
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
दिल्ली,जनवरी 12:-Direct Tax Collection: देश का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष (2022-23) में 10 जनवरी तक 24.58 प्रतिशत बढ़कर 14.71 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस बढ़ोतरी में मुख्य योगदान व्यक्तिगत आयकर का रहा। वहीं चालू वित्त वर्ष के दौरान 10 जनवरी तक सरकार का रिफंड के बाद नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.55 प्रतिशत बढ़ा है। यह संग्रह चालू वित्त वर्ष के लिए कुल बजट अनुमान का 86.68 प्रतिशत है। सरकारी आंकड़ों में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘10 जनवरी, 2023 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के शुरुआती आंकड़े लगातार वृद्धि दर्शाते हैं। इस अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.71 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24.58 प्रतिशत अधिक है।’’ इस अवधि के दौरान शुद्ध कर संग्रह 12.31 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि वित्त वर्ष 23 के बजट में 13 लाख करोड़ रुपये संग्रह का लक्ष्य रखा गया है।
बजट में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। सकल आधार पर कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) संग्रह 19.72 प्रतिशत बढ़ा, जबकि व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) में 30.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

रिफंड समायोजित करने के बाद सीआईटी संग्रह में 18.33 प्रतिशत की शुद्ध वृद्धि हुई, जबकि पीआईटी 20.97 प्रतिशत बढ़ा। वित्त मंत्रालय ने 10 जनवरी तक 2.40 लाख करोड़ रुपये रिफंड जारी किया है, जो पिछले साल की समान अवधि में जारी रिफंड की तुलना में 58.74 प्रतिशत ज्यादा है।

सीआईटी में 20% और पीआईटी में 30 % की वृद्धि
सकल आधार पर देखें तो कॉर्पोरेट आयकर (सीआईटी) से कर संग्रह 19.72 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि व्यक्तिगत आयकर संग्रह (पीआईटी) 30.46 प्रतिशत बढ़ा है। रिफंड समायोजित करने के बाद सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 18.33 प्रतिशत है और पीआईटी 20.97 प्रतिशत बढ़ा है। एसटीटी को छोड़कर इस अवधि के दौरान पीआईटी 21.64 प्रतिशत बढ़ा है।
GDP का अग्रिम अनुमान
पिछले सप्ताह वित्त वर्ष 23 के लिए अग्रिम अनुमान जारी किया गया था। इसमें नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 15.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में बजट में 11.1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। इससे सरकार बजट अनुमान से 97,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च कर सकेगी और इसके बावजूद 6.44 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल हो जाएगा।