‘स्वस्थ दृष्टि-समृद्ध काशी’ के तहत 500 से ज्यादा मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए ,पीएम मोदी ने भी दी शुभकामनाएं

आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट

दिल्ली, फरवरी 3:- व्यक्ति को दूर या पास का कम दिखना, गाड़ी ड्राइव करने में समस्या होना या दूसरे व्यक्ति के चेहरे के भावों को पढ़ने में दिक्कत होना मोतियाबिंद के लक्षण हैं। मोतियाबिंद में आंख में एक ऐसी स्थिति आती है जिसमें आंखों के लेंस में बदलाव होने लगता है और इससे देखने की क्षमता में कम होने लगती है। डॉक्टर के अनुसार, मोतियाबिंद की बीमारी का समय पर इलाज नहीं कराया गया तो यह गंभीर बन जाती है। ऐसे में पीएम मोदी की पहल पर ‘स्वस्थ दृष्टि-समृद्ध काशी’ अभियान मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों के लिए वरदान बनकर आया है।
क्या है ये अभियान
मोतियाबिंद रोग मुक्त वाराणसी बनाने के लिए ‘स्वस्थ दृष्टि-समृद्ध काशी’ अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चलाया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत पीएम मोदी की प्रेरणा से की गई है। इस अभियान के तहत 50 साल से अधिक उम्र के लोगों की आंखों की सम्पूर्ण जांच की जा रही है। पिछले साल 7 दिसंबर से शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 500 से अधिक लोगों का मोतियाबिंद का मुफ्त सफल ऑपरेशन किया जा चुका है। पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर इस अभियान का हिस्सा बने काशी के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
घर-घर जाकर होती है आंखों की जांच

‘स्वस्थ दृष्टि-समृद्ध काशी’ अभियान वाराणसी संसदीय क्षेत्र में एक साल तक चलाया जायगा। इस दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों के घर-घर जाकर उनकी आंखों की जांच कर रही हैं और मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान कर रही हैं। जांच के बाद जिनको चश्मे की जरूरत है उनको चश्मा दिया जाता है और जिनको मोतियाबिंद की सर्जरी की जरूरत होती है उनकी मुफ्त सर्जरी की जा रही है।
लोग किस तरह की समस्याओं से हैं पीड़ित
स्वस्थ दृष्टि, समृद्ध काशी अभियान के तहत हुए सर्वे में खुलासा हुआ है कि शहर में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों की आंखों की रोशनी तेजी से कम हो रही है। हर चौथा व्यक्ति आंख की किसी न किसी समस्या से घिरा है। मोतियाबिंद और आंखों के सूखापन की सबसे अधिक शिकायतें मिल रही हैं। इसके अलावा लोग ग्लूकोमा और नजरों के धुंधलापन जैसी समस्याओं भी पीड़ित हैं।
पीड़ितों ने किया पीएम मोदी का धन्यवाद
‘स्वस्थ दृष्टि, समृद्ध काशी अभियान की पहल पीएम मोदी ने की है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के अलावा चित्रकूट का सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय सहयोगी है। मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्ति को आने-जाने, खाने-पीने और रहने सबकी व्यवस्था प्रशासन करता है। पीएम मोदी की पहल पर 500 से ज्यादा लोगों का मुफ़्त इलाज किया जा चुका है। इलाज के दौरान उन्हें किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हुई। इसके लिए लोग अपने सांसद पीएम मोदी का शुक्रियादा कर रहे हैं।
40 के बाद हर साल कराएं जांच
50 साल से अधिक उम्र के लोगों को शुगर, बीपी, ग्लूकोमा सहित अन्य तरह की समस्या होने लगती है। इसका असर आंखों पर भी पड़ता है। इसके साथ ही स्क्रीन टाइम का भी असर दिखता है। इसलिए 40 साल की उम्र के बाद लोगों को हर साल आंखों की जांच करानी चाहिए। आंखों की जांच चश्मे की दुकानों पर नहीं बल्कि नेत्र रोग विशेषज्ञ से कराएं। अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो वहीं आगे जाकर ग्लूकोमा, मोतियाबिंद का रूप ले लेती