भारतीय रेलवे की बढ़ी कमाई, 42,370 करोड़ रुपए अधिक राजस्व किया हासिल

आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट

दिल्ली ,जनवरी 20:- जिस भारतीय रेलवे को कभी घाटे का सौदा बताया जाता था आज वही खूब कमाई कर देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। दरअसल, भारतीय रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष में अब तक 42,370 करोड़ रुपए अधिक राजस्व अर्जित कर लिया है।
रेल मंत्री ने दी जानकारी

इसकी जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। इस संबंध में उन्होंने कहा है कि भारतीय रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष में प्राप्त राजस्व चिह्न की तुलना में अब तक 42,370 करोड़ रुपए अधिक राजस्व एकत्र किया है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1,91,128 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित
उन्होंने यह भी कहा, भारतीय रेल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल एक लाख 91 हजार 128 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है। रेल मंत्री ने उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के पूरा होने से 71 दिन पहले हासिल की गई है।उल्लेखनीय है कि आज भारतीय रेलवे अपने साथ-साथ देश के उन तमाम हिस्सों का कायाकल्प करने में लगी है जो पीछे छूट गए थे। देश के जिन क्षेत्रों से सम्पर्क स्थापित नहीं हो सका है उन्हें रेलवे के माध्यम से जोड़ा जा रहा है।
देश में विकास की गति को दे रही नए आयाम
ऐसे तमाम कार्य भारतीय रेलवे के माध्यम से किए गए हैं। भारतीय रेलवे के जरिए यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधा दी जा रही है। इस प्रकार भारतीय रेलवे देश में विकास की गति को नए आयाम दे रही है। यही कारण है कि आज भारतीय रेलवे लाभ कमाने की स्थिति में आ गई है।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2050 तक की यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने के लिहाज से राष्ट्रीय रेल योजना (NRP) 2030 तैयार की गई है ताकि 2030 तक बुनियादी ढांचे को विकसित किया जा सके। इससे रेलवे की कमाई में और अधिक वृद्धि हो सकेगी।

स्टेशन विकास और आधुनिकीकरण
इसके अलावा भारतीय रेलवे ने अपने स्टेशनों के विकास और आधुनिकीकरण पर भी खासा काम किया है। इसके तहत कई रेलवे स्टेशनों का कायकल्प हो चुका है और कई स्टेशनों का कायाकल्प का काम जारी है जैसे गांधीनगर, हबीबगंज और अयोध्या आदि। स्टेशनों के विकास के लिए रेलवे साझेदारी का तरीका अपना रहा है और सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मोड पर नई दिल्ली, छत्रपति शिवाजी मुंबई टर्मिनल, नागपुर, ग्वालियर, साबरमती, अमृतसर, पुड्डुचेरी, नेल्लोर, देहरादून और तिरुपति स्टेशनों के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) आमंत्रित किया गया। इसके अलावा रेलवे ने शत-प्रतिशत कोचों में जैव शौचालय, 953 स्टेशनों पर अनिवार्य यंत्रचालित सफाई की व्यवस्था, 57 मेड इन इंडिया, 12000 एचपी इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव सौंपने, 960 रेलवे इमारतों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, पवन ऊर्जा संयंत्र लगाने, स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा देने जैसे अभूतपूर्व कार्य किए।
2030 तक “हरित रेलवे” बनने के मिशन मोड पर
वहीं अब भारतीय रेलवे 2030 तक “हरित रेलवे” बनने के मिशन मोड पर काम कर रही है। इस दिशा में रेल मंत्रालय ने 2030 तक भारतीय रेलवे को पूरी तरह हरित ऊर्जा से संचालित करने का लक्ष्य निर्धारित करने के साथ, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में कई बड़ी पहल की है। रेलवे विद्युतीकरण, लोकोमोटिव और ट्रेनों की ऊर्जा दक्षता में सुधार के साथ स्थाई उपकरणों और प्रतिष्ठानों/स्टेशनों के लिए हरित प्रमाणन हासिल करने, डिब्बों में जैव शौचालय बनाए जाने तथा अपनी ऊर्जा जरुरतों के लिए नवीकरणीय स्रोतों पर निर्भरता तथा शून्य कार्बन उत्सर्जन को प्राप्त करना इस रणनीति का हिस्सा है।