
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
-डीपीआरसी हॉल में फसल अवशेषों को जलाने के संबंध में राज्य स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
-किसानों ने चेयरमैन पी राघवेंद्र राव को दिया आगामी सीजन में पराली जलाने के मामले जीरो होने का आश्वासन
फतेहाबाद, 8 मई:- हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने कहा है कि पर्यावरण शुद्धता के लिए जागरूकता के साथ-साथ पराली प्रबंधन के यंत्रों का व्यापक इस्तेमाल करना होगा। पराली प्रबंधन करके ही हम पर्यावरण को बचा पाएंगे। किसान ज्यादा से ज्यादा यंत्रों का इस्तेमाल करें और पराली प्रबंधन के लिए आगे आए।
चेयरमैन पी राघवेंद्र राव सोमवार को लघु सचिवालय के समीप डीपीआरसी हॉल में फसल अवशेषों को जलाने के संबंध में आयोजित राज्य स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। राज्य स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम में कृषि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों, उपकरणों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। मुख्यातिथि चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मिशन लाइफ का मंत्र बारे भी पीपीटी के माध्यम से किसानों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में जिला के किसानों ने चेयरमैन व अधिकारियों को आश्वासन दिया कि आगामी धान के सीजन के दौरान वे पराली नहीं जाएंगे और उसका प्रबंधन करेंगे। जिला में आगामी सीजन में पराली जलाने के मामले जीरों करने के लिए वे जिला के अन्य किसानों को भी जागरूक करेंगे। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण में पराली को एक कारक मानते हुए कहा कि जिस प्रकार पर्यावरण प्रदूषण के लिए दूसरे कारण है जैसे व्हीकल, उद्योग है, उसी प्रकार पराली जलाना भी पर्यावरण प्रदूषण का एक कारण है। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा पराली प्रबंधन, कृषि यंत्रों की तकनीकी इस्तेमाल बारे विस्तार से जानकारी दी गई।
चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए आमजन का इसके लिए जागरूक होना अति आवश्यक है। जागरूकता से ही पर्यावरण बचाने की मुहिम में तेजी आएगी। किसान पर्यावरण के नुकसान बारे भली-भांति परिचित है। हमें किसानों को इस अभियान में साथ जोडक़र तालमेल के साथ काम करना होगा। सरकार अनेक कदम उठा रही है। किसान भी इस विषय को लेकर चिंतित है। मिलजुलकर समान रूप से इस समस्या का समाधान निकालना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी के प्रयास से इस साल पराली जलाने के मामले जीरो होंगे या जीरो के नजदीक होंगे।
चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने कहा कि आज के सेमिनार का उद्देश्य समस्याओं को जानकर उनको समाधान की ओर लेकर जाना है। पराली प्रबंधन में जो समस्याएं आ रही है, उनको दूर करने के प्रयास सरकार स्तर पर भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पराली जलाने के 90 प्रतिशत मामले प्रदेश के नौ जिलों में है, जो चिंतनीय है। इन जिलों में फतेहाबाद भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इन-सीटू और एक्स-सीटू के माध्यम से पराली प्रबंधन के बेहतर काम फतेहाबाद में हुआ है। हमें इस काम को और अधिक करना है। उन्होंने कहा कि 5 जून को पर्यावरण दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पर्यावरण प्रदूषण के हर पहलू को रखा जाएगा और सभी स्टेकहोल्डर से बात करके उनकी समस्याओं को भी हल किया जाएगा।
सेमिनार में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव व पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक-सह-सचिव प्रदीप कुमार ने कहा कि प्रकृति की रक्षा अगर हम करेंगे तो प्रकृति भी हमारी रक्षा करेगी। हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा। प्रदूषण के अनेक कारक मौजूद है, उनमें पराली जलाना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जिला फतेहाबाद में पराली जलाने की घटनाओं में वर्ष 2021 के मुकाबले वर्ष 2022 में 50 प्रतिशत की कमी आई है। यह सब लोगों के आपसी सहयोग और जागरूकता के कारण ही संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि जागरूकता की अभी और अधिक आवश्यकता है। कृषि विभाग पराली प्रबंधन के बारे में किसानों को गांव-गांव जाकर जागरूक करें और पर्यावरण शुद्धता के इस आंदोलन में भागीदारी बढ़ाए। उन्होंने कहा कि आज के सेमिनार में किसानों द्वारा जो समस्याएं रखी गई है, उन समस्याओं पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गंभीरता से काम करते हुए हल करवाने का प्रयास करेगा।
इस अवसर पर उपायुक्त मनदीप कौर, एडीसी डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रांगी, डीएससी अजय चोपड़ा, एसडीएम प्रतीक हुड्डा व राजेश कुमार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अभियंता भूपेंद्र रिणवा, क्षेत्रीय अधिकारी शक्ति सिंह, संयुक्त निदेशक कृषि जोगेंद्र सिंह, डीडीए डॉ. राजेश सिहाग, डीडीपीओ बलजीत सिंह चहल, एसडीओ सुनील श्योरण, विनय गिल, आरएस पूनिया, डॉ. मुकेश जैन, बीडीपीओ संदीप भारद्वाज, सुमित बेनीवाल, सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, नंबरदार व जन प्रतिनिधि मौजूद रहे।
जिला फतेहाबाद में पराली जलाने की घटनाओं से होने वाले वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने एडीसी डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रांगी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में संबंधित एसडीएम, कृषि विभाग के प्रतिनिधि, संबंधित थाना के एसएचओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि और प्रगतिशील किसान शामिल होंगे।