March 15, 2025

यमुनानगर जिला लघु सचिवालय के बाहर साबका सैनिक संघर्ष समिति के सदस्यों ने वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर कर रहे हैं एकदिवसीय संकेतिक भूख हड़ताल।

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आर पी डब्लू न्यूज/ मंडल ब्यूरो प्रमुख राजीव मेहता


यमुनानगर 2 जुलाई :-  OROP  यानी वन रैंक वन पेंशन को लेकर जवानों की मांगे नहीं मानने पर 20 फरवरी 2023 से दिल्ली जंतर मंतर पर धरना भूतपूर्व सैनिकों द्वारा धरना प्रदर्शन जारी है  इसे और तेज करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है ताकि जवानों की आवाज सरकार के कानो तक पहुंचे। तकरीबन 50,हजार जवानों वा 87 जवानों की यूनियन द्वारा जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया जा रहा है|

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पत्रकारों से बातचीत करते हुए जितेंद्र पाल सिंह रिटायर कर्मचारी ने बातचीत करते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 23 दिसंबर 2022 को प्रेस विज्ञपति जारी कर वन रैंक वन पेंशन को लागू करने बाबत जानकारी दी गई।  जिसमे बताया गया एक जुलाई 2014 से पहले प्रो मैचयोर रिटायरमेंट आए सैनिकों को ही orop का लाभ मिलेगा । एक जुलाई 2014 के बाद रिटायरमेंट हुए जवानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। जबकि जवान कभी प्री मेच्योर रिटायरमेंट नहीं होते, क्योंकि उनका एग्रीमेंट 15+2 साल का होता है, जबकि ऑफिसर्स का 58 साल | अगर ऑफिसर 58 साल से पहले रिटायेंट ले उसे प्रो मेच्योर कहते है । सभी जवानों को वन रैंक वन पेंशन का लाभ मिले। इसके लिए जो भी विसंगतियां है उन्हे दूर किया जाए। जिसके लिए आज साबका सैनिक संघर्ष कमेटी , भूतपूर्व सैनिक संघर्ष समिति वा एयर फोर्स एसोसिएशन द्वारा जिला सचिवालय के समक्ष एक दिन की भूख हड़ताल की गई । क्योंकि वह  OROP की परिभाषा है की जवानों को कम उम्र 32 से 40 साल की उम्र में पेंशन भेज दिया जाता है इसलिए उन्हें एक रैंक एक पेंशन का लाभ दिया जाए| श्रीमान जी जब तक जवान जीवित रहता है वह पेंशन के साथ कोई न कोई नौकरी करता है, वह अपने बच्चे की पढ़ाई और परिवार का पालन पोषण करता है| लेकिन उसकी मौत के बाद बच्चों की पढ़ाई सहित पूरे परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी जवान की विधवा पर आ जाती है| जवान अपनी जान हथेली पर रखकर देश की रक्षा करने वाले जवान की विधवा को मुश्किलों दौर का सामना करना पड़ता है| फौज में जवानों द्वारा आत्महत्या करने के पीछे कई कारण है जवानों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन 20 फरवरी 2023 से लगातार जंतर मंतर पर जारी है और  45 दिन बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा जवानों की मांगों को गंभीरता पूर्वक नहीं की तो हमे अनिश्चितकालीन संसद का घेराव का कार्यक्रम बनाना पड़ेगा। जिसके बाद किसी भी तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न होने पर उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। हमारी केवल एक ही माल है वन रैंक वन पेंशन क्योंकि हम लोगों ने देश को अपनी सेवाएं दी है और आगे भी देश के लिए ऐसे ही आने वाले जवान देश की सेवा का कार्य करते रहें यही हमारा प्रयास है कि जो लोग देश की सेवा के कार्य में लगे हुए हैं सरकार को उनके परिवारों के भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए ।

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