चण्डीगढ़/जींद( संदीप सरोहा)22अप्रैल
जींद जिले के सफीदों में एक पंसारी से वन्य जीवों के अवशेष मिलने के बाद अब जींद जिले के उचाना के पंसारी से भी वन्य जीवों के अवशेष मिले हैं। जींद जिले की उचाना थाना पुलिस ने पंसारी गोपाल लाल की दुकान पर रेड करके अवैध रूप से व्यापार किए जा रहे वन्यजीवों के अंग बरामद किए थे। मौके से आरोपी गौरव मित्तल वासी उचाना मंडी को काबू किया था। पुलिस पूछताछ में गौरव ने बताया कि उसने यह अंग एक सपेरे से लिए हैं, जो अब पुलिस को सपेरे की तलाश है जिसे जल्द ही काबू कर लिया जाएगा। आरोपी गौरव को अदालत में पेश कर अदालत के आदेश पर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।नरवाना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह के नेतृत्व में कार्य करते हुए जांच अधिकारी पीएसआई करमजीत सिंह ने बताया कि मनवीर सिंह निरीक्षक वन्य जीव संरक्षण विभाग जिला जींद की शिकायत पर आरोपी गौरव को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन करने पर काबू किया गया है। निरीक्षक मनवीर सिंह ने थाना जुलाना में 19 अप्रैल को दी शिकायत में बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि आरोपी गौरव मित्तल वासी रेलवे रोड उचाना मंडी वन्य जीवों के अंगों का व्यापार करता है। जिसकी शिकायत पर पुलिस द्वारा गौरव मित्तल पर कानूनी कार्रवाई करते हुए गोपाल पंसारी की दुकान पर छापेमारी की गई। जहां से पुलिस के हाथ मॉनीटर लिजार्ड के 4 नग व सेही कांटा के 30 नग लगे। मौके से आरोपी गौरव को गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया व आरोपी को गिरफ्तार करके कुरुक्षेत्र स्पेशल एनवायरनमेंट कोर्ट में पेश करके 2 दिन का रिमांड प्राप्त किया गया।दूसरे मामले में सफीदों पुरानी अनाज मंडी स्थित गोविंद राम रोली पंसारी की दुकान पर 20 अप्रैल को वन्य जीव संरक्षण विभाग व पुलिस की टीम ने वन्य जीव निरीक्षक मनवीर सिंह की शिकायत पर ही छापेमारी करके दो टुकड़े सांभर हिरण के सींग, तीन टुकड़े लाल मुर्गा व 13 टुकड़े काले तीतर के बरामद किए हैं। सिटी थाना पुलिस ने आरोपी आशीष को मौके से गिरफ्तार किया व विभिन्न धाराओं के तहत है मामला दर्ज किया गया।एएसपी ने माना: वन्य जीवों की हो रही तस्करीएएसपी कुलदीप सिंह ने एक मैसेज देते हुए कहा कि किसी पंसारी की दुकान से वन्य जीवों के अंगों का जब्त किया जाना इस बात का सबूत है कि जीवो की तस्करी लगातार हो रही है और इस तरह की तस्करी से कुछ प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं। इसलिए वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा गैरकानूनी व्यापार को रोकने हेतु दिए गए निर्देशों की पालना करते हुए इस प्रकार के गैर कानूनी व्यापार को रोका जाना आवश्यक है ताकि पर्यावरण संतुलन बना रह सके।