March 16, 2025

भारतीय सेना का बढ़ेगा दमखम, आकाश और स्वाति सेना में होंगे शामिल

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आर पी डब्लू न्यूज़/ब्यूरो रिपोर्ट


दिल्ली, 31 मार्च:- केंद्र सरकार लगातार भारतीय सेना को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही और मजबूत और सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए रेजिमेंट आकाश हथियार प्रणाली और हथियारों का पता लगाने वाले रडार स्वाति (मैदानी) को खरीदने का सौदा किया है। यह सौदा 9,100 करोड़ रुपये से अधिक में हुआ है। इस सौदे के हिसाब से आने वाले समय में भारतीय सेना को 2 रेजिमेंट आकाश हथियार प्रणाली और 12 रडार स्वाति (मैदानी) मिलेंगे।

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पीएम मोदी ने भी सराहा

रक्षा मंत्री के कार्यालय ने एक ट्वीट कर बताया कि रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए उन्नत आकाश हथियार प्रणाली और 12 हथियारों का पता लगाने वाले रडार स्वाति (मैदानी) की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। रक्षा मंत्री के कार्यालय के ट्वीट का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने इस अनुबंध का स्वागत किया। पीएम मोदी ने इस अनुबंध को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाला और MSME क्षेत्र के लिए काफी मददगार बताया।

किसके साथ हुआ है सौदा ?

इस सौदे में आर्मी एयर डिफेंस की तीसरी और चौथी रेजिमेंट के लिए उन्नत आकाश वेपन सिस्टम की खरीद में अपग्रेड के साथ लाइव मिसाइल और लॉन्चर, ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट, वाहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। यह अनुबंध भारत डायनामिक्स लिमिटेड के साथ 8,160 करोड़ रुपये से अधिक का किया गया है। आकाश वेपन सिस्टम शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है।

उत्तरी सीमाओं पर होगी तैनाती

भारतीय सेना में उन्नत आकाश वेपन सिस्टम को शामिल करने से शॉर्ट रेंज मिसाइल क्षमता में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। इसमें सीकर टेक्नोलॉजी, कम फुट प्रिंट, 360° इंगेजमेंट क्षमता और बेहतर पैरामीटर हैं। आकाश वेपन सिस्टम को हवाई खतरों से निपटने के लिए भारत की उत्तरी सीमाओं पर तैनात किया जाना है।

स्वदेशी रक्षा निर्माण इकोसिस्टम को मिलेगा बढ़ावा

यह परियोजना विशेष रूप से भारतीय मिसाइल निर्माण उद्योग और समग्र रूप से स्वदेशी रक्षा निर्माण इकोसिस्टम को बढ़ावा देगी। परियोजना में कुल स्वदेशी सामग्री 82% है जिसे 2026-27 तक बढ़ाकर 93% किया जाएगा । यह परियोजना अन्य देशों को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा के बाहर जाने से बचाकर, देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने और विभिन्न घटकों के निर्माण के माध्यम से भारतीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित करके समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी अपनी भूमिका निभाएगी। हथियार प्रणाली की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए परियोजना लागत का लगभग 60% MSME सहित निजी उद्योग को दिया जाएगा। इससे बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।

रडार स्वाति (मैदानी) कैसे काम करेगा ?

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ रडार स्वाति (मैदानी) के लिए 990 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह एक स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया रडार है। यह रडार बंदूकों, मोर्टारों और रॉकेटों की सटीक स्थिति का पता लगाने की क्षमता के साथ ही स्वयं के गोलाबारी संसाधनों द्वारा प्रत्युत्तर में आक्रमण करके उन्हें नष्ट करने की सुविधा से लैस है।यह सैनिकों को दुश्मन के किसी भी हस्तक्षेप के बिना अपने परिचालन कार्यों को पूरा करने में सक्षम बनाएगा और उन्हें दुश्मन की गोलाबारी से सुरक्षा भी प्रदान करेगा। इसे सेना में आने वाले 24 महीनों में शामिल करने की योजना है ।यह परियोजना रक्षा उद्योग के लिए अपनी क्षमता दिखाने का एक बड़ा अवसर है और रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम होगा।

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