October 20, 2024

भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री 18 मार्च को भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का करेंगे उद्घाटन

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आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट


दिल्ली, 17 मार्च:- पीएम मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 18 मार्च को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी देते हुए कहा कि यह भारत और बांग्लादेश के बीच 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनी पहली सीमा पार ऊर्जा पाइपलाइन है, जिसमें लगभग 285 करोड़ रुपये की लागत से बनी पाइपलाइन का बांग्लादेश हिस्सा भारत सरकार द्वारा अनुदान सहायता के तहत वहन किया गया है।

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सीमा पार पहली ऊर्जा पाइपलाइन

आपको बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पार पहली ऊर्जा पाइपलाइन है, जिसे 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया गया है। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के संचालन से भारत से बांग्लादेश तक HSD परिवहन का एक स्थायी, विश्वसनीय, लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल साधन स्थापित होगा और दोनों देश ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग को और बढ़ेंगे।

डीजल आपूर्ति क्षमता दस लाख मीट्रिक टन

पाइपलाइन में हाई-स्पीड डीजल (HSD) के एक मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष ((MMTPA) के परिवहन की क्षमता है। यह शुरुआत में उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हाई स्पीड डीजल की आपूर्ति करेगा। ढाका के बिजली राज्‍य मंत्री नसरूल हामिद ने हाल ही में कहा था कि लगभग 131 दशमलव पांच किलोमीटर लंबे पाइप लाइन का निर्माण भारत से डीजल का आयात करने के लिए किया गया है। इस पाइपलाइन का 126 दशमलव पांच किलोमीटर हिस्सा बांग्लादेश में और पांच किलोमीटर भारत में है।

भारत और बांग्लादेश संबंध

भारत और बंगलादेश के संबंध, किसी भी दक्षिण एशियाई पड़ोसियों की तरह, सभ्यता, संस्कृति, सामाजिक एवं आर्थिक आदि विषयों के साथ जुड़े हैं। इसके अलावा एक साझा इतिहास, एक साझी विरासत, भाषा, संस्कृति का मेल, साहित्य, संगीत और कला से प्रेम, भारत के साथ बंगलादेश का न केवल, स्वाधीनता संग्राम के संघर्ष और मुक्ति की साझी विरासत है अपितु दोनों एक दूसरे के अंतरंग भावनाओं से जुड़े हुए हैं। आज हजारों बंगलादेशी छात्र अपने स्वयं के खर्चे पर तथा 100 से अधिक भारत सरकार की वार्षिक छात्रवृत्ति पर भारत में अध्ययन प्राप्त कर रहे हैं। ये आदान प्रदान और ये अन्तरक्रिया कलाप, राजकीय स्तर के क्रियाकलापों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुबंध का कार्य करते हैं। PM मोदी 18 मार्च को ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का करेंगे उद्घाटन, देश के लिए बेहद अहमपीएम मोदी ’18 मार्च, 2023′ को सुबह 11 बजे सुब्रमण्यम हॉल, नेशनल एग्रीकल्चर साइंस कॉम्प्लेक्स (NASC),भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) कैंपस, पूसा नई दिल्ली में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्ना) सम्मेलन, बायर सेलर मीट और प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री सभा को भी संबोधित करेंगे। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में 100 से भी अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम पूरे देश के लिए बेहद अहम बताया जा रहा है। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में…’

’श्री अन्न’ यानि मिलेट्स पोषण का भंडार‘

‘श्री अन्न’ यानि मिलेट्स पोषण का भंडार है। भारत की पहल पर इस बात को अब सारे संसार ने मान लिया है। इसी क्रम में भारत सरकार किसानों को मिलेट्स की खेती के लिए प्रोत्साहित कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और आम लोगों को मिलेट्स के प्रति जागरूक करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। भारत सरकार के आह्वान पर ही संयुक्त राष्ट्र संघ 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मना रहा है। ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन भी इसी कड़ी का एक अहम हिस्सा बनने जा है।

‘श्री अन्न’ को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहल

इस कार्यक्रम से ‘श्री अन्न’ को विश्व स्तर पर बढ़ावा मिलने वाला है। देश के छोटे किसानों के लिए इसे काफी हितकारी बताया जा रहा है। इसी संबंध में PM मोदी ने भी कहा है ”मिलेट्स को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलने का मतलब है कि हमारे छोटे किसानों के लिए ग्लोबल मार्केट तैयार हो। इसी मुहिम में पीएम मोदी शनिवार ’18 मार्च, 2023′ को सुबह 11 बजे सुब्रमण्यम हॉल, नेशनल एग्रीकल्चर साइंस कॉम्प्लेक्स (NASC), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) कैंपस, पूसा नई दिल्ली में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। स्पष्ट है कि केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने को समर्पित भाव से कार्य कर रही है।

100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि ले रहे हैं भाग

ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन में 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसके जरिए भारत को अब मिलेट्स को पूरे विश्व में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी बड़ी क्षमता को दिखाने का भी अवसर मिलेगा। इसलिए भी यह भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।

किन मुद्दों पर होगी चर्चा ?

दो दिनों तक चलने वाले इस वैश्विक सम्मेलन में उत्पादकों, उपभोक्ताओं और अन्य हितधारकों के बीच पोषक अनाज के प्रचार और जागरूकता, पोषक अनाज की मूल्य श्रृंखला का विकास, पोषक अनाज के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी पहलू, बाजार संपर्क, अनुसंधान और विकास आदि जैसे पोषक अनाज (श्री अन्न) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। सम्मेलन में विभिन्न देशों के कृषि मंत्री, अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक, पोषण विशेषज्ञ, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप उद्योग के दिग्गज और अन्य हितधारक भाग लेंगे।

मिलेट्स (श्री अन्न) उत्पादन के मामले में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है ?

दरअसल, मिलेट्स (श्री अन्न) उत्पादन के मामले में भारत का विश्व में पहला स्थान है। इसी के बलबूते अब भारत विश्व में अपनी खास पहचान बनाने के पुरजोर प्रयास कर रहा है। मिलेट्स खाने के अपने कई फायदे भी हैं। इसके बारे में आगे जानेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष का ये संदेश, मिलेट्स के हैं फायदे अनेक

दरअसल, मिलेट्स खाने के अपने कई फायदे भी हैं। जैसे कि यह स्थायी और अनुकूलनीय है। इसे उगाने के लिए कम जल की आवश्यकता होती है। यह ग्लूटेन मुक्त आहार है। वजन बढ़ाने में ग्लूटेन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और शरीर का वजन बढ़ने के कारण कई रोग भी लग जाते हैं। इसलिए सभी विशेषयज्ञ ग्लूटेन फ्री डाइट की सलाह देते है। इसके अलावा मिलेट्स सुनिश्चित खाद्य एवं सुरक्षित पोषण का अहम जरिया है। ऐसे में यह जैव विविधता का संरक्षक माना गया है। इन सारे फायदों से स्पष्ट हो जाता है कि हमारे शरीर के सही विकास के लिए मिलेट्स हमारे लिए कितने फायदेमंद है।

भारत के लिए बहुत ही अहम

ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन के मद्देनजर यह साल भारत के लिए बहुत ही अहम माना जा रहा है, क्योंकि भारत 2023 में G20 की मेजबानी कर रहा है। साथ ही यह साल अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में भी मना रहा है। सरकार द्वारा मिलेट्स को G20 बैठकों का भी एक अभिन्न हिस्सा बनाया गया है। इसके तहत प्रतिनिधियों को इसे चखने, किसानों से मिलने और स्टार्ट-अप व एफपीओ के साथ संवादात्मक सत्रों के माध्यम से मिलेट्स को लेकर अनुभव प्रदान किया जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भारत के प्रस्ताव के आधार पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYM) के रूप में घोषित किया गया था। इसके अलावा, IYM 2023 के उत्सव को एक ‘जन आंदोलन’ बनाने और भारत को ‘मिलेट्स के लिए वैश्विक हब’ के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, किसानों, स्टार्ट-अप्स, निर्यातकों, खुदरा व्यवसायों और अन्य हितधारकों को किसानों, उपभोक्ताओं और जलवायु के लिए बाजरा (श्री अन्ना) के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रचार करने के लिए लगाया जा रहा है। भारत में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्ना) सम्मेलन का आयोजन इसी संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।

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