
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
इंडिया जनवरी 3:- पीएम मोदी ने मंगलवार को 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (ISC) का उद्घाटन किया। इसी के साथ राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आगाज हो गया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण होगी।
साइंस में पैशन के साथ देश की सेवा का संकल्प जुड़ने से नतीजे आते हैं अभूतपूर्व
पीएम मोदी ने कहा, साइंस में पैशन के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ जाता है तो नतीजे भी अभूतपूर्व आते हैं। मुझे विश्वास है कि भारत की साइंटिफिक कम्यूनिटी भारत को 21वीं सदी में वो मुकाम हासिल कराएगी जिसका वो हमेशा हकदार रहा।
देश का वैज्ञानिक समुदाय 21वीं सदी में करेगा मुकाम हासिल
पीएम मोदी ने कहा आज भारत स्टार्टअप में शीर्ष तीन देशों में शामिल है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर थे। 2022 में हम 40वें स्थान पर पहुंच गए हैं। विश्वास है कि देश का वैज्ञानिक समुदाय 21वीं सदी में वो मुकाम हासिल करेगा जिसका वो हमेशा हकदार रहा है।
साइंस के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के टॉप देशों में हो रहा शामिल
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के आज के भारत में हमारे पास दो चीजें हैं। पहली डेटा और दूसरी तकनीक। इन दोनों में भारत के विज्ञान को नई बुलंदियों में पहुंचाने की ताकत है। डेटा विश्लेषण की फील्ड तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। आज का भारत जिस साइंटिफिक अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, हम उसके नतीजे भी देख रहे हैं। साइंस के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के टॉप देशों में शामिल हो रहा है।
PHD और स्टार्ट अप इकोसिस्टम के मामले में दुनिया में टॉप-3 देशों में भारत
पीएम मोदी ने कहा आज भारत, पीएचडी के मामले में दुनिया में टॉप-3 देशों में है। आज भारत स्टार्ट अप इकोसिस्टम के मामले में दुनिया के टॉप-3 देशों में है।उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के भारतीय विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी है। इस आयोजन के दौरान सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान भी होंगे।
ISC की थीम को लेकर पीएम मोदी बोले
ISC की थीम को लेकर पीएम मोदी ने कहा, यह एक ऐसा विषय है, जिसकी दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। विश्व का भविष्य सस्टेनेबल डवलपमेंट के साथ ही सुरक्षित है। आपने सस्टेनेबल डवलपमेंट के विषय को वूमन एम्पावरमेंट के साथ जोड़ा है। मैं मानता हूं कि, व्यावहारिक रूप से भी ये दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। आज देश की सोच केवल ये नहीं है कि हम साइन्स के जरिए वूमन एम्पावरमेंट करें। बल्कि, हम वूमन की भागीदारी से साइन्स का भी एम्पावरमेंट करें, साइन्स और रिसर्च को नई गति दें, ये हमारा लक्ष्य है।आगे जोड़ते हुए पीएम मोदी ने कहा, अभी भारत को G-20 समूह की अध्यक्षता की जिम्मेदारी मिली है। G-20 के प्रमुख विषयों में भी वूमन लेड डवलपमेंट एक बड़ी प्राथमिकता का विषय है। बीते 8 वर्षों में भारत ने गवर्नेंस से लेकर सोसाइटी और इकॉनमी तक, इस दिशा में कई ऐसे असाधारण काम किए हैं, जिनकी आज चर्चा हो रही है। आज भारत में मुद्रा योजना के जरिए छोटे उद्योगों और व्यवसायों में भागीदारी हो या स्टार्टअप वर्ल्ड में लीडरशिप, महिलाएं हर जगह पर अपना दम दिखा रही हैं। बीते 8 वर्षों में Extramural research and development में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई है। महिलाओं की ये बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि समाज भी आगे बढ़ रहा है और देश में साइन्स भी आगे बढ़ रही है।
पीएम ने बताई किसी भी वैज्ञानिक के लिए असल चुनौती
पीएम मोदी ने बताया कि किसी भी वैज्ञानिक के लिए असल चुनौती यही होती है कि वो अपने नॉलेज को ऐसे एप्लिकेशंस में बदल दे, जिससे दुनिया की मदद हो सके। जब साइंटिस्ट अपने प्रयोगों से गुजरता है तो उसके मन में यही सवाल रहते हैं कि क्या इससे लोगों का जीवन बेहतर होगा? या उनकी खोज से विश्व की जरूरतें पूरी होंगी? साइंस के प्रयास, बड़ी उपलब्धियों में तभी बदल सकते हैं- जब वो लैब से निकलकर लैंड तक पहुंचे, जब उसका प्रभाव ग्लोबल से लेकर ग्रासरूट तक हो, जब उसका विस्तार जर्नल्स से लेकर जमीन तक हो, जब उससे बदलाव रिसर्च से होते हुए रियल लाइफ में दिखने लगे।