।उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि शहर व गांवों में पानी लीकेज वाली जगहों को दुरुस्त किया जाए। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग, रोड़वेज, वन व अन्य विभागों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने कार्यालयों में पानी के ठहराव वाली जगहों को साफ रखें। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग अपनी वर्कर के माध्यम से महिलाओं को डेंगू व मलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक करें। इसी प्रकार से उन्होंने रोड़वेज विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिए कि वे वर्कशॉप आदि में खराब टायर न रखें, जिनमें पानी का ठहराव होता हो।इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला में करीब 235 तालाबों में गंबूजिया फिश डाली गई है। उन्होंने कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में लारवा की जांच के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है और मलेरिया का मच्छर रात के समय में काटता है। उन्होंने बताया कि जहां पर पानी का ठहराव अधिक हो, वहां पर काला तेल डाल सकते हैं ताकि पानी पर एक परत बन जाए और मच्छर बाहर आकर सांस न सकें। उन्होंने बताया कि घरों के अंदर और बाहर, दो तरह से फोङ्क्षगग की जाती है। मकान के अंदर यदि फोगिंग की जाती है सोते समय खिड़कियां खुली रखें, लेकिन शरीर को ढंकना सोना जरूरी है। सभी एसडीएच और सीएचसी में भी पांच-पांच बेड रिजर्व किए हैं, ताकि डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया मरीज को भर्ती कर उपचार किया जा सके। उन्होंने बताया कि यदि किसी को मलेरिया हो जाता है तो वह अपने आपको आईसोलेट करें ताकि परिवार के अन्य सदस्य संक्रमण से बच सके।ये हैं मलेरिया के लक्षणठंड(कंपकपी) के साथ बुखार आना, उल्टी होना या उल्टी जैसा लगना, शरीर में ऐठन एवं दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना, थोड़ी देर में पसीने के साथ बुखार अना एवं पुन: कुछ समय के अंतराल में बुखार आना, मलेरिया के लक्षण हैं।

ये हैं डेंगू के लक्षणअचानक तीव्र ज्वर का होना, सिर अगले भाग व ऑखों के पिछले भाग, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, खसरा जैसे दाने छाती व हाथ के उपरी भाग पर निकल आना एवं भूख का कम होना एवं उल्टी का होना आदि डेंगू के लक्षण हैं।ये हैं चिकनगुनिया के लक्षणतेज बुखार के साथ मांसपेशियों में तथा जोड़ों में तेज दर्द, भूख कम लगना एवं कमजोरी व जी घबराना आदि चिकनगुनिया के लक्षण हैं। बुखार आने पर स्वास्थ्य केंद्र में खून की जांच करवाएं। दवा लें, रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।ऐसा नहीं करना चाहिएगमलों, बाल्टी, गढ्ढों आदि में पानी को खड़ा न होने दे। टायर, टयूब, टूटे फूटे गमले, बर्तन आदि सामान जिसमें बरसाती पानी इक्_ा हो सकता हो, उन्हें खुले में ना रखें, अपने घर व गली में मच्छर पैदा ना होने दे तथा यदि घरों व कार्यालय में मच्छर के अंडे व लारवा पाया जाता है तो चालान व जुर्माना किया जा सकता है।इन बातों का ध्यान रखना जरूरी हैडेंगू बुखार में बिना चिकित्सक की सलाह के स्वयं दवा खाने से बचें। डेंगू व मलेरिया नाशक दवाई के छिडक़ाव के उपरांत दो मास तक उस पर सफेदी न करें, नीम-हकीमों के चक्कर में ना पड़े तथा तेज बुखार के साथ उल्टी, सिरदर्द व बेहोशी होने पर रोगी को हस्पताल ले जाने में देरी न करें।बॉक्सकोविड की चौथी लहर से बचाव के लिए मास्क व भीड़ वाली जगहों पर उचित दूरी जरूरीबैठक के दौरान सीईओ जिला परिषद श्री दलाल ने कोविड की चौथी लहर से बचाव लेकर भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव के लिए मास्क व भीड़ वाली जगहों पर उचित दूरी बनाए रखें। इसके अलावा यदि किसी को खांसी या बुखार होता है तो अस्पताल में स्वास्थ्य की जांच करवाएं। सिविल सर्जन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग कोविड से बचाव को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है।टीबी मुक्त भारत अभियान की भी समीक्षा कीबैठक के दौरान 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान की भी समीक्षा की। इस दौरान डॉ. सुमन विश्वकर्मा ने बताया कि फिलहाल टीबी मुक्त गांव अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे 15 दिन से अधिक समय तक खांसी होने पर अपने बलगम व खून की जांच करवाएं। उन्होंने बताया कि गांवों में जांच की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार से टीबी के मरीजों को यह समझाया जा रहा है कि टीबी का पूरा ईलाज लेना जरूरी है। बीच में दवा छोडऩा बेहद खतरनाक है। टीबी मरीजों को सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से टीबी पोषण आहार किट दी जाती है। इसके लिए मिक्ष मित्र बनाए जाते हैं। उन्होंने आमजन से आह्वïान किया वे मिक्ष मित्र बनकर जरूरतमंद टीबी मरीजों की मदद के लिए आगे आंए। उन्होंने बताया कि यदि कोई आमजन किसी व्यक्ति के टीबी से ग्रस्त होने की सूचना देता है और वह व्यक्ति वास्तव में टीबी से ग्रस्त मिलता है तो सूचना देने वाले को 500 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसका मकसद यह है कि कोई भी टीबी से पीडि़त व्यक्ति बिना उपचार के न रहे।बैठक में डॉ.दीपक ने प्रोजेक्टर पर मलेरिया से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि जिले में मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। इस दौरान जिला विकास एवं पचंायत अधिकारी रविंद्र दलाल, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी वैशाली तथा हेल्थ निरीक्षक जगदीश जांगड़ा सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।