रेवाड़ी 29 सितम्बर:-शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। चौथा नवरात्रा मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप देवी कुष्मांडा को समर्पित है। नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है। मंदिरों में नवरात्रों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी मां कूष्माण्डा (कूष्मांडा) कहलाती हैं। देवी कूष्मांडा योग-ध्यान की देवी भी हैं। देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। इसलिए, देवी का मानसिक जाप करें। देवी कवच को पांच बार पढ़ना चाहिए। नवरात्रि के उपलक्ष में रेवाड़ी के प्राचीन श्री दुर्गा मंदिर सहित सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।