दिल्ली: 23 अगस्त
पिछले 3 वर्षों से दुनिया मे जिस प्रकार से कोविड के कहर ने जो जान माल का नुकसान किया वह जग जाहिर है । इसी कहर में अपने भविष्य को लेकर शिक्षा का ज्ञान ले रहे छात्रों का भविष्य भी अंधकार में गिरता नजर आया है । क्योंकि बहुत से छात्र जो विदेशों में शिक्षा का ज्ञान ले रहे थे उन्हें अपनी शिक्षा को छोड़ अपने घर वापिस आना पड़ा । अब जब कोविड से राहत मिली तब शिक्षण संस्थाओँ की नई पॉलिसी शिक्षा का ज्ञान लेने वाले छात्रों ले लिये जी का जंजाल बनते नजर आ रही है । यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स की राष्ट्रीय निदेशिका महिला विंग्स व वर्ल्ड ब्रेंडमेस्डर अदाकारा रितु रहनुमा ने प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।

उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य व कोविड के तहत प्रॉपर शिक्षा का ज्ञान ना मिलने से उनकी शिक्षा में आई त्रुटि को देखते हुए भारत सरकार व शिक्षण संस्थाओं को इन छात्रों के भविष्य को देखते हुए इनकी एडमिशन पर ध्यान देना चाहिए । ताकि इन छात्रों का भविष्य दाव पर ना लग सके । क्योंकि इन छात्रों के जो भी मार्क आये हैं अब वो बदल नही सकते । और इन्ही मार्क पर भविष्य उनका सदैव चलना है ।
रितु रहनुमा ने कहा कि भारत सरकार व शिक्षण संस्थाये ऐसे बच्चों के लिये कोई नए नियम बनाये ताकि ये छात्र अपनी शिक्षा पूर्ण कर अपना भविष्य सुधार सके ।