अपनी ख़ुशियों की चाबी दूसरों की जेब में ना डालें :प्रियंका पुनिया

आर पी डब्ल्यू न्यूज/ प्रीति धारा
पंचकुला 10 अक्टूबर :-आसमान फाउंडेशन पंचकुला में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया जिसमें शिक्षाविद तथा समाजसेविका प्रियंका पूनिया ने बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के उपाय बताएं।
श्रीमती पुनिया ने बच्चों को बताया कि सकारात्मक तनाव और नकारात्मक तनाव में क्या फर्क होता है ।एग्जाम से पहले अच्छे तनाव के क्या मायने हैं और कैसे परीक्षा के समय तनाव ना लेना अलग बात है ।
पढ़ाई को दबाव या तनाव के रूप में ना लें बल्कि एक लर्निंग के रूप में ले। किसी भी स्थिति में सकारात्मक रहने तथा सकारात्मक सोचने से परिणाम सकारात्मक ही आते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन मानसिक स्वास्थ्य को परिभाषित करते हुए कहता है कि यह है एक स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास रहता है वह जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है ।लाभकारी और उपयोगी रूप से कम कर सकता है और अपने समाज के प्रति योगदान करने में सक्षम होता है मानसिक स्वास्थ्य हमारी भावनाओं की अभिव्यक्ति है ।
उन्होंने सोशल मीडिया का मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव का जिक्र किया। जैसे आपको व्हाट्सएप ग्रुप पर ज्वाइन कर देते हैं फिर कुछ लोगों में से आपको बाहर निकाल देते हैं तो आपको लगता है कि इतने लोगों के बीच में आपका अपमान हो गया। इस तरह की छोटी-छोटी बातें आपके दिमाग के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं होती है। सोशल मीडिया और इस तरह के ग्रुप के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। जब हम इंस्टा या फेसबुक या थ्रेड पर अपने पोस्ट डालते हैं कभी उसे भी ज्यादा लाइक आने और कभी ज्यादा लाइक न आने से भी आपकी मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इसलिए आपको इन सब बातों से ऊपर उठाना चाहिए और उनका असर आपके स्वास्थ्य पर नहीं पढ़ने देना चाहिए। कुछ लोग आपकी पोस्ट के ऊपर ऐसे कमेंट कर देते हैं जिस बात को लेकर आप बहुत परेशान और तनाव में रहते हैं, तो इस तरह की परिस्थिति से भी आपको निकालने का अनुभव होना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि कोई और आपको परिभाषित नहीं कर सकता। श्रीमती पुनिया ने बताया कि इंसान मेहनत और अपने सकारात्मक विचारों के साथ अच्छा महसूस कर सकता है। जब हम अच्छा सोचते हैं तो हम अच्छा महसूस करते हैं और हम अच्छा कार्य करते हैं।
उन्होंने बताया कि साल 2023 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम है “मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट “।विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि मानसिक जो रोग है उनके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा हो तथा लोग अपने तनाव और डिप्रेशन को कम करें और खुद के अच्छे स्वास्थ्य पर ध्यान दें। जिस तरह से आपका शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी है, इस तरह से आपका मानसिक स्वास्थ्य भी बेहद जरूरी है। अगर आप शारीरिक तौर पर अस्वस्थ होने पर डॉक्टर के पास जा सकते हैं तो आप मानसिक तौर से अस्वस्थ होने पर भी डॉक्टर के पास जा सकते हैं। हमारे समाज में इस चीज को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता, क्योंकि समाज के इस व्यवहार के कारण बहुत से लोग अपना इलाज नहीं करवा पाते। मानसिक समस्याओं का परिणाम यह होता है कि बाद में आत्महत्या तक पहुंच जाती है। इसलिए यह जागरूकता जरूरी है कि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित रोगों के लिए भी इलाज करवा सके। आप अपने आस पड़ोस में ध्यान रखें की कोई व्यक्ति ज्यादा परेशान तो नहीं है, क्या बहुत लंबे समय से उदास तो नहीं चल रहा,क्या एकदम से उसने सब से बातें करनी बंद तो नहीं करदी तो आप इस तरह से उसकी मदद कर सकते हैं। किसी काउंसलर या साइकोलॉजिस्ट या दिमाग के डॉक्टर के पास ले जाकर आप उसका इलाज करवा सकते हैं और उसको सही जीवन और दिनचर्या जीने के लिए मदद कर सकते।
श्रीमती पुनिया ने बताया कि अपनी भावनाओं का भी ध्यान रखें और दूसरों की भावना की भी कदर करें। खुश रहे और अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।