
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
दिल्ली जनवरी 9:-भारत एक बार फिर एयरोस्पेस क्षेत्र में होने वाले बदलावों से रूबरू होने के लिए तैयार है। दुनियाभर की रक्षा कंपनियां के उपकरणों का प्रदर्शन के लिए एयरो इंडिया शो 13 से 17 फरवरी 2023 तक आयोजित होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजदूतों के गोलमेज सम्मेलन में बातचीत करते हुए कहा कि एयरो इंडिया का 14वां शो नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। दो वर्ष के अंतराल पर होने वाले इस एयर शो का आयोजन बेंगलुरु के येलहंका वायुसेना स्टेशन पर होगा। रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित दो मुख्य रक्षा प्रदर्शनी में से एक एयरो इंडिया शो है।

सफल रहा एयरो इंडिया-2021
एयरो इंडिया-2021 में 600 से अधिक प्रदर्शकों ने फिजिकल और वर्चुअल मोड में उपस्थिति दर्ज की थी। दुनिया के 63 देशों में लगभग 3,000 बिजनेस-टू-बिजनेस बैठकें भी आयोजित की गईं। इस विषय पर चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि उम्मीद है कि एयरो इंडिया-2023 प्रदर्शकों और मित्र देशों के प्रतिनिधियों की बड़ी उपस्थिति के साथ पिछले संस्करण में निर्धारित बेंचमार्क को पार कर जाएगा। इससे पहले एयरो इंडिया शो का 13वां संस्करण 2021 में आयोजित किया गया था, जो कोविड महामारी के कारण तीन दिनों के लिए हुआ था। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने लोगों को एयरो इंडिया शो में आमंत्रित भी किया।
1996 में हुई थी शुरुआत
एयरो इंडिया एक प्रमुख वैश्विक विमानन व्यापार मेला है, जो एयरोस्पेस उद्योग सहित विमानन-रक्षा उद्योग को राष्ट्रीय निर्णय निर्माताओं के लिए अपने उत्पादों, प्रौद्योगिकियों और समाधानों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। इस शो की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1996 में शुरू होने के बाद से आज तक आयोजित किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम रक्षा मंत्रालय, भारत द्वारा DRDO, ISRO, भारतीय वायु सेना और ऐसे अन्य रक्षा अनुसंधान संगठनों के सहयोग से आयोजित किया जाता है। हवाई प्रदर्शन के साथ-साथ यह शो दुनिया की प्रमुख कंपनियों के साथ-साथ भारतीय वायु सेना के नवीनतम नागरिक और सैन्य विमानों को भी प्रदर्शित करता है।
भारत का रक्षा विनिर्माण हो रहा मजबूत
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में तेजीसे आगे बढ़ते हुए भारत में एक मजबूत रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। हाल के वर्षों में भारत को एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभारा है। पिछले 5 वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात 8 गुना बढ़ा है और अब भारत 75 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है। इसके साथ ही भारत ने हल्के लड़ाकू विमान का घरेलू उत्पादन और लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर का निर्माण भी शुरू हो गया है।
मेक-इन-इंडिया में मेक-फॉर-द-वर्ल्ड शामिल
भारत के आत्मनिर्भरता की पहल सहयोगी देशों के साथ साझेदारी के नए प्रतिमान की शुरुआत है। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में हमारे राष्ट्रीय प्रयास न तो अलगाववादी हैं और न ही वे केवल भारत के लिए हैं। हाल ही में, हमने Tata Advanced Systems Limited और Airbus Defence and Space S.A., स्पेन के सहयोग से भारतीय वायु सेना के लिए C-295 विमान के निर्माण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने आगे बताया कि मैं इस बात को रेखांकित करना चाहता हूं कि मेक-इन-इंडिया में मेक-फॉर-द-वर्ल्ड शामिल है।
मित्र राष्ट्रों को पूर्ण समर्थन देता है भारत
भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंध मानवीय समानता और गरिमा पर आधारित हैं। भारत अपना रक्षा उद्योग ‘साझेदारी’ और ‘संयुक्त प्रयास’ के दो कीवर्ड सिद्धांत पर आगे बढ़ाता है। मित्र राष्ट्रों को रक्षा उपकरण निर्यात करते समय भारत प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण, सह-उत्पादन को साझा करके खरीदार की क्षमता विकास के लिए अपना पूर्ण समर्थन प्रदान करता है।
24 देशों के 656 एक्जीबिटर्स होंगे शामिल
एयरो इंडिया वास्तव में विमानन उद्योग में सूचना, विचारों और नए तकनीकी विकास के आदान-प्रदान के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। इसके साथ ही यह भारत के उभरते एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। रक्षा मंत्रालय एयरो इंडिया-2023 का आयोजन बेहतर तरीके से सुनिश्चित करने के लिए सभी के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा रहेगा। इस बार एयरो इंडिया-2023 में 24 देशों के 656 एक्जीबिटर्स के रक्षा से जुड़े उत्पाद, प्रौद्योगिकी और समाधानों को प्रदर्शित किया जाएगा।