
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
इंडिया जनवरी 5:-भारत में खेलों को नई ऊंचाई देने वाला खेल महाकुम्भ खेलो इंडिया यूथ गेम्स एक बार फिर खेल का रोमांच लेकर आ गया है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के 5वें संस्करण की शुरुआत 30 जनवरी से मध्य प्रदेश के 8 शहरों में होने जा रहा है। केन्द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर 7 जनवरी को भोपाल में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के 5वें संस्करण के मेस्कट (शुभंकर), टॉर्च और एंथम का अनावरण करेंगे। खेलो इंडिया’ जैसे के मंच के प्रभाव से भारत आज विश्व स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर स्थिति में पहुंच चुका है। ‘खेलो इंडिया’ देश में खेल संस्कृति को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है। आइए जानते हैं खेलो इंडिया यूथ गेम्स के बारे में विस्तार से
6 हजार से अधिक खिलाड़ी लेंगे भाग
खेलो इंडिया यूथ गेम्स का 5वां संस्करण 30 जनवरी से 11 फरवरी तक मध्य प्रदेश के 8 शहर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, मण्डला, बालाघाट और खरगोन (महेश्वर) में होगा। एक गेम (साइकिलिंग) दिल्ली में होगा। पहली बार वाटर स्पोर्ट्स अर्थात् कयाकिंग कैनोइंग, कैनो सलालम और तलवारबाजी खेलो इंडिया गेम्स के इस संस्करण का हिस्सा होंगे। तेरह दिन तक 27 खेल 9 शहरों के 23 गेम वेन्यू में होंगे। लगभग 6 हजार खिलाड़ी, 303 अंतरराष्ट्रीय और 1089 राष्ट्रीय ऑफिशियल्स इन गेम्स का हिस्सा होंगे। खेलो इंडिया के लिए लगभग 2 हजार वॉलंटियर अलग-अलग गेम वेन्यू में तैनात रहेंगे।
कब हुई खेलो इंडिया की शुरुआत ?
अंतरराष्ट्रीय मंच पर खेल में भागीदारी बढ़ाने के लिए बच्चों को स्कूल स्तर से ही तैयार करने में खेलो इंडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 2018 में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स नाम से नई दिल्ली में इस पहली बार शुरुआत हुई। जिसमें खिलाड़ियों का जबरदस्त उत्साह मिला। इसके बाद स्कूल गेम्स का नाम बदलकर 2019 से खेलो इंडिया यूथ गेम्स कर दिया गया। यूथ गेम्स दो श्रेणियों में आयोजित किया जाता है, जिनमें -अंडर -17 वर्ष स्कूली छात्र और अंडर -21 कॉलेज छात्र हिस्सा लेते हैं।खेलो इंडिया विशेष रूप से भारतीय खेलों के लिए एक गेम चेंजर है। इसमें महिलाओं, बच्चों और ग्रामीण क्षेत्रों के समूहों को भारत की खेल संस्कृति का हिस्सा बनाना है। व्यक्तिगत और स्थानीय क्षेत्र के विकास के साथ राष्ट्रीय विकास के लिए खेल को मुख्यधारा में लाने के लिए इस योजना में समयानुसार बदलाव किया जाता रहा है।
खेल संस्कृति को दे रहा बढ़ावा
‘खेलो इंडिया’ योजना युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय योजना है। इसका उद्देश्य देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करना है। इस प्रकार जनता को खेलों की शक्ति के अवगत कराकर उचित संसाधन की उपलब्धता से उसके समुचित उपयोग करने का अवसर देना है। खेलो इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत खेल के मैदान का विकास, सामुदायिक प्रशिक्षण का विकास, सामुदायिक खेलों को बढ़ावा देना, प्रतिभाओं की पहचान करना और उनका विकास करना, खेल अकादमियों को सहायता देना, स्कूली बच्चों के लिए राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान और शांति एवं विकास के लिए खेल का कार्यान्वयन किया जाना शामिल है।
प्रतिभावान खिलाड़ियों को मिल रहा अवसर
सरकार के प्रयास से प्रतिभावान खिलाडि़यों को अवसर अपनी क्षमता के प्रदर्शन का अवसर मिल रहा है। खेलों इंडिया योजना मुख्य रूप से खिलाडि़यों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर देने के लिए राष्ट्रीय स्तर का मंच बना कर खिलाड़ियों को तैयार करने के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कर रहा है। देश के खिलाड़ियों को खेलो इंडिया स्कूल एंड यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया विंटर गेम्स का आयोजन करके प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को खेलो इंडिया छात्रवृत्ति जीतने और अत्याधुनिक खेल परिसरों में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों द्वारा उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिए प्रशिक्षण पाने का अवसर दिया गया है।
लगातार बढ़ रहा दायरा
आधुनिक तकनीक का तालमेल आज भारत में एक समृद्ध खेल संस्कृति का निर्माण कर रहा है। सरकार खेल के क्षेत्र में प्रतिभाओं की पहचान, चयन और प्रशिक्षण से लेकर खिलाड़ियों की खेल संबंधी जरूरतों तक देश के प्रतिभाशाली युवाओं के साथ हर कदम पर साथ है। इसका बाद उदाहरण हाल ही में सम्पन्न हुए चौथे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में देखने को मिला। चौथे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में देश भर से 8,500 खिलाड़ियों का अब तक का सबसे बड़ा दल भाग लिया। देश के कोने-कोने से युवा खिलाड़ियों ने खेलो इंडिया के इस संस्करण में भाग लिया और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत किया।
पारंपरिक खेल भी हो रहे शामिल
आधुनिक खेलों के साथ ही सरकार देश के पारंपरिक खेलों के संरक्षण पर भी जोर दे रही है। इसी विजन के तहत पारंपरिक खेल – गतका, कलारीपयट्टू, थांग-ता, मल्लखंब और योगासन को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल किया गया है। खेल मंत्रालय के प्रयास के कारण पारंपरिक खेल से एक बार फिर देश के युवा जुड़ने लगे हैं। इन खेलों में गतका, थांग-ता, योगासन, कलारीपयट्टू और मल्लखम्ब शामिल हैं। इनमें गतका, कलारीपयट्टू और थांग-ता पारंपरिक मार्शल आर्ट्स हैं, जबकि मल्लखम्ब और योग फिटनेस से जुड़े हुए खेल हैं।
यूथ गेम्स से चमके खिलाड़ी
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तहत चयनित कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल भी जीत चुके हैं, तो कई ओलिंपिक में भी हिस्सा ले चुके हैं। इनमें वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिननुंगा, शूटर सौरभ चौधरी, मनु भाकर, स्वीमर श्री हरी नटराज, अभिनव शॉ, फिलिप महेश्वरन तबिताजेरेमी लालरिनुगा और स्वदेश मंडल जैसे खिलाड़ी खेलो इंडिया से ही निकले हैं।