चंडीगढ़/ करनाल (ब्यूरो रिपोर्ट) 19अप्रैल
इन्द्री तहसील में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब एक रजिस्ट्री क्लर्क ने लोगों की रजिस्ट्री करने में आनाकानी शुरू कर दी कागजों में कमी बता कर के उन्हें परेशान किया तो ग्रामीणों ने हंगामा खड़ा कर दिया| ग्रामीणों ने तहसील परिसर में जमकर के बवाल काटा मामले की स्थिति बिगड़ता देख रजिस्ट्री क्लर्क ने तुरंत पुलिस को फोन कर दिया मौके पर पुलिस पहुंच गई जिससे मामला थोड़ा शांत हो गया| ग्रामीणों का आरोप है कि रजिस्ट्री क्लर्क उनको बिना वजह परेशान कर रहा है जबकि उनके कागजात पूरे हैं बार बार उन के चक्कर लगाए जा रहे हैं पैसो की मांग की जा रही है |
कर्मचारी कह रहा है कि 10 हजार रूपए दोगे तो काम हो जाएगा,
मुकुल का कहना है कि नगला रोड़ान में एक जमीन ली थी और उसकी रजिस्ट्री करवाने के लि आए थे। सुबह का टोकन लगा हुआ है। सारा काम तैयार है। शाम तक काम नहीं किया गया। कागजातों में बार बार कमी निकाल रहे हैं। कागजातों पर पटवारी के हस्ताक्षर भी हैं। तीसरी बार फाइल देखकर पैसे मांगने लगा। एक रजिस्ट्री करने के लिए रजिस्ट्री क्लर्क के यहां बैठे एक कर्मचारी ने 10 हजार रूपए मांगे। यदि पैसे दे देते तो पांच मिनट में काम हो जाता। सुशील ने बताया कि सुबह से तहसील कर्मचारी परेशान कर रहे हैं और अंत में काम की एवज में 10 हजार रूपए मांगे। कर्मचारी कह रहा है कि 10 हजार रूपए दोगे तो काम हो जाएगा, वरना नहीं होगा। सुबह से दो बार फाइल चैक कर ली और फिर साइड में रख दी। बाद में पटवारी के साइन की कमी निकाल दी जबकि फाइल में दो जगह पटवारी के साइन है। अंत में रजिस्ट्री करवाने के काम में हस्ताक्षर करने के कर्मचारी 10 हजार रूपए मांगने लगा। हम पिछले कई दिन से चक्कर काट रहे हैं। तहसील में जमकर भ्रष्टाचार चल रहा है। जब रजिस्ट्री करवाने की एवज में हमसे कर्मचारी ने पैसे मांगे तो हमने विरोध किया। उसके बाद संबंधित कर्मचारी ने हमारे ऊपर हाथापाई के आरोप लगाते हुए पुलिस बुला ली। हमने किसी पर हाथ नहीं उठाया और ना ही किसी के साथ हाथापाई की।
25 बार टोकन लगवाने के बाद भी नही हुआ काम
अर्चना रानी ने कहा कि हमने कर्मचारी के आगे हाथ भी जोड़े लेकिन काम नहीं किया। हम सुबह के आए हैं और हमारे छोटे छोटे बच्चे घर पर भूखे प्यासे हैं। हमारे साथ आई बुजूर्ग को भी चक्कर आ गए। काम नहीं किया। कर्मचारी पैसे मांगते हैं और जब हम विरोध करते हैं तो कर्मचारी कह देते हैं कि ये काम नहीं होगा।
बुजूर्ग महिला अंगूरी देवी का कहना है कि सुबह के बैठे बैठे परेशान हो गए। काम करवाने की बाट देखकर आंखे दर्द करने लगी हैं। चक्कर भी आ गए लेकिन काम नहीं किया। हमने कर्मचारियों की बड़ी खुशामद की लेकिन काम नहीं किया। काम ही करके नहीं दे रहे हैं। हम परेशान हो गए। मुखाला गांव के ईशपाल चौहान ने कहा कि वह आर्मी से रिटायर्ड है। जिला उपायुक्त से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि तहसील में स्थाई तौर तहसीलदार व आरसी की नियुक्ति कर दो। यहां पटवारी भी पकड़े गए और विभाग के तहसीलदार भी पकड़े गए, सबको पता है। कुछ कर्मचारी सीट पर भी नहीं मिलते हैं। वह तीन महीने से तबादले के एक केस के काम के लिए तहसील कार्यालय में आ रहे हैं और उस काम के लिए 25 बार टोकन लगवा लिया।
तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री क्लर्क का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे विक्रम के अनुसार चैक करने पर कागजातों में कमी पाई गई। कमियां दूसरे करने के लिए बोला तो वो लोग मिसबिहेव करने लग गए। उसके बाद पुलिस बुलाई गई। तहसीलदार की जानकारी में मामला लाया गया। कागजातों में लोन था, लोन पर क्रॉस हो रहे थे। उसपर पटवारी के हस्ताक्षर नहीं थे। जबरदस्ती काम के लिए दबाव बना रहे थे। हमने उनको कमियां दूर करने के लिए बोला और वो मिसबिहेव करने लगे। उन्होंने कहा कि काम की एवज में कोई पैसे नहीं मांगे गए|