भारत का भाग्य उदय करना है तो जात पात का भेदभाव छोड़कर समाज एक सूत्र में बंधे – संत गुरविंदर महाराज
आर पी डब्लू न्यूज/राजीव मेहता
– मीरा चली सतगुरु के धाम यात्रा का ग्रामीणों ने किया पुष्पवर्षा कर किया अभिनंदन
यमुनानगर 3 दिसंबर:- प्रतापनगर :मीरा बाई की जन्म स्थली मेड़ता (राजस्थान) से चलकर विभिन्न प्रांतों से होती हुई मीरा चली सत्गुरु के धाम सर्व समाज बंधुत्व यात्रा शनिवार को प्रतापनगर पहुंची। प्रताप नगर पहुंचने पर बंधुत्व यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। बस स्टैंड पर बैंड बाजे और ढोल के साथ संत पुरुषोत्तम जी, संत हरिनारायण जी, बाबा भल्ला सिंह जेठूवाल जी, संत माधवानंद,संत महेश आश्रम जी महाराज, व अन्य संतों का भगवी पगडी पहनाकर व पुष्प वर्षा करके स्वागत किया गया। यात्रा में सैकड़ों महिलाएं सिर पर कलश लेकर और करीब 120 बाइक सवार शामिल हुए। इसके बाद सर्व समाज बंधुत्व यात्रा आयोजन समिति एवं सामाजिक समरसता मंच प्रतापनगर की ओर से यात्रा के सम्मान में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के हजारों लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम में पहुंचे हजारों भाई बहनों को संबोधित करते हुए संत गुरविंदर सिंह महाराज ने कहा की हमारा समाज आज भी जात पति के नाम पर आपस में लड़ रहे है। जबकि भगवान ने कोई भेदभाव पैदा नहीं किया। भारत का भाग्य उदय करना हैं तो जात पात का भेदभाव छोड़कर सभी समाज एक सूत्र में बंधे।
कार्यक्रम के दौरान फगवाड़ा चक्क हकीम सतगुरु रविदास मंदिर देहरा के महंत पुरुषोत्तम लाल, जालंधर के निर्मल अखाड़ा हजारा से महंत गुरविंद्र सिंह, हरिद्वार के पंचायती आखाड़ा कनखल से स्वामी हरिनारायण, बंगा से स्वामी माधवानंद, जेठूवाल से बाबा फल्ला सिंह, बाबा सरबजीत सिंह, मोहनीयां कहारा से बाबा परमजीत सिंह, जेठूवाल से बाबा सुखदेव सिंह, मानसा से सरदार जरनैल सिंह फरवाई आदि ने अपने प्रवचनों से समाज को एकता व भाईचारे का संदेश दिया। इससे पूर्व यात्रा जगाधरी, छछरौली व विभिन्न स्थानों से होती हुई प्रतापनगर पहुंची। बंधुत्व यात्रा के प्रांत सह संयोजक सुरेंद्र एडवोकेट ने बताया कि यात्रा चार नवंबर से मीरा बाई की जन्म स्थली मेड़ता से चलकर राजस्थान, पंजाब, हिमाचल व हरियाणा के विभिन्न प्रांतों से होती हुई यहां पहुंची है। रविवार को कपाल मोचन में यात्रा का भव्य समापन समारोह के साथ समापन होगा। मौके पर क्षेत्रीय प्रचारक प्रमोद, जसपाल सिंह खीवा, नरेश कुमार, ज्ञान, सुरेंद्र, विक्रम बाजवा, केशव, नरेश, विकास आदि मौजूद रहे।