
आर पी डब्लू न्यूज़/राजीव मेहता
सिविल सर्जन स्वास्थ्य विभाग को कई बार कर चुका आगाह, नहीं दिया अभी तक ध्यान
यमुनानगर, 27 मई:- यमुनानगर का सिविल अस्पताल बीते कई महीनों से सुर्खियों में हैं हाल ही में 119 करोड़ की लागत से बनी नई बिल्डिंग का सीएम मनोहर लाल ने उद्घाटन किया था निर्माण के दौरान कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे चुके हैं और हाल फिलहाल में फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर महिला नर्स की गिरफ्तारी भी हुई होवीओ. यमुनानगर की नई बिल्डिंग 119 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुई है।अस्पताल में हर बीमारी के इलाज की लगभग हर मशीन मौजूद हैहै। बिल्डिंग के भीतर आपको मरीजों की संख्या अच्छी खासी दिखाई देगी लोग दूर-दराज से बेहतर और सस्ते इलाज के लिए सिविल अस्पताल की और रुख करते हैं।मगर मरीज और उनके परिजनों को मायूसी तब हाथ लगती है जब अस्पताल में पहुंचकर पता लगता है कि इस बीमारी का इलाज यहां नहीं हो पाएगा क्योंकि यहां डॉक्टर नहीं है। मरीज पूरा-पूरा दिन अपने नंबर का या तो इंतजार करते हैं या फिर मरीज के कुछ दिन बाद आने के लिए बोला जाता है। ऐसा भी नहीं की डॉक्टर छुट्टी पर या बाहर कहीं गया है।डॉक्टर इसलिए उपलब्ध नहीं है क्योंकि यहां डॉक्टर के पद आधे खाली पड़े हैं।यमुनानगर जिले के 191 सीनियर डॉक्टर्स में से सिर्फ 97 ही डॉक्टर सेवा देने के लिए उपलब्ध हैं बाकि 96 पोस्ट लंबे समय से खाली पड़ी हैं। सिर्फ सीनियर डाक्टर्स के पद ही खाली नहीं है बल्कि पैरामेडिकल और बाकी पद भी खाली हैं। सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है लेकिन स्थाई तौर पर रेडियोलिस्ट नहीं है।

सिविल सर्जन मनजीत सिंह का कहना है कि नई बिल्डिंग में स्कैन और एमआरआई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।सिर्फ यमुनानगर के सिविल अस्पतालों में ही डाक्टर्स का टोटा नहीं है बल्कि पूरे हरियाणा के सरकारी छोटे बड़े अस्पतालों में डाक्टरों की भारी कमी हैं।हरियाणा सरकार नए डाक्टर्स का ध्यान सरकारी सेवाओं की तरफ मोड़ तो रही है लेकिन अभी तक सफल नहीं हुई है। लेकिन सच ये भी है कि बडी-बड़ी सिविल अस्पतालों की बिल्डिंगें खड़ी करने से स्वास्थ्य सेवाएं बाद में बेहतर होंगी पहले डॉक्टर्स के रिक्त पदों को अगर भरा जाए।फिलहाल तो पूरे हरियाणा के सिविल अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हैं वो पटरी पर कब आती है ये देखना फिलहाल बाकी है।