
आर पी डब्लू न्यूज़/धर्मेंद्र अदलखा
दिल्ली- अलवर रैपिड रेल योजना घटाई में2026 तक कैसे होगा काम पूरा, तीन चरण कब होंगे पूरे
अलवर, जनवरी 28:-दिल्ली से अलवर आने में रैपिड रेल से एक घंटे में पहुंचने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। हाई स्पीड रैपिड रेल चलने के सपने की फाइल केन्द्र सरकार ने अटका रखी है। केन्द्र सरकार ने अभी तक इसके एक भी चरण को मंजूरी नहीं दी है जबकि इसके तीन चरण चलने है। एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) की बोर्ड की बैठक में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर, नीमराना, बहरोड़ अर्बन यातायात) प्रोजेकट की डिटेल रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी गई थी। इसका काम 3 चरणों में पूरा होना है। तीन चरणों में होना है काम पूरा-पहले चरण में 106 किलोमीटर हिस्से का निर्माण होगा। इसमें सराय कालेखां से गुरुग्राम, शाहजहांपुर, नीमराना व बहरोड़ तक रेलवे ट्रैक का निर्माण होगा। इस पर कुल 16 स्टेशन होंगे। इसमें 71 किलोमीटर का ट्रैक एलिवेटेड होगा और 11 स्टेशन होंगे। ट्रैक का 35 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड होगा और 5 स्टेशन होंगे। इनमें दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के 8 स्टेशनों के इंटरचेंज की सुविधा भी मिलेगी। पहले चरण को वर्ष 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एनसीआरटीसी के अनुसार दिल्ली से अलवर तक यह मार्ग 165 किलोमीटर तक का है। पहले चरण में बहरोड़ तक तथा दूसरे चरण में सोतानाला तक की सब लाइन तैयार होगी। अलवर की दिशा में तीसरे चरण में खैरथल होते हुए अलवर तक का काम पूरा होगा।
106 किलोमीटर के रूट पर होंगे 16 स्टेशन
106 किलोमीटर के रूट पर सराय काले खां, जोरबाग, मुनरिका, एयरो-सिटी, उद्योग विहार, सेकटर 17, राजीव चौक, खेडक़ी धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेडा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बाबल, एसएनबी। इनमें मेट्रो के साथ 8 एकसचेंज स्टेशन बनाए जाएंगे। अलवर को हाई स्पीड ट्रेन से जोडऩे के लिए यूपीए सरकार में प्रोजेकट तैयार किया गया था। उस समय दिल्ली से अलवर तक 180 किलोमीटर तक का ट्रैक बनाया जाना था। इसके लिए 37 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेकट तैयार किया गया था। अब डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू होने से एक कदम और बढ़ा है लेकिन फाइलों से बाहर नहीं आया है।
70 मिनट में दिल्ली से बहरोड़
हाई स्पीड ट्रेन के जरिए दिल्ली से बहरोड़ तक 106 किलोमीटर का सफर महज 70 मिनट में पूरा होगा। इस ट्रैक पर 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफतार से ट्रेन दौड़ेगी। ट्रेन में 9 कोच होंगे। ट्रेन में हवाई जहाज की तरह बैठने की सीटें होंगी। इस रूट पर 5 से 10 मिनट में ट्रेन मिलेगी। इसमें 20 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार तथा 20 प्रतिशत का हिस्सा राज्य सरकार देगी। 60 प्रतिशत का हिस्सा विभिन्न सरकारी विभागीय मदद से मिल सकेगा।राजस्थान और हरियाणा 2019 में दे चुके मंजूरी दिल्ली-अलवर रैपिड रेल कॉरिडोर केन्द्र और राज्य सरकार का संयुक्त प्रोजेकट है। एनसीआरटीसी की ओर से दिल्ली से एससएनबी तक पहले चरण की डीपीआर बनाई जा चुकी है। डीपीआर को हरियाणा ने फरवरी 2019 और राजस्थान ने जून 2019 में मंजूरी दे दी है। अब केन्द्र सरकार की मंजूरी का इंतजार है। एनसीआरटीसी ने केन्द्र सरकार की मंजूरी मिलने से तैयारियां शुरू कर दी है। दिल्ली व अलवर के बीच प्रस्तावित आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कारिडोर के निर्माण की रफतार अब कछुआ गति की कहावत सिद्ध कर रही है। एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) की प्राथमिकता में शामिल इस कारिडोर को जल्दी पूरा करने के लिए प्रथम चरण में दिल्ली-रेवाड़ी-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़ स्टेशन) तक की योजना बनी, मगर हरियाणा एवं राजस्थान की ठोस पैरवी के अभाव में इस कारिडोर की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेकट रिपोर्ट) लगभग दो वर्ष से केंद्र सरकार के पास अटकी है।यह होगा फायदा-एनसीआर में प्रदूषण कम करने, सडक़ों पर वाहनों का दबाव घटाने और संतुलित एवं सतत आर्थिक विकास की केंद्र की परिकल्पना साकार हो सकेगी। इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी एनसीआरटीसी की है। इस निगम में केंद्र के अलावा राजस्थान, दिल्ली व हरियाणा शामिल है। सभी भागीदार राज्य लगभग तीन वर्ष पूर्व डीपीआर को स्वीकृति दे चुके हैं, मगर केंद्र के स्तर पर इसमें देरी हो रही है।दिल्ली, गुरुग्राम, रेवाड़ी व अलवर जिले के दैनिक यात्री, उद्यमी, रीयल इस्टेट कारोबारी व कर्मचारी परियोजना की सुस्त रफतार से परेशानी ङोलनी पड़ रही है। इन्हें मानेसर, बावल, नीमराना व भिवाड़ी जैसे उभरते औद्योगिक कस्बों के बीच सुगम व त्वरित परिवहन सेवा के अभाव में सफर के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है।यह कहते हैं सांसदकेन्द्र सरकार से पास करवाएंगे रैपिड रेल का मामला वो संबंधित मंत्रालय में जाकर पूरा करवाने का प्रयास करेंगे। दिल्ली से अलवर के बीच रैपिड रेल समय की मांग है। इससे इस क्षेत्र का विकास तेज होगा।
– महंत बालक नाथ, सांसद, अलवर।केन्द्र सरकार ने अटकाया यह मामला पूरी तरह केन्द्र सरकार के पास है जिसने इसकी फाइल अटका रखी है। यह प्रोजेकट मेरे कार्यकाल में पास हुआ था लेकिन इसे अब आगे नहीं बढाया जा रहा है।