चंडीगढ़ /यमुनानगर 29 मार्च
केंद्र सरकार की उदारीकरण की नीतियों के खिलाफ 2 दिन की हड़ताल के चलते दूसरे दिन भी सभी विभागों के संगठनों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस हड़ताल की अध्यक्षता जिला प्रधान महिपाल सौदे व तमाम विभागीय यूनियनों के जिला प्रधानों ने की और मंच संचालन एसकेएस जिला सचिव गुलशन भारद्वाज ने किया। पहले से तयशुदा कार्यक्रम के तहत सभी कर्मचारी,किसान,मजदूर व आम जनता ने भाजपा विधायक घनश्याम दास अरोड़ा के कार्यालय के सामने चिल्ड्रन पार्क में हजारों की संख्या में इकट्ठे होकर केंद्र व हरियाणा की बीजेपी जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान मुख्य वक्ता के तौर पर एसकेएस राज्य महासचिव सतीश सेठी,संयुक्त किसान मोर्चा के जिला प्रधान जरनैल सिंह सांगवान,एटक के सचिव हरभजन सिंह संधू,इंटक के जिला प्रधान धर्मपाल, किसान नेता धर्मपाल चौहान आदि ने हड़तालियों को सम्बोधित करते वक्त बताया कि यह हड़ताल कर्मचारी मजदूर किसान वह मेहनतकश जनता की एकता को जहां मजबूत करेगी। वहीं सरकार के सामने एक मजबूत चुनौती पेश करने जा रही है ।
जिस प्रकार उदारीकरण नीतियों को तेजी के साथ लागू किया जा रहा है। देश की मेहनत कश जनता के खून पसीने की कमाई से पब्लिक सेक्टर को खड़ा किया गया था। इसमें मुख्यता रेल,हवाई अड्डे, बैंक, बीमा, बंदरगाह, कोयला, तेलखाने व दूरसंचार समेत सेना के लिए गोला बारूद बनाने वाले कारखाने शामिल है। इनमें जहां बेरोजगारों को करोड़ों रोजगार के अवसर मिलते थे वही जनता को सुरक्षित सेवा भी मिलती थी। परंतु 30 साल पहले शुरू किए गए आर्थिक सुधार जो सरकारें बदलने पर भी रुकने की वजह तेजी से आगे बढ़ते रहे।
उन्होंने बताया कि देश व प्रदेश पूंजीवादी सरकारों की निजीकरण की नीतियों से लगातार गरीब होता जा रहा है। चंद हाथों में सारी धनसंपदा इकट्ठी होती जा रही है। बेरोजगारी व भुखमरी चरम पर है।बराहत खत्म कर दी गई है। ऊपर से करोना व करोना की आड़ में देश बेचने की नीतियों ने रही सही कसर भी पूरी कर दी है। आंदोलन में जनता की आवाज सुनने की बजाय काले कानूनों से जनता को कुचला जा रहा है। इसके इलावा भाजपा का अपने घोषणा पत्रों के वायदों को भी लागू करना नहीं चाहती । सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए दृढ़ संकल्प है। इससे विश्वविद्यालयों की सेवाएं तथा खत्म होना निश्चित है। स्वास्थ्य सेवाओं को बीमा कंपनियों के हवाले करने की पूरी तैयारी हो चुकी है। कौशल रोजगार निगम की आड़ में सरकार रेगुलराइजेशन की नीति अपनाने व समान काम समान वेतन लागू करने से बचना चाहती है। उन्होंने बताया कि अगर सरकार ने जल्द ही कर्मचारियों,मजदूरों व किसानों की समस्याओं का समाधान नही किया तो आने वाले समय में निर्णायक आरपार के आंदोलन की घोषणा की जाएगी। इस अवसर पर नगर पालिका से राजकुमार ससोली,जनक राज अध्यापक संघ से संजय कंबोज ,राकेश धनकड़,चतुर्थ श्रेणी से राजकुमार,पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स से किशोर कुमार,प्रेम प्रकाश रिटायर्ड संघ से विनोद त्यागी,जोत सिंह आंगनवाडी यूनियन से रेखा सैनी, सुनीता करहेड़ा आशा वर्कर यूनियन से नीरू वाला राजेश मिड डे मील वर्कर्स यूनियन से शरबती सीटू के जिला प्रधान मतलूब हुसैन कोषाध्यक्ष राजकुमार अग्निशमन से रिंकू कुमार संतोष कुमार एचवीएसपी यूनियन से रविन्द्र काम्बोज, भवन निर्माण यूनियन से जापान पेपर मिल मजदूरों के नेता राजकुमार त्यागी ग्रामीण चौकीदार से रणजीत सिंह वीएलडीए डिप्लोमा एसोसिएशन से शमशेर सिंह नैन शुगर मिल के सचिव कंवर पाल शर्मा आदि ने भी संबोधित किया
▫️पुरानी पेंशन प्रणाली लागू हो और अब तक एनपीएस में आ चुके कर्मचारी उसमे शामिल हो। ▫️निजीकरण ठेका प्रथा बंद होगा। छंटनी ग्रस्त कर्मचारी बहाल हो राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइप लाइन योजना बंद हो।
▫️सभी प्रकार के अनुबंध, आउटसोर्सिंग,स्कीम,प्रोजेक्ट,पार्ट टाइम,अतिथि,एक्सटेंशन या किसी भी नाम के कच्चे कर्मचारी पक्के हो यह प्रक्रिया पूरी होने तक पक्को के समान वेतन भत्ते व सभी सुविधाएं मिलें और पूर्ण सेवा सुरक्षा हो।
▫️आबादी के अनुपात में नए पद बने नए व खाली लगभग 10 लाख पदों पर अकादमिक मेरिट से पक्की भर्ती और इसमें आरक्षण का बैकलॉग भरा जाए कच्ची भर्ती बंद हो और कौशल रोजगार निगम भंग हो लिपिक का वेतन 35400 हो।
▫️विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता कायम रहे निर्णय लेने में शिक्षकों व कर्मचारियों की भागीदारी हो। ▫️लेबर कोड बिजली बिल व नई शिक्षा नीति वापस हो
▫️खेती टिकाऊ व लाभकारी हो तथा सार्वभौमिक सस्ता राशन मिले।
▫️समयबद्ध पदोन्नति (एसीपी) लाभ बिना शैक्षिक या अन्य शर्त 4,9 व 14 वर्ष की सेवा पर मिले एचआरए के स्लैब में बदलाव हो वेतन व ग्रेड पे की विसंगतियां दूर करो और बकाया डीए के एरियर का भुगतान करो
▫️ग्रुप डी के कर्मियों का पदोन्नति कोटा बढ़ाकर 50% और समय घटाकर 2 साल किया जाए
▫️पेंशनर्स को 65,70,75 व 80 वर्ष आयु में बेसिक पेंशन में 5% बढ़ोतरी मिले।
▫️सभी के लिए कैशलेस चिकित्सा के लिए सरकारी अस्पतालों को समर्थ/सक्षम बनाया जाए केवल अनुपलब्धता की स्थिति में बाहर बीमा आधारित की बजाय पूर्णता कैशलेस हो।
▫️संपत्ति क्षति पूर्ति कानून एस्मा और 311 (2बी) आदि काले कानून निरस्त किया जाए।