
आर पी डब्लू/ब्यूरो रिपोर्ट
मध्य प्रदेश जनवरी 9:-मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (PBD) का आयोजन किया गया है। विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों को इस सम्मेलन में शामिल होने का अवसर मिलता है। आज यह मंच इतना विशाल रूप ले चुका है कि देश की कई जटिल समस्याओं के हल के लिए उत्तम मार्ग बनता जा रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं कैसे ?
क्या है प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ?
दरअसल, प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम बन गया है। यह विदेश में रहने वाले भारतीयों के साथ जुड़ने, उनसे सम्पर्क स्थापित करने तथा प्रवासी भारतीयों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। केवल इतना ही नहीं इस प्रोग्राम के जरिए विदेश में रहने वाले भारतीयों को जोड़कर उनके साथ चर्चा करके देश की कई समस्याओं को हल करने में सरकार की मदद करने को कहा जाता है। वहीं देश में निवेश के लिए भी इन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। इससे सरकार को काफी सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। इस बार भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही है। ऐसे में कहा जा सकता है भारत के विकास में यह सम्मेलन अपनी खास अहमियत रखता है। 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन मध्य प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में 08-10 जनवरी 2023 तक इंदौर में आयोजित किया जा रहा है।
इस बार सम्मेलन का विषय क्या है
चार वर्ष के अंतराल के बाद हो रहे इस सम्मेलन का विषय ‘Diaspora: Reliable partners for India’s progress in Amrit Kaal’ है। आज सम्मेलन का दूसरा दिन है। सम्मेलन का समापन 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में होगा। सम्मेलन के अंतिम दिन 10 जनवरी को चौथा सत्र केन्द्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में ‘भारतीय कार्यबल की वैश्विक गतिशीलता को सक्षम करना- भारतीय डायस्पोरा की भूमिका’ पर होगा। पांचवां सत्र केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में ‘राष्ट्र निर्माण के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण की दिशा में प्रवासी उद्यमियों की क्षमता का दोहन’ विषय पर होगा। 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार-2023 भी प्रदान करेंगी। यह पुरस्कार चुनिंदा भारतीय प्रवासी सदस्यों को उनकी उपलब्धियों को पहचानने और विभिन्न क्षेत्रों में भारत और विदेश में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए प्रदान किए जाते हैं।
कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत ?
प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए भारत में मनाया जाने वाला यह वार्षिक कार्यक्रम सन् 1915 में दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी की वापसी और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका की याद में हर साल 9 जनवरी को आयोजित किया जाता है। इस बार भी यह कार्यक्रम मनाया जा रहा है। यह कार्यक्रम पहली बार 2003 में आयोजित किया गया था, और तब से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। यह भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और अन्य संगठनों के साथ साझेदारी में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा आयोजित किया जाता है।
क्या है इसका महत्व ?
प्रवासी भारतीयों का भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में अभूतपूर्व योगदान है। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन सरकार के लिए वैश्विक भारतीय समुदाय के सामने देश की प्रगति और विकास को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। यह एक राष्ट्र के रूप में भारत की उपलब्धियों और क्षमता को प्रदर्शित करने और विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए भारत में निवेश करने, काम करने और अध्ययन करने के लिए उपलब्ध अवसरों को उजागर करने का एक तरीका है।
भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान
प्रवासी भारतीयों में अनिवासी भारतीय यानि NRI और भारतीय मूल के व्यक्ति जिन्हें PIO के रूप में जाना जाता है, शामिल हैं। दोनों समुदायों ने भारत में प्रवासी भारतीयों द्वारा निवेश को बढ़ावा देने और सुविधा प्रदान करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। जी हां, प्रवासी भारतीयों ने विदेशी निवेश को आकर्षित करके और भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देकर भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में अहम योगदान अदा किया है। वहीं इस सम्मेलन के जरिए कुशल भारतीय श्रमिकों और उद्यमियों की वापसी को प्रोत्साहित करके भारत में रोजगार सृजित करने और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में भी बड़ी मदद मिली है।
भारत और वैश्विक भारतीय डायस्पोरा के बीच बैठाता है तालमेल
प्रवासी भारतीयों ने भारत और वैश्विक भारतीय डायस्पोरा के बीच ज्ञान, प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के हस्तांतरण को बढ़ावा देने में अहम मदद की है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान दिया है।प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में 5 महत्वपूर्ण सत्रप्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में 9 जनवरी 2023 को दूसरा और तीसरा सत्र होगा। दूसरे सत्र का विषय है ‘अमृत काल के युग में भारतीय हेल्थकेयर इको-सिस्टम को बढ़ावा देने में एनआरआई की भूमिका: विजन @ 2047’वहीं तीसरे सत्र का विषय ‘भारत की सॉफ्ट पावर का लाभ उठाना- शिल्प, व्यंजन और रचनात्मकता के माध्यम से सद्भावना’ होगा।उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की शुरुआत रविवार, 8 जनवरी 2023 को इंदौर में युवा प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम के साथ हुई थी। पहले दिन की मेजबानी केंद्रीय सूचना और प्रसारण, खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने की थी। सम्मेलन का समापन 10 जनवरी, 2023 को होगा।