फाइलेरिया से मुक्ति के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान ‘सर्व दवा सेवन’ (एमडीए) शुरू

आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट
प्रभावित 10 राज्यों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर देंगे एंटी-फाइलेरिया दवा
दिल्ली, 11 फरवरी:- केंद्र सरकार ने फाइलेरिया पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) अभियान शुरू किया है। जिसके तहत विशेष रूप से 10 फाइलेरिया प्रभावित राज्यों में घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवाएं दी जाएंगी। वैश्विक लक्ष्य से तीन साल पहले ही 2027 तक फाइलेरिया खत्म करने के इस मिशन को एक महीने पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अपना समर्थन दिया था। बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के ज्यादा मामले वाले जिलों ने संयुक्त रूप से इस अभियान की शुरुआत की।
10 राज्यों में चलाया गया अभियान
फाइलेरिया पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने दो चरणों में MDA को लेकर एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है, इसके तहत 10 राज्यों में 90 जिलों के 1113 ब्लॉकों में फाइलेरिया के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। पिछले एक महीने में राज्यों ने समुदायों तक पहुंच बनाने के लिए कुछ नए तरीके अपनाएं हैं जैसे, बिहार ने MDA के लिए 120 कॉलेजों को जोड़ा है, MDA पर समुदायों को संवेदनशील एवं जागरूक करने के लिए पंचायती राज संस्थान (PRI), स्वयं सहायता समूह (SHG) और दूसरे संबद्ध विभाग राज्यों का सहयोग कर रहे हैं। केंद्र सरकार को MDA अभियान के दौरान राज्यों से सहयोगात्मक प्रयासों के बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है।
राज्यों की रणनीति
अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य सरकारें मिशन मोड में काम कर रही है। राज्यों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के प्रमुख सचिवों और मिशन निदेशकों ने अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। उत्तर प्रदेश ने बताया कि डी2सी (डायरेक्ट टु कंज्यूमर) अभियान के जरिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए LF संदेशों और MDA दवाओं के महत्व के बारे जानकारी 80 लाख परिवारों तक पहुंच रही है। झारखंड 81 जगहों पर अभियान चलाएगा, जिससे करीब 12,032 गांव कवर होंगे। पश्चिम बंगाल करीब 60 लाख की आबादी को कवर करते हुए 7 जिलों में अभियान चलाएगा और किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए मोबाइल स्वास्थ्य टीमों को भी तैनात किया जाएगा। वहीं मध्य प्रदेश अंत:क्षेत्रीय सहयोग के जरिए आईईसी और मोबिलाइजेशन पर लक्षित फोकस के साथ 8 जिलों को कवर करेगा। कर्नाटक और बिहार ने भी इस अभियान को सफल बनाने में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
सामूहिक पहल की आवश्यकता
राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) अभियान को सफल बनाने और LF से निपटने के लिए सामूहिक पहल की आवश्यकता है। इस अभियान के तहत सभी राज्यों को दवाओं के वितरण के बजाय सीधे तौर पर देखभाल थेरेपी पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया। इसके अलावा ब्लॉक स्तर पर सघन निगरानी पर विशेष ध्यान दिए जाने को कहा है। साथ ही डेटा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी के साथ ही सभी स्तरों पर कवरेज और निगरानी रिपोर्ट के रोजाना विश्लेषण की आवश्यकता पर बल देने की बात कही गई है।
भारत ने तेज़ किये प्रयास
भारत ने क्यूलेक्स मच्छरों से होने वाली वेक्टर जनित बीमारी लिम्फेटिक फाइलेरिया को वैश्विक लक्ष्य से पहले खत्म करने के प्रयास तेज कर दिए हैं, जिससे समुदायों को अपंगता, सामाजिक और आर्थिक असुरक्षा से बचाया जा सके। भारत सरकार पहले ही LF उन्मूलन के लिए नए सिरे से पांच-स्तरीय रणनीति की शुरुआत कर चुकी जिसमें मुख्य रूप से …
— Multi-drug administration (MDA) अभियान राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (10 फरवरी और 10 अगस्त) के साथ साल में दो बार
— प्रारंभिक निदान और उपचार; रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता (MMDP) सेवाओं को मजबूत करने के लिए मेडिकल कॉलेजों की नियुक्ति
— बहु क्षेत्रीय समन्वित प्रयासों के साथ Integrated Vector Control
— संबद्ध विभागों और मंत्रालयों के साथ अंतर क्षेत्रीय अभिसरण के लिए
— LF के लिए मौजूदा डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाना और alternate diagnostics की खोज करना
2027 तक फाइलेरिया को समाप्त करने का लक्ष्य
भारत 2027 तक फाइलेरिया को समाप्त करने के लिए आगे बढ़ रहा है। सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के साथ इस उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने का यह एकदम सही समय है। SDG का मकसद भुखमरी दूर करना और अक्षमता/रुग्णता को समाप्त करना है। केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा था, ‘नए भारत में लसीका फाइलेरिया इतिहास होना चाहिए और इसके लिए सभी लोगों को मिलकर काम करने के संकल्प लेना होगा’। केंद्र सरकार लसीका फाइलेरियासिस को खत्म करने के लिए एक रोडमैप पर काम कर रही है ताकि वैश्विक लक्ष्य 2030 से पहले ही भारत को इस बीमारी से निजात मिल सके, केंद्र सरकार भारत मिशन मोड, मल्टी पार्टनर, मल्टी सेक्टर, लक्षित ड्राइव के जरिये लिम्फैटिक फाइलेरिया को खत्म करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।