
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट

दिल्ली, जनवरी 13:-दो दिवसीय ग्लोबल साउथ समिट को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने और जरूरी तकनीकी सहयोग करके विकासशील देशों के विकास लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज दुनिया जलवायु परिवर्तन से लड़ने के स्थायी तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित हुई है। आपको बता दें कि भारत 12-13 जनवरी को दो दिवसीय वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। भारत की वैश्विक पहल पर आयोजित इस समिट के दौरान पीएम मोदी ने भी खाद्य, ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों, कोविड-19 वैश्विक महामारी के आर्थिक प्रभावों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं पर भी चिंता व्यक्त की थी।
विकासशील देशों के विकास लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि भारत विकासशील देशों के विकास लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। भारत विकासशील देशों और छोटे द्विपीय राष्ट्रों की असुरक्षा को समझता है, ऐसे में वैश्विक जलवायु पर कार्रवाई वक्त की जरूरत है।
भारत ने हमेशा विकासशील देशों के हितों को प्राथमिकता दी
जलवायु परिवर्तन का गंभीर प्रभाव विकासशील देशों पर गहरा रहा है। विकसित दुनिया ने अपने हिस्से के जलवायु संसाधनों का उपभोग कर लिया है और अब समय आ गया है कि वे पिछले कार्यों की जिम्मेदारी स्वीकार करें। देश का विकास और जैव विविधता संरक्षण दोनों महत्वपूर्ण पहलू हैं और इसे छोड़ा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षरण से तभी बाहर निकल सकता है, जब हम साथ मिलकर साझे लक्ष्य की दिशा में काम किया जाए।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटना केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता
आज हमारा देश दुनिया में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के विविध पहलुओं पर कार्य करने वाला दुनिया का एक सक्रिय देश बन गया है। पिछले 8 वर्षों के दौरान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गई अनेक स्वच्छ और हरित विकास पहलों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ई-मोबिलिटी, हरित ढुलाई, नवीकरणीय ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन, वनीकरण और जल आदि विभिन्न क्षेत्रों में अनेक नई नीतियां और पहल शुरू की गई हैं ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम से कम किया जा सके। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन पर भारत की राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी), अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी), ई-मोबिलिटी के लिए फेम योजना, स्मार्ट शहरों के लिए – कायाकल्प और शहरी परिवर्तन हेतु अटल मिशन (अमृत), प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना – स्वच्छ कुकिंग ईंधन के लिए पहुंच, उज्ज्वला योजना और स्वच्छ भारत मिशन है जिसके कारण आज भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने की पुरजोर कोशिशों में जुटा हुआ है।