चंडीगढ़/सोनीपत 1 मई (राजीव मेहता)
आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के तहत सोनीपत के गांव नाहरा में रविवार को आयोजित हुए प्रदेश स्तरीय अमृत सरोवर कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि करने के लिए बतौर मुख्य हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शिरकत की । इस दौरान उन्होंने कस्सी चलाकर और नारियल तोडक़र इस पुनीत कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मौके पर प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रदेश के अन्य जिलों में किया गया।

इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भाजपा सरकार ऐतिहासिक तालाबो को उनका प्राचीन स्वरूप दिए जाने को लेकर अमृत सरोवर कार्यक्रम के तहत हरियाणा के 111 स्थानों पर शुरुआत हो गई है l प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम के लिए चयनित नाहरा के तालाब की प्राचीन मान्यता है। ग्रामीणों के मुताबिक इसे गंगेसर खुुंड तालाब के नाम से जाना जाता है, जिसका पानी बेदह शुद्घ रहता था। तालाब के पानी से ग्रामीण हलवा व अन्य पकवान बनाते थे। यह 52 गांवों की आस्था व विश्वास का केंद्र रहा है। साथ ही तालाब को न्याय केंद्र के रूप में भी मान्यता मिली। विवाद होने पर सत्य को सामने लाने के लिए दोनों पक्षों को तालाब पर जाकर कसम लेनी पड़ती थी। कहा जाता है कि झूठी कसम खाने वालों को प्राकृतिक दंड मिलता था। अब हरियाणा के ग्रामीण तालाबों के कायाकल्प होने के बाद पुन: तालाब आस्था के केंद्र के रूप में स्थापित होगे।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल है सोनीपत में बिजली कटौती के विषय पर बोलते वह कहा कि विपक्ष जो आरोप लगा रही है शायद वह यह जरूर भूल गए है कि पहले उनके शासनकाल में क्या होता था । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जो पंजाब में घटना हुई है यह नहीं होनी चाहिए इसकी निंदा की जा रही है पंजाब सरकार को भी चाहिए कि वह ऐसा ना होने दें । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन तालाबो को बचाने की शुरुवात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरु की गई है हरियाणा में भी इस मिशन की शुरुआत आज से हो गई है और 15 अगस्त इस मिशन को पूर्ण कर लिया
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार की योजना के अनुसार आगामी 15 अगस्त तक तालाबों को पुनर्जीवित करने का काम पूरा किया जाएगा। इन तालाबों के पास हर वर्ष वृक्षारोपण भी होगा। इस योजना के तहत सबसे पहले तालाब को खाली किया जाएगा और काफी वर्षो से तालाब में जमी गाद को बाहर निकाला जाएगा। इसके बाद तालाब पर प्राकृतिक तरीके से जल शोधन की व्यवस्था की जाएगी। साफ होने पर पानी को खेतो में सिंचाई के लिए भी प्रयोग में लाया जाएगा। हरियाणा में 111 तालाबों का डिजिटल सर्वे भी किया जा रहा है और सभी तालाबों के लिए एक नोडल डिजाइन तैयार होगा, जिसके अनुसार ही तालाबों का विकास होगा