
आर पी डब्लू न्यूज/रितु रहनुमा
दिल्ली 09 मई:– G20 की डेवलपमेंट वर्किंग ग्रुप की तीसरी बैठक गोवा में आयोजित हुई। इस बैठक में “महिला और अर्थव्यवस्था: उभरते हुए क्षेत्र और काम का भविष्य” विषय पर जोर दिया गया है। इस विकास कार्य समूह की बैठक का आयोजन जी20 सचिवालय द्वारा ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के सहयोग से किया गया।
‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ विषय पर उप-कार्यक्रम की शुरुआत
भारत की जी20 प्राथमिकता के प्रमुख क्षेत्रों में से एक, ‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ विषय पर एक आकर्षक और गंभीर अंतर्दृष्टि से भरे उप-कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ। उप-कार्यक्रम की शुरुआत समीर सरन के उद्घाटन भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने न केवल महिलाओं के अधिक समावेश और सशक्तिकरण की आवश्यकता पर बल दिया, बल्कि आने वाले दशकों में नए नेतृत्व पर भी बात की। इस बैठक के दौरान मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा गार्सेस ने कहा कि महिलाओं के विकास से आगे बढ़कर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास से जुड़े नैरेटिव का गहरा प्रभाव पड़ता है।
सतत विश्व के निर्माण के लिए, बैठक में 5 मुद्दों पर दिया गया जोर
लैंगिक-समानता पर आधारित, निष्पक्ष और सतत विश्व के निर्माण के लिए इस बैठक में 5 मुद्दों पर प्रकाश डाला, जिनमें लैंगिक डिजिटल अंतर को समाप्त करना, एसटीईएम क्षेत्रों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाना देना, साक्षरता अंतर को समाप्त करना, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना और राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी शामिल है।
भारत दिखा रहा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के मुद्दे पर नई राह
भारत G20 अध्यक्ष के रूप में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के मुद्दे पर पूरी दुनिया को एक नई और सुदृढ़ राह दिखा रहा है। विकास के सभी स्तरों पर भारत की अध्यक्षता सही मायने में लैंगिक चिंताओं को शामिल करने, हर महिला के लिए सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित करती है।
भारत ने बजट 2023 में महिला सशक्तिकरण को दिया बढ़ावा
बजट 2023 ने महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया को भी काफी बढ़ावा दिया है। महिलाओं के लिए केंद्र की योजनाओं पर बजट में काफी ध्यान रखा गया है, क्योंकि उन्होंने उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। उदाहरण के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वयं सहायता समूहों में संगठित करके उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।Y20 की बैठक में युवाओं को मिल रहा वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करने का अवसर होगा।
कश्मीर विश्वविद्यालय यूथ 20 (Y20) की प्रतिष्ठित सभा को आयोजन करने की तैयारी में है। यह मीटिंग 11 मई को आयोजित होगी। ईएमएमआरसी ऑडिटोरियम, कश्मीर विश्वविद्यालय में प्री-इवेंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, कुलपति ने कहा कि परामर्श खुली चर्चा, प्रस्तुतियों और इंटरैक्टिव सत्रों के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जो युवा लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उनके विकास के लिए एक रोडमैप तैयार करने पर केंद्रित होगा।
वैश्विक शांति और विकास में युवाओं की भूमिका
Y20 यह एकमात्र युवा भागीदारी समूह है, जो G20 के सदस्य देशों से युवा उपदेशों को जोड़ता है और युवाओं की मांगों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने के लिए गठित होता है। कश्मीर विश्वविद्यालय, जो अपनी शैक्षिक उत्कृष्टता और बुद्धिजीवी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रसिद्ध है, इस साल की Y20 की मीटिंग का आयोजन करने के लिए गर्व महसूस कर रहा है।
भारत की अर्थव्यवस्था में युवाओं की अहम भूमिका
वर्तमान परिस्थितियों में युवाओं की भूमिका और भी बढ़ गई है। यदि भारत 2014 में पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से आगे बढ़ते हुए वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है तो इसमें युवाओं ने अहम भूमिका निभाई है। केवल 8-9 वर्षों के अंतराल में भारत 92,000 से अधिक स्टार्टअप और 107 से अधिक यूनिकॉर्न वाला देश बन गया है।
वैश्विक मंच पर शांति और सुलह को बढ़ावा देने में अग्रिम भारत
भारत एक ऐसी संस्कृति में विश्वास रखता है जो संवाद, विकास और कूटनीति को बढ़ावा देती है। इसके साथ-साथ भारत ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों में भी महत्वपूर्ण योगदान देकर वैश्विक मंच पर शांति और सुलह को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाई है। G20 की अध्यक्षता के लिए भारत की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सांस्कृतिक मूल्य प्रणाली में निहित है, जो भय और आशंकाओं से भरे इस दुनिया में बेहतर माहौल निर्माण हेतु ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की वकालत करता है।