चंडीगढ़ /यमुनानगर 16 अप्रैल
यमुनानगर का जगाधरी आधी रात गोलियों से दहल गया। बीती रात हुए गैंगवार में एक की मौत हो गई है। कांग्रेस के दलित नेता राजेंद्र वाल्मीकि के बेटे जानू के सिर में दो गोलियां लगी जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इस घटना में 3 लोग गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हैं।
जगाधरी पैलेस में देर रात शादी समारोह में अचानक तीन युवकों ने फायरिंग शुरू कर दी। कांग्रेसी नेता के बेटे सहित चार लोगों को गोली लगी है। सभी को अस्पताल में दाखिल कराया गया। वहां पर कांग्रेसी नेता राजेंद्र वाल्मीकि के बेटे जानू को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने सुढल निवासी सचिन उसके साथी उनहेड़ी निवासी सुमित व संटी पर हत्या का आरोप लगाया है। बता दें कि दिसंबर माह में भी बदमाशों ने जानू पर गोली चलाई थी। उस समय वह बच गया था। इस मामले में भी ये तीनों आरोपी नामजद है। पुलिस आज तक उनको गिरफ्तार नहीं कर पाई। हत्या को गैंगवार से जोड़कर देखा जा रहा है। राजेंद्र वाल्मीकि के एक बेटे की मौत पहले हो चुकी हैं। जिसके बाद से जानू की सुरक्षा में पुलिस तैनात थी। लेकिन शुक्रवार रात पुलिस जवान ड्यूटी खत्म कर अपने घर चला गया था।
पुलिस के मुताबिक
मटका चौक पैलेस पर जगाधरी में विश्वकर्मा मोहल्ला निवासी रौनक सिहं पुत्र निर्मल सिंह का शादी समारोह चल रहा था। इसमें कांग्रेसी नेता रांजेंद्र वाल्मीकि का बेटा जानू भी आमंत्रित था। वह अपने तीन दोस्तों के साथ देर रात शादी में पहुंचा। रात को करीब 1 बजे पर शादी समारोह से घर जाने लगे। पैलेस के गेट पर ही पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिस पर चुना भट्टी निवासी 35 वर्षीय जानू वाल्मिकी पुत्र राजिन्द्र वाल्मीकि कांग्रेसी नेता के बेटे के सिर में गोली लगी। वह जमीन पर गिर पड़ा। लुधियाना पंजाब उम्र 27 अनमोल सिहं पुत्र इन्द्रपाल सिंह, श्रीराम कुंज बिहारी मन्दिर सिटी सेंटर यमुनानगर 23 वर्षीय रजत पुत्र अमन वासी विश्वकर्मा मोहल्ला निवासी 25 वर्षीय, मोहित पुत्र विजय शर्मा के हाथों व टागों में गोलियां लगी। जिनको उसी समय उपचार के लिए गाबा अस्पताल यमुनानगर में ले जाया गया। जहां पर डाक्टरों ने जानू को मृत घोषित कर दिया व अन्य तीनों उपचाराधीन हैं।
3 साल पहले होली पर हुआ था विवाद
पुलिस के मुताबिक राजेंद्र वाल्मीकि के बेटों के साथ 3 साल पहले सुदल निवासी सचिन के साथ विवाद हुआ था।इस विवाद में दोनों तरफ से कई युवक घायल हुए थे। दोनों ओर से मुकदमे दर्ज हुए। राजेंद्र वाल्मीकि के बेटा रमन वाल्मीकि भी जेल चला गया और वहां पर वहां पर उसकी मौत हो गई थी। तब भी राजेंद्र वाल्मीकि के परिवार ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे इस मामले को एससी आयोग तक ले गए थे।


