आर पी डबलू न्यूज़ / प्रीति धारा
पंचकूला 14 नवंबर:-पंचकूला के रामगढ़ में स्थित प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र आइटीबीपी भानु के 60 साल पूरे होने पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, 14 नवंबर 1962 को करेरा मध्य प्रदेश से 1977 में कुल्लू में स्थानांतरित कर दिया गया तथा तत्पश्चात 1992 में इसे पंचकूला के भानु में 335 एकड़ में यह प्रशिक्षण केंद्र चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आइटीबीपी के डायरेक्टर जनरल अनीश दयाल सिंह आईपीएस मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में पहुंचे और इस कार्यक्रम में आइटीबीपी भानु के महा निरीक्षक ईश्वर सिंह दुहन भी विशेष रूप से मौजूद रहे । इस अवसर पर डायरेक्टर जनरल आइटीबीपी अनीश सिंह आईपीएस द्वारा परेड की सलामी ली और बेहतरीन कार्य करने वाले जवानों को मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर आईटीबीपी के 60 साल पूरे होने पर गोल्डन जुबली अवसर पर एक लोगो भी जारी किया गया ।

इस अवसर पर आइटीबीपी भानु के महा निरीक्षक ईश्वर सिंह दुहन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इंडोचाइना लड़ाई के बाद आइटीबीपी का गठन किया गया और यह ट्रेनिंग सेंटर करेरा में शुरू किया गया और उसके बाद 1991 में इसे पंचकूला के भानु में शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी एक गुरिल्ला कम इंटेलिजेंस फोर्स के रूप में काम करती थी। उन्होंने बताया कि इंडो चाइना बॉर्डर पर आईटीबीपी के जवान दिन रात ड्यूटी देते हैं और यहां प्रशिक्षण केंद्र में जवानों को कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। यहां पर जवानों की ट्रेनिंग की हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है और कई राज्यों की पुलिस ट्रेनिंग व डॉग स्क्वायड ट्रेनिंग भी यहां पर करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी के जवानों के साथ साथ वाइल्डलाइफ डॉग स्क्वायड व विभिन्न राज्यों के पुलिस डॉग स्क्वायड को भी ट्रेनिंग दी जाती है। एक्सप्लोसिव, नारकोटिक्स की ट्रेनिंग भी दी जाती है। हिमाचल, कोलकाता, असम राइफल व अन्य पुलिस फोर्स के डॉग्स को ट्रेनिंग दी जाती है।