युवा वैज्ञानिकों का आदर्श वाक्य – नवाचार, पेटेंट, उत्पादन, और समृद्धि

आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
दिल्ली, फरवरी 10:- केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह ने बेंगलुरु में दूसरे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) युवा वैज्ञानिक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि ने यह ‘नवाचार, पेटेंट, उत्पादन, और समृद्धि’ का चार सूत्रीय मूलमंत्र एससीओ देशों को तेजी से विकास की ओर ले जाने में सक्षम है। डॉ सिंह ने एससीओ के युवा वैज्ञानिकों से विशेष अनुरोध किया है कि वे विश्व और मानव कल्याण के लिए आगे आएं और आम सामाजिक चुनौतियों के समाधान के लिए साथ मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि एससीओ के युवा वैज्ञानिकों के बीच चर्चा और विचार-विमर्श से नया दृष्टिकोण मिलेगा, जिससे वे इन चुनौतियों के समाधान हेतु प्रयास कर सकेंगे।
HEALTH
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्र प्रमुखों की परिषद की 19वीं बैठक में परस्पर सहयोग के लिए ‘HEALTH’ मंत्र दिया था जो खुद में व्यापक है । ‘HEALTH’ में व्यापक उद्देश्य समाहित है। हेल्थ सर्विस पर सहयोग के लिए ‘एच’, इकोनॉमिक सहयोग के लिए ‘ई’, वैकल्पिक ऊर्जा के लिए ‘ए’, लिटरेचर एवं कल्चर के लिए ‘एल’, टेरेरिज्म मुक्त समाज के लिए ‘टी’, और मानवीय सहयोग के लिए ‘एच’ को शामिल है।एससीओ मध्य और दक्षिण एशिया की रंग-बिरंगी और विशिष्ट संस्कृतियों को एक साथ लाता है और आपसी सहायता और टीम भावना को बढ़ावा देता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एससीओ देशों में दुनिया की आबादी का लगभग 42% हिस्सा रहता है, जिसमें भूमि क्षेत्र (22%) वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 20% का योगदान देता है। एससीओ देशों की बड़ी संख्या में युवा आबादी यहाँ का एक प्रमुख जनसांख्यिकीय लाभ है।
प्राकृतिक पर्यावरण, पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता का संरक्षण
खाद्य सुरक्षा, एससीओ अर्थव्यवस्थाओं के लिए चिंता का एक प्रमुख विषय है क्योंकि यह तीन अरब से अधिक लोगों की संयुक्त आबादी के लिए महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की आय में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस प्रयास में एससीओ की वैज्ञानिक प्रतिभाओं का लाभ उठाना निश्चित रूप से उपयोगी होगा। पर्यावरणीय क्षरण लंबे समय से एससीओ, मध्य एशियाई क्षेत्र में चिंता का कारण रहा है। सतत् विकास लक्ष्यों के संदर्भ में “प्राकृतिक पर्यावरण, पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता का संरक्षण” बहुत महत्वपूर्ण है। डॉ सिंह ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को सुलभ, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा स्रोत उप्लब्ध हो, यह वर्ष 2030 तक संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास एजेंडा के प्रमुख लक्ष्यों में है। ऊर्जा नवाचारों के क्षेत्र में अपने विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ना चाहिए। हमें ऊर्जा के रूपांतरण की प्रक्रिया में जीवाश्म ईंधन के स्वच्छ और अत्यधिक कुशल उपयोग सहित ऊर्जा क्षेत्र में विभिन्न स्वच्छ तथा निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों के विकास एवं उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
स्टार्टअप और उद्यमिता के लिए अपार संभावनाएं
डॉ सिंह ने यह कहा, “एआई, डेटा एनालिटिक्स जैसी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां; स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, औद्योगिक क्षेत्र सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में शामिल हैं, और लगभग सभी क्षेत्रों में परिवर्तनकारी भूमिका निभा रही हैं। प्रतिस्पर्धी बने रहने, सामाजिक प्रगति को चलायमान रखने, रोजगार पैदा करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और जीवन की समग्र गुणवत्ता एवं पर्यावरण की स्थिरता में सुधार के लिए सरकारों और उद्योगों को इन उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए तैयार रहना जरुरी है। स्टार्ट-अप्स और उद्यमिता के लिए इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने, सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप फोरम और इनोवेशन प्रतियोगिता आयोजित करने की बात भी कही है।