
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
मध्य प्रदेश जनवरी 2:- हमारे देश में स्टार्टअप की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत विश्व में स्टार्टअप्स ‘हॉटस्पॉट’ के रूप में उभरा है। आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न है। वहीं अगर हम राज्यों की बात करें तो राज्यों में मध्यप्रदेश स्टार्टअप हब बन रहा है। मध्यप्रदेश देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल है, जो स्टार्टअप्स के लिए विश्व स्तरीय इकोसिस्टम प्रदान करते हैं।

इस लेख में हम मध्य प्रदेश सरकार की उन नीतियों के बारें में जानेंगे जिसके कारण मध्यप्रदेश स्टार्टअप हब बन रहा है।
स्टार्टअप रैंकिंग’ में अग्रणी
स्टार्टअप ब्लिंक की रिपोर्ट के अनुसार देश में इंदौर 14वें स्थान पर और भोपाल 29वें स्थान पर है। मध्यप्रदेश के 2500 से अधिक स्टार्टअप भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग में पंजीकृत हैं। इसके अलावा प्रदेश में 45 से अधिक इनक्यूबेटर्स प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप को विकसित करने के लिए सतत कार्यरत हैं।
स्टार्टअप फ्रेंडली नीति
मध्य प्रदेश सरकार की स्टार्टअप फ्रेंडली नीतियों के परिणामस्वरूप प्रदेश स्टार्टअप्स का हब बन रहा है। देश में स्टार्टअप आंदोलन को गति देने और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप 2023 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, राज्य सरकार ने “एमपी स्टार्ट-अप नीति और कार्यान्वयन योजना 2022” शुरू की है। इससे मध्यप्रदेश के मौजूदा इकोसिस्टम को और बेहतर बनाने के साथ ही जनता के बीच उद्यमिता और नवाचार की भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है।
महिला उद्यमी स्टार्टअप में अग्रणी
मध्यप्रदेश के 2500 से अधिक स्टार्ट-अप पंजीकृत हैं। इनमें से 1100 से अधिक स्टार्टअप महिला उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे हैं। राज्य सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को अतिरिक्त सहायता भी प्रदान करती है।
स्टार्टअप सेंटर की स्थापना
“एमपी स्टार्टअप नीति और कार्यान्वयन योजना 2022” का उद्देश्य ‘स्टार्टअप रैंकिंग’ में राज्य को अग्रणी बनाना है। इसके लिये योजना में स्टार्टअप्स और इन्क्यूबेटर्स के लिए सिंगल विंडो एजेंसी स्थापित करते हुए ‘एमपी स्टार्ट-अप सेंटर (एमपीएससी)’ स्थापित किया गया है। ‘एमपीएससी’ स्टार्टअप्स को मेंटरशिप प्रदान करता है और मंजूरी पाने और पूंजी जुटाने में भी सहायता करता है। एमपीएससी कई स्त्रोतों से मार्केट इंटेलीजेंस एकत्र कर इकोसिस्टम प्लेयर्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराता है। मार्केट इंटेलीजेंस का उपयोग सरकार की गतिविधियों के पुनर्मूल्यांकन के लिए किया जाता है, जो राज्य की आगामी नीतियों के लिये उपयोगी साबित होगा।
वित्तीय सहायता
प्रदेश सरकार ने 21 स्टार्टअप को 20 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इस सहायता का उपयोग नए बाजारों में प्रवेश करने, उत्पाद विकास, व्यवसायों को बढ़ाने और कई अन्य मामलों के लिए किया जा रहा है। सहायता न केवल मौद्रिक शर्तों पर बल्कि कंपनी की मार्केटिंग एवं प्रमोशन के लिए भी प्रदान की जाती है। राज्य सरकार 5 भारतीय एआईएफ (वैकल्पिक निवेश कोष) में 10 करोड़ रुपये का निवेश करने की भी योजना बना रही है, जो राज्य के स्टार्टअप में कई गुना निवेश करेगा।
युवाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा
एमपीएससी द्वारा युवा आबादी को शिक्षित करने के लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दो दिवसीय बूट कैंप्स आयोजित करके क्षमता वृद्धि पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बूट कैंप में युवा वर्ग को अपनी उद्यमशीलता को साकार करने में सक्षम बनाने के लिए नवीनतम तकनीकी विषयों पर जानकारी दी जाएगी।ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिटइंदौर में 11-12 जनवरी 2023 को ‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ का आयोजन किया जा रहा है। इस समिट के दौरान ‘एमपी स्टार्टअप इकोसिस्टम’ पर विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस सत्र में सरकार की नीतियों और योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। निवेशकों, वेंचर कैपिटल फंड और मीडिया हाउस की उपस्थिति में ‘ए स्टार्ट-अप्स जर्नी – सीड टू यूनिकॉर्न एंड बियॉन्ड’ विषय पर पैनल डिस्कशन होगा।केंद्र सरकार हमेशा से ही स्टार्टअप समर्थक रही है। इसकी बानगी है कि भारत की G20 अध्यक्षता के तहत, स्टार्टअप20 एंगेजमेंट ग्रुप की स्थापना भी की गई है। इसमें केंद्र सरकार तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक राज्य सरकारें केंद्र सरकार का साथ न दें।

इसलिए राज्य सरकारें भी स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तरीय इकोसिस्टम प्रदान कर रहीं हैं। राज्य सरकारें स्टार्टअप और इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित करने के अलावा वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहीं हैं। (खबर में हिन्दुस्थान समाचार से भी इनपुट लिया गया है।)