March 15, 2025

प्रथम प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि पर सारा देश उन्हें अपने भाव-भीने श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है: चन्द्रमोहन

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आर पी डब्लू न्यूज़/प्रीति धारा


पंडित जवाहर लाल नेहरु की पुण्यतिथि पर चन्द्रमोहन जी के निवास सेक्टर 8 पर कांग्रेस कर्ताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये

पंचकूला 27 मई:- आधुनिक भारत के निर्माता और भारतीय लोकतंत्र के सजग प्रहरी और पंचशील के प्रणेता पंडित जवाहरलाल नेहरु देश के प्रथम प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि पर सारा देश उन्हें अपने भाव- भीने श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है ।

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यह उदगार, अपने उद्बोधन में हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पंडित जवाहरलाल नेहरु को उनकी 59 वीं पुण्यतिथि पर अपने भावभीने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

चन्द्र मोहन ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू देश की आज़ादी के लिए अपना सब कुछ परित्याग करके जेल की काल कोठरी में अनेक वर्ष बिताए और देश के एक ऐसे अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी के सामने सम्मान के रूप में उनका सिर श्रद्धा पूर्वक अपने आप ही झूक जाता है। इतना ही नहीं वह एक उत्कृष्ट और उच्च कोटि के लेखक थे जिन्होंने जेल की कोठरी में बंद रह कर डिस्कवरी ऑफ इंडिया , ग्लीम्पस आफ वर्ल्ड हिस्ट्री और बाईग्राफी आफ फ्रीडम जैसी प्रतिष्ठित पुस्तकें लिखी । इतना ही नहीं वह एक प्रबुद्ध कुशल और अद्भुत वक्ता भी थे और उनके इन विचारों की झलक उनके द्वारा देश के विकास के लिए संजोए गए सपनों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।

आजाद देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने इस देश के विकास और इसे आधुनिक बनाने के सपनों को फलीभूत करके अपने 16 वर्ष 9 महीने और 12 दिन के कार्यकाल के दौरान भारत वर्ष की तस्वीर बदल कर रख दी और देश में जहां उस समय सूई भी नहीं बनती थी। उन्होंने देश के विकास के लिए पंचवर्षीय योजना तैयार करके उसको अमली जामा पहनाया तथा इस देश ने अद्भुत, अविश्वसनीय और अकल्पनीय विकास का एक नया दौर देखा । वह एक इतिहासकार के साथ साथ क आधुनिक भारत के निर्माता भी थे। भाई चन्द्र मोहन ने कहा कि मैं पंडित जवाहरलाल नेहरू की उस महान सोच को प्रणाम करता हूं और आज देश 75 वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है और क्या इस देश में जो एम्स उन्होंने दिल्ली में 1956 में बनाया था आज ऐसा कोई दूसरा एम्स बन पाया हैं। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने 1948 में भाखड़ा नांगल डैम, सन् 1950 में आई आई टी खड़गपुर, 1950 में योजना आयोग, 1956 में ओ एन जी सी और एम्ज, सन् 1958 में डी आर डी ओ और 1962 में इसरो की स्थापना करके देश के विकास का एक रास्ता प्रशस्त किया। उन्होंने कहा भारत देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 इलाहाबाद मे हुआ था और उनके पिता मोतीलाल नेहरू एक नामी वकील थे।।नेहरू की शिक्षा हैरो स्कूल और ट्रिनिटी कॉलेज लंदन से हुई । उसके बाद जवाहरलाल नेहरू जी ने लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय लंदन से पूरी की। हैरो और कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर 1912 में नेहरूजी ने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की और महात्मा गांधी से प्रभावित होकर अपना सबकुछ त्याग कर देश को आजाद करवाने के लिए निकल पड़े और 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध करते समय अंग्रेजों के अत्याचार से नेहरू जी घायल हुए और 1930 के नमक आंदोलन में उन्हें गिरफ्तार किया गया। पंडित कुल 9 बार जेल गए और वह 3355 दिन तक जेल मे सलाखों के पीछे रहे और सबसे अधिक 9 वीं बार 9 अगस्त 1942 से 15 जून 1945 तक कूल 1102 दिन जेल में रहे। उन्होने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक कुल 16 साथ 9 महीने और 12 दिन प्रधानमंत्री रहे और इससे पहले 6 साथ वह कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। उन्हें सन् 1954 में भारत रत्न से अलंकृत किया गया था। 27 मई 1964 को इस संसार से विदा हो गए। चन्द्र मोहन ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है। पंडित नेहरू ने देश के लोगों को साथ लेकर इस देश का फिर से निर्माण करने में लग गए। बहुत सारे कठिनाइयों के बाद भी देश निरंतर विकास करता गया।‌ पंचवर्षीय योजना नेहरू । की दूरदृष्टि का ही परिणाम था, जिसके नतीजा आज देश के सामने है।उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश को आधुनिक बनाने के लिए जो काम किए उन्हें भुलाया नहीं जा सकता है। आधुनिक भारत के निर्माण में किए गए कार्यों को देखते हुए हैं पंडित नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है। उन्होंने शिक्षा से लेकर उद्योग जगत को बेहतर बनाने के लिए अनेकों कार्य किए। नेहरू जी ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश मे आईआईटी, आईआईएम और विश्वविद्यालयों की स्थापना की। साथ ही अनेकों उद्योग धंधों की भी शुरूआत की। भाखड़ा नांगल बांध, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान तथा इसरो की स्थापना में नेहरू जी का प्रमुख योगदान था। उन्होने कहा कि संसद में नेहरू जी विपक्षी पार्टियों को पूरा सम्मान दिया। अटल बिहारी वाजपेई ने पंडित नेहरू से कहा था कि उनके अंदर चर्चिल भी है और चैंबरलिन भी है ।लेकिन नेहरू उनकी बात का बुरा नहीं माना और उसी दिन शाम को दोनों की मुलाकात हुई तो नेहरू ने अटल के भाषण की तारीफ की और नेहरू विपक्ष के नेताओं द्वारा की गई आलोचना का बुरा नहीं मानते थे और उनका पूरा सम्मान करते थे । उन्होने कहा कि पंचशील का सिद्धांत पंडित नेहरू के विदेश नीति का एक मुख्य उद्देश्य था जिसमें राष्ट्रीय संप्रभुता बनाए रखना। चन्द्र मोहन ने पंडित नेहरू की वसीयत की प्रशंसा करते हुए कहा कि पंडित नेहरु कितने बड़े राष्ट्र भक्त थे उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था कि मैं चाहता हूं कि मरणोपरांत मेरी मुट्ठीभर राख प्रयागराज के संगम में बहा दी जाए जो हिन्दुस्तान के दामन को चूमते हुए समंदर में जा मिले, लेकिन मेरी राख का ज्यादातर हिस्सा जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों में बिखरा दिया जाए, वो खेत जहां हजारों मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं, ताकि मेरे वजूद का हर जर्रा वतन की खाक में मिलकर एक हो जाए । पंडित नेहरु ने अपने कार्यकाल में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत किया, यूनिक भारत का निर्माण किया जिसमें अनेकों उद्योग धंधे,विज्ञान से जुड़े महत्वपूर्ण संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे महत्वपूर्ण संस्थान का परिकल्पना, इसरो की स्थापना में योगदान दिया। चन्द्र मोहन ने कहा कि आज इस दिन पर राजनीति करने का दिन नहीं है। लेकिन मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि नेहरू – गांधी परिवार की पांच पीढ़ियों ने देश के लिए जो बलिदान और कुर्बानियां दी हैं वह देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है। अभी थोड़े दिन पहले ही अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कन्या कुमारी से काश्मीर तक जो सद्भावना रुपी पद यात्रा की थी उस पद यात्रा को भारतीय जनता पार्टी ने कोविड का बहाना बनाकर रोकने का प्रयास किया था, लेकिन राहुल के अटल इरादों के सामने कोई भी बाधा नहीं टिक सकी और अब जिस प्रकार से एक योजनाबद्ध तरीके से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त की गई है और मकान खाली करवाया गया है उससे स्पष्ट हो गया है कि पंडित जवाहरलाल नेहरु का लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है। आने वाले लोकसभा चुनावों में देश की जनता इसका जवाब देगी।

इस अवसर पर कांग्रेस के जो वरिष्ठ नेता उपस्थित थे उनमें : शामिल हैं जिन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू का देश के प्रति योगदान को याद किया। पूर्व चेयरमैन विजय बंसल,राजनीतिक, हेमंत किगरं (राजनीतिक सचिव चन्द्रमोहन) पूर्व चेयरमैन सोहन लाल गुजर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता डाक्टर राम प्रसाद,धार्मिक,समाजिक, राजनीतिक ,विजय धीर, आदर्श यादव पूर्व प्रधान युवा कांग्रेस जिला पंचकूला ,राष्ट्रीय मज़दूर कांग्रेस (इटकं ) ज़िला प्रधान ओम शुक्ला ,कांग्रेस पार्षद पद के उम्मीदवार रहे योगेन्द्र कवातरा,कांग्रेस पार्षद पद के उम्मीदवार रहे नवीन बंसल, दीपांशु बंसल राष्ट्रीय प्रवक्ता NSUI हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी लीगल डिपार्टमेंट के जिला चेयरमैन एडवोकेट अमन दत्त शर्मा पूर्व ब्लांक कांग्रेस अध्यक्ष आर सी गुप्ता, पूर्व उपाध्यक्ष जिला पचकुलां कांग्रेस आर बी पाहुजा,वरिष्ठ कांग्रेस नेताजसी नाड़ा,वरिष्ठ कांग्रेस नेता संदीप जलौली,बी डी एस मेंबर देवेन्द्र शर्मा ( काला),वरिष्ठ कांग्रेस नेता रवीन्द्र रिहोड शर्मा,एडवोकेट जसपाल राणा, राष्ट्रीय मज़दूर कांग्रेस (इटकं ) उपाध्यक्ष राजू धीमान,सुनील सरोहा जिला उपाध्यक्ष युवा कांग्रेस, युवा कांग्रेस नेता भीम यादव,सचीन सूद बीड ,जगीं सैनी अभयपुर, इंद्रजीत चौधरी जिला महासचिव युवा कांग्रेस , मद्रासी कालोनी,महाकृष्णन युवा कांग्रेस नेता,जगी सैनी,लवी धीमान,परीक्षत,शमी दिवान वेद पाल,अशोक खुराना ,अवतार,गुरु प्यारा पिजोंर ,शिवा मद्रासी कालोनी,शिवा मद्रासी कालोनी,राजीव कुमार,कर्ण पाल यमनानगर,धीरज कुमार,राजीव कुमार,रजत गुजर,रजत सैनी।

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