
आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट

दिल्ली, जनवरी 14:-स्ट्रीट वेंडर शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक का प्रतिनिधित्व करते हैं। स्ट्रीट वेंडर्स शहरवासियों के दरवाजे पर सस्ती दरों पर वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देशभर में सड़क के किनारे छोटा-मोटा कारोबार कर अपने परिवार की जीविका चलाने वाले इस वर्ग की मदद के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत अब तक 45 लाख से अधिक लाभार्थियों को ऋण वितरित किए जा चुके हैं।
तेजी से बढ़ती माइक्रो-क्रेडिट योजना
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को देश भर के रेहड़ी-पटरी

(स्ट्रीट वेंडर्स ) वालों से अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इसी कारण यह योजना भारत सरकार की सबसे तेजी से बढ़ती माइक्रो-क्रेडिट योजनाओं में से एक बन गई है। पिछले दो वर्षों में, पीएम स्वनिधि ने 45.32 लाख लाभार्थियों को 4,606.36 करोड़ रुपये के 40.07 लाख से अधिक ऋण वितरित किए हैं।
क्या है स्वनिधि योजना
कोरोना और लॉकडाउन से स्ट्रीट वेंडर्स की रोजी-रोटी पर काफी फर्क पड़ा था। इनकी मदद करने के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने जून, 2020 को पीएम स्व-निधि योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य देशभर के लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को उनकी आजीविका को फिर से शुरू करने के लिए एक किफायती कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना था। योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को एक वर्ष की अवधि के लिए गैर जमानती 10 हजार रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। समय पर या पहले ऋण का भुगतान करने पर विक्रेता अगली बार के लिए अधिक ऋण प्राप्त करने का पात्र बन जाता है।
डिजिटल लेन देन को बढ़ावा
डिजिटल इंडिया की परिकल्पना के अनुरूप, पीएम स्वनिधि ने रेहड़ी-पटरी वालों को डिजिटल लेनदेन की सुविधा देकर वित्तीय समावेशन के लिए एक मंच भी प्रदान किया है। अब तक रेहड़ी-पटरी वालों ने 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के 37.70 करोड़ डिजिटल लेनदेन दर्ज किए हैं। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने डिजिटल लेनदेन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लाभार्थियों को कैशबैक के रूप में 23.02 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
अनुशंसा पत्र देकर अनुचित उत्पीड़न से बचाया
पीएम स्वनिधि योजना ने रेहड़ी-पटरी वालों की ऋण तक आसान पहुंच के लिए उन्हें अनुशंसा पत्र (एलओआर) देकर उन्हें व्यावसायिक मान्यता प्रदान करने में भी मदद की है।

इसके अलावा, रेहड़ी-पटरी वालों को उनके काम में पहचान और सम्मान की भावना प्रदान करने के लिए एक परिचय बोर्ड दिया गया है। ये बोर्ड रेहड़ी-पटरी वालों को अनुचित उत्पीड़न से बचाते हुए कारोबार में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए एक साधन के रूप में काम करते हैं।
स्ट्रीट वेंडर्स फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म से जुड़े
पीएम स्वनिधि योजना ने 9,326 रेहड़ी-पटरी वालों को स्विगी और ज़ोमैटो जैसे फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म से जुड़ने योग्य बना दिया है। इन प्लेटफॉर्म्स पर 9 जनवरी 2023 तक 21.93 करोड़ रुपये की कुल बिक्री हुई है। ऐसी साझेदारियों के माध्यम से, विक्रेताओं और उपभोक्ताओं दोनों के लिए एक व्यापक बाजार सुलभ हो गया है।
कोरोनाकाल में मिली मदद
कोरोना महामारी का असर बड़ी संख्या में स्ट्रीट वेंडर्स के रोजगार पर भी पड़ा था। पीएम मोदी ने रेहड़ी-पटरी वालों का दर्द समझा और केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि नाम से योजना शुरू की। इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को गैर जमानती ऋण दिया गया। इस योजना से मई 2022 तक कुल 32.26 लाख लोगों को लाभ मिल। इन लाभार्थियों में से 59% पुरुष और 41% महिलाएं शामिल है।
योजना 2024 तक बढ़ाई गई
पीएम स्वनिधि योजना ने स्ट्रीट वेंडर्स को उनका व्यापार वापस से शुरू करने में काफी मदद की। शायद यही कारण रहा कि पीएम-स्वनिधि योजना को मार्च 2022 से आगे बढ़ाकर दिसंबर 2024 तक जारी रखने को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी। साफ है कि केंद्र सरकार देश के स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है।